सावधान! जोड़ों में दर्द बढ़ा सकते हैं ये टेस्टी फूड्स, आज ही बना लें दूरी

Joint Pain

अर्थराइटिस के कारण मरीजों को जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। अर्थराइटिस को साधारण बोलचाल की गठिया और जोड़ों का दर्द भी कहते हैं। इसके कारण हड्डियों के जोड़ों में काफी दर्द होता है। अर्थराइटिस का दर्द उंगलियों के ज्वॉइंट्स से लेकर घुटनों के जोड़ों में हो सकता है। 

अर्थराइटिस के कारण

  • एक्सरसाइज ना करना।
  • शारीरिक श्रम की कमी।
  • घटों एक की जगह पर बैठे रहना।
  • मीठे पेय पदार्थों का अधिक सेवन करना।
  • नशा और धूम्रपान अधिक करना।
  • मोटापा अधिक बढ़ना।
  • जॉइंट के सॉफ्ट टिश्यूज में गहरी चोट लगना और समय पर इलाज ना कराना।

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शुगर का सेवन

अर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित लोगों को अधिक मीठे का सेवन नहीं करना चाहिए। स्वीट फॉर्म में हो या फिर लिक्विड फॉर्म में किसी भी रूप में शुगर का सेवन ना करें। मीठा अधिक खाने से शरीर में सूजन की समस्या बढ़ती है। जिससे कारण अर्थराइटिस में अधिक दर्द होता है। इसलिए  कैंडी, लॉकलेट्स,  सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा जैसी चीजों के सेवन से दूर रहें।

डेयरी प्रॉडक्ट्स

डेयरी प्रॉडक्ट्स सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। शरीर में प्रोटीन की कमी से कई समस्याएं होने लगती हैं, लेकिन अर्थराइटिस के मरीज को डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन करने के लिए मना किया जाता है। क्योंकि डेयरी प्रॉडक्ट्स में कुछ ऐसे प्रोटीन पाए जाते हैं, तो अर्थराइटिस की समस्या को बढ़ा सकते हैं। 

कई ऑर्थोपेडिक रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन अर्थराइटिस के मरीजों को नहीं करना चाहिए, इससे दर्द की समस्या काफी बढ़ सकती है। मरीजों को सुझाव दिया जाता है कि वे दही, दूध,  छाछ और अंडे जैसी हाई प्रोटीन चीजों से दूर रहें।

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साधारण नमक

नमक के बिना खाना अधूरा है, लेकिन अर्थराइटिस के मरीजों के लिए साधारण नमक घातक साबित होता है। ऐसे में इन मरीजों को पिंक नमक या काला नमक का सेवन करना चाहिए। इससे सेहत को लाभ भी काफी होता है। 

अर्थराइटिस के मरीजों को फास्ट फूड्स से दूरी बना लेनी चाहिए। क्योंकि फास्ट फूड में साधारण नमक अधिक होता है। जो ना केवल अर्थराइटिस की परेशानी को बढ़ाता है, बल्कि इससे रुटीन हेल्थ को भी काफी नुकसान पहुंचता है।

सैचुरेटेड फैट से बचें

मैदा और बटर की चीजों से अर्थराइटिस के मरीजों को दूर रहना चाहिए। क्योंकि इसके सेवन से सूजन की समस्या बढ़ती है। खासतौर पर फास्ट फूड जैसे- बर्गर, पिज्जा, चीज, पाव इत्यादि चीजों का सेवन बिलकुल ना करें। अर्थराइटिक के मरीजों के लिए ये जहर के समान होता है। 

नशा और स्मोकिंग

अगर आप अर्थराइटिस के मरीज हैं, तो शराब और स्मोकिंग करना छोड़ दें। स्मोकिंग करने से अर्थराइटिस की समस्या काफी बढ़ती है। 

एल्कोहॉल के सेवन से अर्थराइटिस के मरीजों को दर्द अधिक झेलना पड़ता है। उन्हें शराब से Gout की समस्या हो सकती है। यह अर्थराइटिस का एक प्रकार है, जो सामान्य से अधिक खतरनाक होता है।

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ग्लूटन के कारण दर्द

बहुत से ऐसे अर्थराइटिस के मरीज होते हैं, जिन्हें ग्लूटन से एलर्जी होती है। अगर आपको ग्लूटन से एलर्जी है, तो गेंहू की रोटी, ब्रेड और चीज खाना छोड़ दें। इसके बदले आप आप मल्टीग्रेन आटे का सेवन कर सकते हैं। डॉक्टर के सुझाए गए अपने डायट को बदलें। 

फ्रैंच फ्राइज

फ्रैंच फ्राइज अधिकतर लोगों को बहुत ही पसंद होता है। लेकिन अर्थराइटिस के मरीजों को इस टेस्टी फूड से दूरी बना लेनी चाहिए। क्योंकि इसे वेजिटेबल ऑयल से तैयार किया जाता है, जिसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है।

इसके अलावा ये कार्बोहाइड्रेट और सोडियम से भरपूर होता है, जो शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करती है। इससे जोड़ों में दर्द काफी बढ़ता है।

ठंडी चीजें

बुखार या कफ-कोल्ड में ठंडी चीजों का सेवन शरीर में दर्द बढ़ा सकता है। आर्थराइटिस के मरीजों को भी ठंडी चीजों का सेवन करने के लिए मना किया जाता है। इससे दर्द काफी बढ़ने की संभावना होती है। 

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