उत्तर प्रदेश में अगले महीने लगेगा कोरोना टीका, जानें वैक्सीन के बारे में कुछ बाते

COVID-19 Vaccine: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता तक अगले माह यानी जनवरी में वैक्सीन पहुंचने का दावा किया है। वैक्सीन को लेकर सरकार की तैयारियां आखिरी चरण में चल रही हैं। ब्रिटेन (Britain) में पहला कोरोना टिका (COVID-19 Vaccine) लगने के बाद अब भारत में भी इसको लेकर तैयारी शुरू है. भारत में कोरोना वेक्सीन को लेकर लोगों में कई तरह के सवाल उठ रहे है।

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आपको बता दे, डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) को लेकर फैल रहे गलत खबरों को ख़तम करने के लिये #ASKWHO की शुरुआत की है। आप भी इस हैशटैग का इस्तेमाल करके कई सवालों के जवाब जान सकते हैं। वैक्सीन के तीसरे चरण के सफल होने के बाद अफवाहों का बाजार भी गर्म है, तो चलिए आज जानते है वैक्सीन के बारे में मिथ और उससे जुड़े तथ्य।

मिथ: क्या कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद शरीर बीमार हो जायेगा?

तथ्य: कोविड-19 वैक्सीन के दुष्प्रभाव (Side Effects of COVID-19 Vaccine) से थोड़ा बुखार या दर्द होना सामान्य है पर अभी तक वैक्सीन लगने से किसी गंभीर स्थिति या बीमारी का मामला सामने नहीं आया है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो किसी भी वैक्सीन से अभी तक ट्रायल में शरीर पर गंभीर प्रतिक्रिया नहीं हुई है।

मिथ: क्या गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 के वैक्सीन लगने से खतरा है?

तथ्य: शुरुवाती चरण में वैक्सीन स्वास्थ्य कर्मियों को दी जानी है अगर क्लिनिकल ट्रायल सफल हुआ तभी ये वैक्सीन अन्य लोगों को लगाई जाएगी. जहां तक गर्भवती महिलाओं की बात है तो इस विषय पर ट्रायल अभी जारी है। जो महिलाएं 3 माह के भीतर गर्भधारण की तैयारी कर रहीं हैं, उन्हें वैक्सीन फिलहाल नहीं दिया जायेगा। गर्भवती महिलाओं में परीक्षण करने के बारे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इसका असर गर्भस्थ शिशु पर हो सकता है या फिर नहीं।

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मिथ: क्या वैक्सीन लगवाने के लिये अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा?

तथ्य: वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट डॉक्टर की निगरानी में रहना होगा. लेकिन वैक्सीन लगने के बाद अस्पताल में भर्ती नहीं किया जायेगा। इस दौरान अगर व्यक्ति को कोई भी परेशानी होती है तो डॉक्टर की सलाह पर उसे भर्ती किया जा सकता है। टीका लगने में अभी कुछ माह और लगेगा हैं। इस समय सरकार देश भर में सर्वे शुरू करवा चुकी है। सर्वे के मदत से उन लोगों की सूची तैयार की जा रही है जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज लगाई जायेगी।

मिथ: क्या जिन लोगों को कोविड संक्रमण हो चुका है, उन्हें टीका नहीं लगवाना पड़ेगा?

तथ्य: जो लोग कोविड से उबर चुके हैं उनमें एंटीबॉडीज विकसित करने की क्षमता होती है हालांकि इस पर अभी तक कोई खास सबूत नहीं है जो ये बताये की कोरोना संक्रमित के शरीर में कितने समय तक एंटीबॉडीज रहते हैं। टीकाकरण (COVID-19 Vaccine) का मतलब रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए वायरस या वायरस के कुछ हिस्सों पर असर डालना है। उदहारण के लिये अगर कोई व्यक्ति चिकनपॉक्स से उबर गया है, तो एक टीका लगाना पर्याप्त है, लेकिन फ्लू के लिए लोगों को नियमित रूप से बूस्टर शॉट्स लेने पड़ते हैं। इस आधार पर कोविड संक्रमितों को भी टीके की डोज दी जा सकती हैं।

मिथ: क्या वैक्सीन लगवाने के बाद कोविड का खतरा नहीं रहेगा?

तथ्य: देश व विदेश में बनने वाली वैक्सीन केवल कोरोना वायरस को धीमा करने में सफल साबित हुई है, इससे कोविड न होने की 100% गारंटी के तौर पर अभी तक देखा नहीं जा सकता। टीका लगने के बाद भी लोगो को मास्क लगाना, उचित दूरी बरतने जैसी सावधानी का ध्यान रखना होगा। वैक्सीन कितने समय तक कोविड से बचा के रखेगी ये वेक्सीन लगने के बाद ही पता चलेगा। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो एक डोज का असर लंबे समय तक रहेगा। व्यक्ति के शरीर को बाहरी वायरस से बचा के रखने के लिये वैक्सीन लगातार एंटीबॉडी बनाता रहेगा।

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मिथ: क्या दिमाग पर बुरा असर डालेगी कोविड-19 वैक्सीन?

