स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day 2020) मनाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य डेंगू मच्छर और इस जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना है। मई महीना खत्म होते ही, भारत में हर साल मानसून दस्तक देता है। इस मौसम में मच्छर काफी पनपते हैं, जिसमें डेंगू के मच्छर (Dengue Mosquito) भी शामिल हैं।
मानसून शुरू होने के साथ ही देश में डेंगू फैलने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। डेंगू बारिश के सीजन में काफी तेजी से फैलता है। क्योंकि इस मौसम में मच्छर को पनपने के लिए ये सबसे अनुकूल परिस्थिति होती है। इसलिए इस सीजन में सतर्क होने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। बता दें कि डेंगू का मच्छर अन्य मच्छरों की तुलना में काफी अलग होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं डेंगू के मच्छर में क्या अलग होता है?
ये भी पढ़ें – क्या माउथवॉश से नष्ट किया जा सकता है कोरोनावायरस? जानें क्या कहती है रिसर्च
डेंगू का मच्छर कैसा होता है ? (What is a dengue mosquito like?)
डेंगू जिस मच्छर के काटने से फैलता है, उसका नाम है मादा एडीज मच्छर। (National Dengue Day 2020) यह मच्छर दिखने में सामान्य मच्छर से अलग होता है। डेंगू के मच्छर के शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है। इस मच्छर की सबसे अलग बात ये है कि ये मच्छर रोशनी में ही लोगों को काटते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो डेंगू के मच्छर सुबह के समय सबसे अधिक काटते हैं। वहीं, यदि रात में जहां रोशनी ज्यादा होती है, वहां मच्छर अधिक काटते हैं। इसलिए सुबह और दिन के समय ज्यादा सतर्क होने की जरूरत होती है।
ये भी पढ़ें – संक्रमित पुरुषों के सीमेन में मिला कोविड 19 वायरस, तो अब क्या सेक्स करने से भी फैल सकता है कोरोना?
एडीज इजिप्टी मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक उड़ नहीं पाता है। इसकी उड़ने की क्षमता इंसान के घुटनों तक ही होती है। इसलिए हमेशा अपने शरीर को पूरा ढकें रखें। ताकि आप मच्छर से बच सकें। सुबह के समय अपने पांवों को अच्छी तरह से ढक कर रखें। डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में अधिक पनपते हैं। साफ-सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इस मच्छर से अधिक खतरा होता है।
कब चलता है डेंगू का पता? (When does dengue detect?)
डेंगू मच्छर के काटते के तुरंत बाद इसके लक्षण सामने नहीं आते हैं। इसका प्रभाव मच्छर के काटने के कुछ दिनों बाद दिखता है। एडीज मच्छर द्वारा काटे जाने के करीब 3-5 दिनों बाद डेंगू के लक्षण सामने आते हैं। दुनिया भर में मच्छरों की करीब 3 हजार 500 प्रजातियां हैं। लेकिन इन मच्छरों में ज्यादातर ऐसे नस्ल हैं, जो इंसानों को परेशान नहीं करती हैं। मच्छरों की सिर्फ छह फ़ीसदी प्रजातियां ही इंसानों का खून पीती हैं।