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गले में खराश और दर्द से हैं परेशान? अपनाएं ये आसान से 8 घरेलू उपाय

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Home Remedies for Sore Throat
Home Remedies for Sore Throat

Home Remedies Sore Throat: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दिनों अचानक बीमार पड़ गएं। उन्हें हल्का बुखार और गले में खराश की समस्या थी। ये दोनों की लक्षण कोरोनावायरस से मिलते हैं। इसलिए उन्होंने अपना कोविड टेस्ट कराया है। इसके साथ ही उन्होंने खुद को आइसोलेशन में रखा है। बता दें को कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों में तेज बुखार, सर्द- खांसी और जुकाम के लक्षण नजर आते हैं। (Home Remedies Sore Throat) ये सभी लक्षण सामान्य फ्लू के भी हो सकते हैं। इसलिए हमें खराश की समस्या को कम करने के लिए घरेलू उपाय अपनाने चाहिए। इन आसान से उपायों की मदद से आप गले में खराश की समस्या को कुछ ही दिनों में ठीक कर सकते हैं।

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गले में खराश की समस्या से पाएं छुटकारा (Get rid of Sore Throat Problem)

गुनगुने पानी और नमक से करें गरारा

अगर आप गले की खराश से परेशान हैं, तो गुनगुने पानी में थोड़ा-सा नमक डालें। (Home Remedies Sore Throat) इस पानी से गरारा करें। नमक के पानी से गरारा करने से कीटाणुओं का सफाया हो जाता है। इससे गले में जमा कफ भी बाहर निकल जाता है।

गर्म पदार्थों का सेवन

गले में दर्द और खराश की समस्या से निजात पाने के लिए आप गर्म पानी का सेवन करें। इसके अलावा तुलसी की चाय, सूप इत्यादि चीजों का सेवन करें। इससे आपका गला खुलता है।

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खट्टा खाने में परहेज

गले में किसी तरह की समस्या से अगर आप परेशान हैं, तो खट्टी चीजों का सेवन ना करें। इस दौरान बिना तेल मसाले की चीजों का सेवन करें। अगर आप मसालेदार चीजों का सेवन करते हैं, तो इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।

स्टीम

गले की खराश स छुटकारा पाने के लिए आप हॉट शावर या फिर स्टीमर से स्टीम ले सकते हैं। इससे आपको गले की खराश में राहत मिलेगी।

गले को दे गर्मी

हीट पैड या फिर टॉवल को गर्म करके आप गले की सिकाई कर सकते हैं। इससे आपके गले को गर्मी मिलेगी। साथ ही गले में जमा कफ बाहर निकल जाएगा।

अदरक

गले की खराश से राहत पाने के लिए अदरक भी काफी गुणकारी होता है। इसके लिए आप अदरक को कूट कर मुंह मे रखें। धीरे-धीरे इसका रस चूसते रहे। अदरक के रस से गले की खराश दूर होती है।

काली मिर्च और तुलसी का काढ़ा

काढ़ा पीने से भी गले की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए आप एक कप पानी में 4 से 5 काली मिर्च डालें। इसमें कुछ तुलसी की पत्तियां डालें। इस पानी को अच्छी तरह से उबालें। इसका सेवन दिन में कम से कम दो बारे करें। इससे आपको गले की खराश से छुटकारा मिलेगा।

कालीमिर्च और शहद

छोटे बच्चों को भी काली मिर्च और शहद मिलाकर दिया जाता है। इससे सर्दी खांसी की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही इससे गले की खराश दूर होती है।

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स्वाद और सेहत के भरपूर होती है कच्ची कैरी, इस तरह कर सकते हैं इसका सेवन

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Benefits of Raw Mango
Benefits of Raw Mango

Benefits of Raw Mango: गर्मियों में सबसे अधिक सेहत पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस मौसम में खानपान को लेकर बहुत ही सतर्क होने की जरूरत होती है। गर्मियों में कई तरह के फल मिलते हैं, जो लोगों को काफी पसंद होते हैं। (Benefits of Raw Mango) आम उन्हीं में से एक है। फलों का राजा आम खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, सेहत के लिए उतना ही अच्छा माना जाता है। कई लोग कच्‍चे आम का भी सेवन करते हैं। कच्चा आम स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी गुणकारी माना जाता है। आइए जानते हैं कच्ची कैरी खाने के फायदे-