तथ्य: जैसे-जैसे शोध प्रकाशित हो रहे हैं हमें कोरोना वायरस को समझने में काफी मदद मिल रही है। अगर कोरोना के लक्षणों की बात की जाये तो खांसी, बुखार के अलावा ये सूंघने की शक्ति पर भी असर दिखता है. और अब लोगों के मन में इस बात का डर बना है कि वैक्सीन लेने के बाद दिमाग पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। अमरिकन मैग्जीन जामा न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक कोरोना की वजह से जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से कुछ की अटॉप्सी रिपोर्ट में भी दिमाग के हिस्सों में बदलाव नजर आया है। रिसर्च में बताया गया है कोरोना ग्रसित व्यक्ति के दिमाग पर वायरस का असर दो से तीन हफ्तों में होता है।

मिथ: कोविड-19 वैक्सीन का दाम कितना होगा?

तथ्य: कोरोना वैक्सीन की दौड़ में शामिल दो सफल कंपनी फाइजर और सीरम इंस्टिट्यूट ने टीकाकरण की प्रक्रिया को भारत में तेजी से आगे बढ़ाने की मांग की है। भारत में फिलहाल पांच टीकों पर परीक्षण चल रहा है, जिनमें सीरम इंस्टिट्यूट व ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का परीक्षण आखिरी चरण में है। सीरम इंस्टिट्यूट की ओर से जारी बयान के मुताबिक ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की कीमत भारत में दो खुराक के लिए लगभग 1000 रुपये हो सकती है। वहीं फाइजर वैक्सीन की बात की जाये तो उसकी कीमत 39 डॉलर बताई गई है। और सरकार की ओर से लगातार वैक्सीन को सस्ती कीमत में लोगो तक उपलब्ध करवाने की उम्मीद जताई जा रही है।

मिथ: क्या वैक्सीन लगने के बाद कोरोना मुक्त होगा साल 2021?

तथ्य: कोरोना वैश्विक माहमारी से दुनिया जूझ रही है ऐसे में कोविड-19 के अभी पूरी तरह खत्म होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो टीका 100 % कोरोना से बचाव का दावा नहीं करता। लेकिन वेक्सीन लगने के पहले चरण के बाद ये पता चल जाएगा की वैक्सिन हमारे लिए कितना सही है!

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मिथ: क्या टीकाकरण के पहले चरण में बच्चों को दी जायेगी वैक्सीन?

तथ्य: माता-पिता के मन में ये सवाल है कि क्या उनके बच्चों को पहले चरण में वैक्सीन दी जायेगी। इसका जवाब है नहीं। बच्चों को पहले चरण का हिस्सा नहीं बनाया गया है। डॉक्टरों की राय के अनुसार वर्तमान टीके बच्चों के लिए फिट नहीं हो सकते है. और दवा कंपनियों को उनके लिए अलग से परीक्षण शुरू करना होगा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के आंकड़ों के मुताबिक, COVID-19 वायरस का प्रकोप बड़ों की तुलना में बच्चों पर कम है इसलिये फिलहाल 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं दी जायेगी।

मिथ: क्या बच्चों के लिए नुकसानदायक होगी कोरोना वैक्सीन?

तथ्य: अभी तक वैक्सीन से हुए किसी भी गंभीर परेशानी या लक्षण की पहचान नहीं की गई है इसलिये माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है। अभी बच्चों के लिए परीक्षण शुरूआती चरण में हैं। कुछ ड्रगमेकर्स ने विदेशों में छोटे बच्चों के साथ परीक्षण शुरू कर दिया है। बच्चों में वयस्कों की तुलना में मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली होती है जिससे उन पर दुष्परिणाम का खतरा कम होता है। यह इंजेक्शन किसी भी अन्य डोज की तरह कुछ दिनों के लिए दर्द और सूजन दे सकता है पर वे इस बात का भी सबूत माने जाते हैं कि प्रतिरक्षा प्रणाली वह कर रही है जो उसे करना चाहिए।

आपको वैक्सीन के बारे में गलत अफवाहें सुनने को मिलें इसे पहले ही आप अप – टू – डेट रहे. आपको ये बात समझना चाहिए की सरकार वैक्सीन कि डोज तभी जनता को देगी जब वो उसके सेहत के लिए सही होगी. तो आप कोरोना वैक्सीन से जोड़ी अपवाहो पर ध्यान ना दे!

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