पहली बार किसी बच्चे का पिता बनने का एहसास आपके चेहरे पर मुस्कान लाती है। उसे अपनी गोद में रखना और उसकी छोटी-छोटी उंगलियों के साथ खेलना आपको एक अलग अनुभव और एहसास देता है। अपने बच्चे के साथ खेलने का मन हर मां-पाप को करता है। शायद ही कोई ऐसा पिता होगा, जिसे पापा बनने का एहसास ना हो।
पापा बनने की खुशी हर किसी के जीवन में सबसे बड़ी ख़ुशियों में से एक होता है। लेकिन इस खुशी के साथ ही हमारे जीवन में कई बदलाव होने लगते हैं। पत्नी का नियमित रूप से चेकअप कराना, घर के काम में उसका हाथ बंटाना जैसे काम आपकी दिनचर्या में शामिल हो जाते हैं। पापा बनने के बाद आपकी जिम्मेदारियां भी बहुत बढ़ जाती हैं। इस दौरान अपने परिवार और बच्चे को ज्यादा समय देना बहुत ही जरूरी हो जाता है। अगर आप पहली बार पापा बनेे हैं, तो कुछ प्लानिंग के साथ इसका पेरेंटिंग लुत्फ उठाएं। साथ ही एक सर्वश्रेष्ठ पिता बनने की भी कोशिश करें।
समय प्रबंधन
अपने बच्चों की परवरिश के लिए समय का प्रबंधन बहुत ही जरूरी होता है। मां के साथ-साथ पिता की भी जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बिजी लाइफ से बच्चे को कुछ समय दें। बच्चे की देखभाल के लिए पिता को कुछ दिनों की छुट्टी लेनी चाहिए। बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं, जिसमें मेटरनिटी लीव के साथ-साथ पेटरनिटी लीव भी होती है।
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पत्नी की देखभाल
शिशु के जन्म के बाद मां काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में एक पति की जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चे के साथ-साथ अपनी पत्नी का भी ख्याल रखें। इस दौरान एक पुरुष की दोहरी जिम्मेदारी होती है। अपनी पत्नी को स्वस्थ होने में उनका पूरा सहयोग करें, ताकि वे जल्द से जल्द ठीक हो सके। आपके हाथ की एक कप चाय भी पत्नी को एक अलग अनुभूति देती है। इसलिए इस दौरान जिम्मेदार बनने की कोशिश करें। इससे आपके रिश्ते में मिठास आएगी।
वित्तीय योजना बनाएं
बच्चे के जन्म के दौरान वित्तीय योजनाओं का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी होता है। जाहिर सी बात है कि एक बच्चे के जन्म लेने से आपका परिवार काफी बढ़ गया है। ऐसे में जरूरत है कि आप बच्चे को जन्म देने से पहले वित्तीय योजना बना लें। खुद को आर्थिक सुदृढ़ता रखना बहुत जरूरी है। बच्चे के स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा के खर्चे को देखते हुए आप स्मार्ट पेरेंट बनिए।
पहले से ही इन सभी चीजों की तैयारी कर लें कि बच्चे के जन्म के बाद आप उसका पालन पोषण किस तरह से करेंगे। अगर आप बच्चों की पढ़ाई के लिए कहीं निवेश कर रहे हैं, तो इस बात को ध्यान में रखकर करें कि वहां से आपको कहीं कोई परेशानी ना हो।
बनाएं सपोर्ट ग्रुप
अगर आप पहली बार पिता बन रहे हैं और इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आप उसकी देखभाल कैसे करेंगे, तो ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों का ग्रुप बनाएं जिन्हें पेरेंट्स बनने का अनुभव रह चुका हो। सफल माता-पिता बनने के लिए लोगों से सलाह लेना बहुत ही जरूरी होता है।
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उन ग्रुप्स से आप जान सकेंगे कि उन्होंने अपने बच्चों का पालन-पोषण किस तरह से किया। इसके लिए आप अपने माता-पिता, दोस्त, भाई-बहन किसी से भी सलाह ले सकते हैं।
सीखें पेरेंटिंग स्किल्स
आपकी पत्नी से एक बच्चे को 9 महीने पेट में रखा है, इसका ये मतलब बिलकुल नहीं होता कि वे बच्चे को अकेले अच्छे से संभाल सकती हैं। बेबी केयर की जिम्मेदारी सिर्फ पत्नियों की नहीं होती है, ये बात समझने की कोशिश करें।
पुरुष को भी अपने बच्चे के लिए पेरेंटिंग स्किल्स को डेबलेप करना चाहिए। बच्चे रोएं, तो उसे समझने की कोशिश करें कि आखिर वे क्यों रो रहे हैं। कब उसे भूख लगती है, कब वो जागता है। इन सभी बातों का ख्याल आपको भी रखना चाहिए। इससे आप एक सफल पिता बन सकेंगे।