Corona and Heart Attack: कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से हॉस्पिटल में लोगों को जगह नहीं मिल रही है। इसकी वजह से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। हालांकि, इस बारे में हेल्थ अथॉरिटीज का कहना है कि कोरोना के 80 फीसदी मरीजों को अस्पताल में एडमिट करने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना के मरीज घर में ही टेलीकंसल्टेशन की मदद से ठीक हो सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से कई साइड-इफेक्ट्स भी देखे गए हैं। कोरोना से लंबे समय तक इंफेक्टेड होने की वजह से कई लोगों के हार्ट डैमेज हुए हैं। हाल ही में मशहूर टीवी चैनल के पत्रकार रोहित सरदाना (Rohit Sardana) की भी इसी कारण मृत्यु हुई है। रोहित काफी लंबे समय से कोरोना से संक्रमित थे। जिसके बाद हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
ऑक्सफोर्ड जर्नल ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से संक्रमित 50 फीसदी अस्पताल में रहने वाले मरीजों का रिकवरी के बाद हार्ट डैमेज हुआ है। ऐसे में रिकवरी होने के बाद भी हार्ट रेट चेक करना जरूरी हो गया है। इसे अनदेखा करना जानलेवा साबित हो सकता है।
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इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस शरीर में इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करता है, जिससे हमारे दिल की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। इसके कारण हमारे दिल की धड़कनों की गति प्रभावित होने लगती हैं। साथ ही ब्लड क्लॉटिंग की समस्या भी असामान्य रूप से होने लगती है।
कब हो सकता है हार्ट फेल? (When heart Fail Occurs)
किसी भी व्यक्ति का हार्ट फेल तब होता है, जब उसके दिल की मांसपेशियां ब्लड को उतनी तेजी से पंप नहीं कर पाती हैं, जितनी की उसको जरूरत होती है। (Relationship between corona and heart attack) इस स्थिति में संकुचित धमनियां और हाई ब्लड प्रेशर की वजह से दिल पर्याप्त रूप से पंपिंग नहीं कर पाता है। इन समस्या के कारण मरीज की हालत बिगड़ने लगती है। सही समय पर इलाज नहीं कराया गया, तो हार्ट अटैक आ सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण (Heart Attack Symptoms)
अगर कोरोना से संक्रमित होने के बाद आपको छाती में हल्का सा भी दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा अगर आपको संक्रमित होने से पहले या बाद में हार्ट डिसीज हुआ है, तो अपना इमेजिंग टेस्ट कराएं। इससे आपको पता चल सकेगा कि आपके दिल की मांसपेशियां कितनी प्रभावित हुई हैं। ये हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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इसके अलावा कई मरीजों को गंभीर लक्षण दिख सकते हैं। कोरोना की वजह से कई लोगों को क्रॉनिक हार्ट मसल्स वीकनेस, लो हार्ट इजेक्शन फ्रैक्शन और कार्डिएक एनलार्जमेंट जैसी समस्या हो सकती है। कोविड मरीजों का कार्डियोमायोपैथी करना अधिक खतरनाक हो सकता है। इसलिए हार्ट फेलियर का खतरा ज्यादा हो सकता है।
इसके अलावा अगर आपको कमजोरी, दिल में इंफ्लेशन, ब्लड प्रेशर जैसी समस्या है, तो डॉक्टर से उचित सलाह लें। इससे आपकी समस्या समय रहते ठीक हो सकती है।
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