Congenital Heart Disease: दिल की बीमारी देश में लगातार बढ़ती जा रही है। हृदय रोग से भारत में हर साल लगभग 17 लाख लोगों की मौत हो जाती है। हाल ही में एक रिसर्च हुआ है। इस रिसर्च के मुताबिक, 1000 में से करीब 10 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित होते हैं। (Congenital Heart Disease) आइए आज जानते हैं हृदय रोग क्या होता है और कैसे इस बीमारी से बचाव करें।
क्या है जन्मजात हृदय विकार?
जन्मजात हृदय विकार का मतलब होता है दिल के आकार का सही ना होना या फिर दिल में छेद होना। विशेषज्ञों के अनुसार, जन्मजात हृदय विकार जन्म से ही होता है। (Congenital Heart Disease) इसमें बच्चे को जन्म से ही हृदय और उसकी प्रमुख नलिकाओं की संरचना विकृति होती है। 1,000 में से 10 बच्चों को जन्म से ही हृदय विकृति के शिकार होते हैं। उचित उपचार ना होने के कारण भारत में लगभग 10% बच्चे इस विकास से अपनी जान गवां देते हैं।
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क्या होता है दिल में छेद होना?
यह दिल से जुड़ी जन्मजात बीमारियों में से है। इसे कंजेनाइटल हार्ट डिजीज भी कहते हैं, जो गर्भ में ही शिशु के अंदर ग्रोथ करता है।
शिशु में हृदय विकृति के लक्षण?
- छाती में बार-बार संक्रमण
- नीलेपन (सायनोसिस)
- धड़कने तेज होना
- बार-बार तेज बुखार होने की शिकायत
- सीने में अचानक तेज दर्द होना।
- स्तनपान करने में परेशानी
- दूध पीते समय शिशु को पसीना आना
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बड़े बच्चों में दिखने वाले लक्षण
- धड़कनें तेज होना
- जल्दी थकान महसूस करना
- चक्कर आना
- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
- खाने में परेशानी
- उठने-बैठने में दिक्कत
जन्मजात हृदय विकृति के कारण
- अनुवांशिक
- अपने ही रिश्तेदार से शादी करना
- गर्भावस्था के दौरान रूबेला वायरस
- अधिक बच्चों के होने पर
- प्रेग्नेंसी में अधिक दवाई खाने पर, बच्चे को दिल की बीमारी हो सकती है।
कैसे कर सकते हैं बचाव?
- अगर परिवार में कोई हार्ट डिजीज से पीड़ित है, तो बच्चे के जन्म के बाद चेकअप कराएं।
- हृदय रोग विशेषज्ञों से शिशु की जांच करवाएं।
- कंजेनाइटल हार्ट डिजीज से ग्रसित बच्चों को फैमिली सपोर्ट की अधिक जरूरत होती है।
- ऐसे बच्चों की देखभाल करें और प्यार से उन्हें रखें।
- अगर इस बीमारी से पीड़ित बच्चे स्कूल जाते हैं, तो टीचर्स को भी बच्चों को सपोर्ट करने के लिए कहें।
- टीचर्स को समझाएं की आपका बच्चा हैंडीकैप नहीं हैं। बच्चा दिल से कमजोर है, लेकिन दिमाग दूसरें बच्चों की तरह ही एक्टिव है।
कंजेनाइटल हार्ट डिजीज का इलाज
इस हर्ट डिजीज से पीड़ित बच्चों की सर्जरी की जाती है। अमेरिका में 5 साल के होने पर बच्चों की सर्जरी हो जाती है, लेकिन भारत में ज्यादातर इसकी सर्जरी देरी से की जाती है। एंजियोग्राफी के द्वार अंब्रैला डिवाइस से दिल का छेद बंद किया जाता है। यदि दिल में एक से ज्यादा समस्याएं होती हैं, तो ओपन हार्ट सर्जरी की होती है। अगर बीमारी मामूली हो तो दवा से भी इलाज किया जाता है।