इंडोनेशिया के इस अनोखे प्रयोग से तेजी से कम हुए डेंगू मामले

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Dengue Symptoms in Hindi
इंडोनेशिया के इस अनोखे प्रयोग से तेजी से कम हुए डेंगू मामले

Dengue Symptoms: बारिश के मौसम में मच्छरों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि के फैलने की संभावना भी काफी अधिक बढ़ जाती है। (Dengue Symptoms) इसी को लेकर कुछ समय पहले इंडोनिशिया में एक अनोखे तरह का रिसर्च किया गया। इस रिसर्च के बाद वहां के शहर में डेंगू के मामलों में 77 प्रतिशत तक कमी हो गई है। रिसर्च की सबसे अनोखी बात यह है कि यह रिसर्च किसी इंसानों पर नहीं, बल्कि मच्छरों पर की गई है।

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मच्छरों पर केंद्रित रह प्रयोग

अब तक के किसी भी प्रयोग में डेंगू, मलेरिया के इलाज को लेकर उसके लक्षणों, दवाइयों का असर और संक्रमण फैलने वाले हालातों पर केंद्रित रहा है। (Dengue Symptoms) लेकिन इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने मच्छरों को अपना केंद्र बनाया, जिसके परिणाम स्वरुप डेंगू के मामले काफी कम हुए, जो काफी चौंकाने वाला है।

क्या किया शोधकर्ताओं ने

इस प्रयोग पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स ने इस प्रयोग में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों में एक खास तरह का बैक्टीरिया डाल कर उन्हें सामान्य वातारवरण में छोड़ दिया। वोलबाचिया नामक यह बैक्टीरिया प्राकृतिक कीड़ों की कुछ प्रजातियों में पाए जाते हैं। इन कीड़ों में कुछ मच्छर भी शामिल हैं। लेकिन वे मादा एंडीज (Aedes aegypti) मच्छर नहीं जो डेंगू फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं ये बैक्टीरिया उन मच्छरों में भी नहीं होता जो जीका, चिकनगुनिया और येलो फीवर जैसी बीमारियां फैलाते हैं।

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इस बैक्टीरिया में क्या है खास

इंडोनेशिया में हुए इस रिसर्च के पीछे साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ एक रिसर्च है। इस रिसर्च में वर्ल्ड मॉस्कीटो प्रोग्राम (WMP) नाम के एक रिसर्च समूह ने खोजा कि एडीज एगिप्टी मच्छर तब डेंगू नहीं फैला सकते जब उनमें वोलबाचिया बैक्टीरिया मौजूद होता है। इस बैक्टीरिया की मौजूद क में डेंगू वायरस पनप नहीं पाता है।

किस आधार पर हुआ रिसर्च

इस रिसर्च के आधार पर दो साल पहले शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च के तहत इस बैक्टीरिया वाले मच्छरों को इंडोनेशिया के शहरों के कुछ हिस्सों में छोड़ दिए। बुधवार को इस रिसर्च के परिणाम घोषित किए गए हैं, जिसमें बताया गया कि इस रिसर्च के तहत डेंगू के मामलों में 77 प्रतिशत तक कि कमी आई है।

व्यापक तौर पर कैसे होता है असर

व्यापक तौर पर असर करने के लिए बैक्टीरिया वाले मच्छरों को स्थानीय मच्छरों के बीच छोड़ दिया जाता है। ऐसे में जब वे मच्छर इन मच्छरों के आसपास रहते हैं, तो आपस में संकरण होने लगता है और धीरे धीरे सभी मच्छरों में यह बैक्टीरिया प्राकृतिक रूप से पहुंचने लगता है। ऐसा होते-होते एक समय में सभी स्थानीय मच्छरों में यह बैक्टीरिया पहुंच जाता है।

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