World Vitiligo Day 2020: सफेद दाग एक स्किन से जुड़ी समस्या है। इसे मेडिकल की भाषा में विटिलिगो कहते हैं। हर साल 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे 2020 मनाया जाता है। (World Vitiligo Day 2020) इस दिवस को मानने का उद्देश्य लोगों में इस रोग के प्रति भ्रातियों को समाप्त करना है। विटिलिगो के कारण व्यक्ति के शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद दाग के निशान हो जाते हैं। इस समस्या में व्यक्ति के स्किन पर प्राकृतिक रंग के स्थान पर छोटे-छोटे सफेद धब्बे दिखाई देते हैं।
ये भी पढ़ें – गले में खराश और दर्द से हैं परेशान? अपनाएं ये आसान से 8 घरेलू उपाय
शुरुआत में मरीज के हाथ, पांव, गर्दन, कोहनी और कमर जैसे हिस्सों पर सफेद धब्बे दिखते हैं। धीरे-धीरे ये धब्बे आपस में मिलकर बड़े हो जाते हैं। (World Vitiligo Day 2020) इस तरह से शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद दाग फैलते हैं। इस समस्या में मरीज को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है। चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर सफेद दाग दिखने की वजह से वे कुरुप दिखते हैं, जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में रहते हैं।
सफेद दाग होने के कारण (Reason of White Spots)
किसी कारण से स्किन का प्राकृतिक रंग बनाने वाली कोशिकाएं जिन्हें ‘मेलेनोसाइट्स’ कहते हैं, वह नष्ट होने लगती हैं। इन कोशिकाओं के नष्ट होने की वजह से शरीर पर सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं। विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इसके कारण स्वस्थ कोशिकाएं आपस में नष्ट होनी लगती हैं।
ये भी पढ़ें – बिना वर्कआउट किए कुछ ही दिनों में वजन करें कम, बस घर पर करें ये 5 आसान से काम
विटिलगो कई कारणों से हो सकता है। दुर्बल्यता, आनुवांशिकी, चिंता, बच्चों में पेट के कृमि, तनाव इत्यादि के कारण सफेद दाग की समस्या हो सकती है। समाज में विटिलिगों यानि सफेद दाग को लेकर कई सारी भ्रांतियां मौजूद हैं। कुछ लोगों को लगता है कि यह बीमारी छूने से फैलती है। चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ भ्रांतियों के बारे में-
समाज में फैली भ्रांतियां और निवारण
छूत की बीमारी नहीं है विटिलिगो
बहुत से लोगों ने यह धारणा बना ली है कि विटिलिगो यानि सफेद दाग छूत की बीमारी है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति जिसके भी संपर्क में आएगा, वह विटिलिगो से प्रभावित हो सकता है। लेकिन आपको बता दें कि यह एक मिथ है। विटिलिगो छूत की बीमारी नहीं है, यह रोग छूने, साथ बैठने से नहीं फैलता।
आनुवांशिक रोग होने की धारणा
समाज में बहुत से लोगों का ये मानना है कि सफेद दाग की समस्या जिन लोगों को होती है, उनके बच्चों को भी यह रोग हो सकता है, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। सिर्फ 10 प्रतिशत मामलों में ऐसा हो सकता है।
सफेद कुष्ठ रोग
विटिलिगो सफेद कुष्ट रोग है यह धारणा भी मिथ है। यह कुष्ठ रोग नहीं है। सफेद दाग से ग्रसित लोगों से घृणा करने की अपेक्षा, उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। ऐसे रोग से ग्रसित लोगों को समाज में अपनाना चाहिए, ताकि वे किसी तरह के डिप्रेशन में ना रहें।