Cancer Symptoms: हाल ही में बॉलीबुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का निधन कैंसर की वजह से हुआ। ऋषि कपूर बोन मैरो कैंसर के पीड़ित थे, उनका काफी समय से न्यूयॉर्क में इलाज चल रहा था। कैंसर एक ऐसी बीमारी होती है, जिसका पता काफी देरी से चलता है। (Cancer Symptoms) क्योंकि कैंसर के लक्षण जल्द सामने नहीं आते हैं। आज हम आपको कैंसर के कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। इससे पहले जानते हैं आखिर कैंसर होता क्या है?
क्या है कैंसर? (What is Cancer)
कई कोशिकाओं से मिलकर हमारा शरीर बना होता है। शरीर को जैसे-जैसे इन कोशिकाओं की जरूरत होती है, वैसे वैसे ये कोशिकाएं नियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं और हमारे शरीर में बढ़ती हैं। (Cancer Symptoms) कई बार शरीर को इन कोशिकाओं की जरूरत वहीं होती है, लेकिन फिर भी इन कोशिकाओं का विकास जारी रहता है। कोशिकाओं का ये असामान्य विकास ही कैंसर कहलाता है। इसमें कोशिकाओं का सामान्य नियंत्रण खा जाता है।
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कोशिकाओं का एक ग्रुप लगातार असामान्य रूप से बढ़ता जाता है, जो अपने आसपास के ऊतकों (Tissue) पर हमला कर देते हैं। इससे ये ऊतक शरीर के दूर हिस्सों में पहुंचता है और लसिका या ब्लज के जरिए शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाता है। कैंसर शरीर के किसी भी ऊतकों में विकसित हो सकती हैं। कैंसर कोशिकाएं एक ग्रुप का रूप धारण कर लेती हैं, जो ट्यूमर कहलाता है। शरीर में मौजूद ये ट्यूमर आस पास के ऊतकों पर आक्रमण करके इन्हें नष्ट कर देती हैं।
कैंसर के प्रमुख लक्षण
कैंसर की कोशिकाएं जब शरीर में छोटे स्वरूप में होती हैं, तो इसके लक्षण नहीं दिखते हैं। जैसे-जैसे ये कोशिकाएं शरीर में बढ़ती हैं, वैसे-वैसे इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। कैंसर कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण आसपास के ऊतक प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही कुछ कैंसर के कारण शरीर से कुछ पदार्थों का स्राव भी होने लगता है।
दर्द (Pain)
शरीर में कैंसर कई तरह के होते हैं। कुछ कैंसर के शुरुआत में दर्द नहीं होता, लेकिन कुछ कैंसर का शुरुआती लक्षण दर्द हो सकता है। जैसे- जिन लोगों को ब्रेन ट्यूमर होता हैं, उन्हें सिर दर्द की समस्या अधिक होती है। इसके साथ ही गर्दन और एनोफेजियल कैंसर के मरीजों को निगलने में काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। शरीर में जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, इसके लक्षण भी वैसे-वैसे नजर आने लगते हैं। कैंसर शरीर में जितनी तेजी से फैलता है, मरीज को दर्द का सामना उतना ही अधिक करना पड़ता है। हालांकि, बहुत से ऐसे कैंसर हैं, जिसमें गंभीर दर्द का सामना नहीं करना पड़ता है।
ब्लीडिंग (Bleeding)
कैंसर के शुरुआत में मरीजों को थोड़ा सा खून आ सकता है। क्योंकि कैंसर की वजह से रक्त वाहिकाएं नाजुक होती हैं। बाद में कैंसर की कोशिकाएं बढ़कर अपने आसपास के ऊतकों पर हमला करती हैं, तो रक्त वाहिका पर भी इसका असर पड़ता है, जिससे रक्तस्त्राव होने लगता है। इससे मामूली ब्लीडिंग होती है, जिसका निदान किया जा सकता है या नहीं, ये परीक्षण करने पर पता लग सकता है। कोलोन कैंसर के प्रारंभिक चरण में अक्सर ऐसा होता है। एडवांस कैंसर (advanced Cancer) में अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। यह ब्लीडिंग मरीज के जीवन के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है।
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पाचन तंत्रिकाओं में होने वाले कैंसर में ब्लीडिंग मल में हो सकती है। मूत्र पथ से जुड़े कैंसर में मरीज को यूरीन निकालने के दौरान ब्लीडिंग हो सकती है। इसके साथ ही अन्य कैंसर में शरीर के आंतरिक हिस्सों से खून निकल सकता है। फेफड़ों के कैंसर में मरीज को खांसते और छींकते वक्त ब्लीडिंग होती है।
ब्लड क्लॉट्स (Blood Clotting)
कैंसर के कारण शरीर में कुछ ऐसे पदार्थों का निर्माण होता है, जो शरीर में ब्लड क्लॉटिंग का कारण बनता है। मुख्यत: पैरों की नसों में ऐसा होता है। पैरों की नसों में खून का थक्का कभी-कभी टूट जाता है, जो पूरे शरीर में फैल जाता है. जो मरीज के लिए घातक होता है। फेफड़े, अग्नाशय, अन्य सॉलिड ट्यूमर वाले मरीजों में और ब्रेन ट्यूमर में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा अधिक होता है।
वजन घटना और थकान (Weight Loss & Stress)
कैंसर के मरीजों का वजन काफी तेजी से घटता है। इसके साथ-साथ इन्हें थकान का अनुभव भी काफी जल्दी होता है। कैंसर जैसे-जैसे बढ़ता है, ये कंडीशन उतना ही खराब होता जाता है। कुछ मरीजों का डायट अच्छा होता है, फिर भी उनका वजन घटने लगता है। वहीं, कुछ लोगों में भूख की कमी, खाना निगलने में कठिनाई होती है। ऐसे मरीज काफी पतले हो जाते हैं। एडवांस कैंसर (Advance Cancer) वाले मरीज अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं। अगर इन मरीजों में एनीमिया विकसित हो जाता है, तो इनकी गतिविधि कम होने के साथ-साथ सांस की कमी भी होने लगती है।