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एसिडिटी को दूर करें

एसिडिटी, गैस और अपच की समस्या से परेशान लोगों के लिए कच्चा आम काफी अच्छा माना जाता है। (Benefits of Raw Mango) यह पेट में सभी विकारों को नष्ट करने में आपकी मदद करता है। इससे कब्ज से जुड़ी समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं।

स्किन के लिए फायदेमंद

अगर आप कच्चे आम का सेवन नियमित रूप से करते हैं, तो इससे आपके बालों का रंग काला होता है। इसके साथ ही इसके सेवन से आपका चेहरा बेदाग और खूबसूरत होता है। इसकी मदद से स्किन से जुड़ी समस्या से निजात पाया जा सकता है।

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शुगर लेवल को करे कंट्रोल

डायबिटीज की समस्या से परेशान लोगों के लिए लोगों के लिए कच्चा आम काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शुगर की समस्या कंट्रोल होती है। इसके अलावा कच्‍चा आम खाने से शरीर में आयरन की कमी दूर होती है। विटामिन सी की अधिकता के कारण इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाता है।

पसीने की समस्‍या से निजात

गर्मियों में बहुत से लोगों को पसीना आता है। ऐसे में अगर आप कच्चे आम का सेवन करते हैं या फिर इसका पना बनाकर पीते हैं, तो इससे आपको पसीने की समस्या से राहत मिलेगी।

कैसे खाएं कच्चा आम?

कच्चे आम को काटकर इसपर अच्छी तरह से नमक और काली मिर्च छिड़कर इसका सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा इसा सेवन आप मसाला मिलाकर भी कर सकते हैं। गर्मियों में बहुत से लोग कच्चे आम से कई तरह की डिशेज बनाते हैं। जैसे- आम पना, आम की मीठी चटनी, आम दाल, आम करी, खट्टी आम चटनी, मीठी आम चटनी और आम का अचार आदि।

कच्चा आम खाने के नुक़सान 

अधिक कच्चे आम का सेवन करने से बचना चाहिए। सोने से ठीक पहले इसका सेवन न करें। अधिक मात्रा में कच्चा आम खाने से गले में जलन की समस्या हो सकती है। इसके अलाव उल्टी,  पेट दर्द और बदहज़मी जैसी समस्या के भी आप शिकार हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को कच्चा आम खाने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।

अस्थमा और स्किन एलर्जी को दावत दे सकता है कॉकरोच, इन तरीकों से 1 दिन में पाएं छुटकारा

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Get Rid of Cockroaches
Get Rid of Cockroaches

Get Rid of Cockroaches: कॉकरोच से अधिकतर लड़कियां काफी लड़ती हैं। इसे देखकर लोगों को काफी घिन आती है। यह एक ऐसा जीव है, (Get Rid of Cockroaches) जो हजारों-लाखों सालों से धरती पर बना हुआ है। शायद ही कोई ऐसा घर को जहां कॉकरोच की मौजूदगी ना हुई हो।

कॉकरोच कभी किचन के सिन्क में, तो कभी पाइप के छेद में चले जाते हैं। यह गंदी चीजों और फ्रीज के कोने में काफी जर आ जाते हैं। (Get Rid of Cockroaches) कॉकरोच आपके घरों में एक कॉलोनी बना लेता है। ऐसे में जब भी आप किचन जाते हैं, तो एक दो आपको यहां वहां घूमते नजर आ जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ये साधारण सा दिखने वाला कॉकरोच सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। इसके कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं कॉकरोच के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों के नाम-

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कॉकरोच कभी किचन के सिन्क में, तो कभी पाइप के छेद में चले जाते हैं। यह गंदी चीजों और फ्रीज के कोने में काफी जर आ जाते हैं। कॉकरोच आपके घरों में एक कॉलोनी बना लेता है। ऐसे में जब भी आप किचन जाते हैं, तो एक दो आपको यहां वहां घूमते नजर आ जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ये साधारण सा दिखने वाला कॉकरोच सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। इसके कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं कॉकरोच के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों के नाम-

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फूड पॉइजनिंग (Food poisoning)

कॉकरोच के कारण आप फूड पॉइजनिंग की समस्‍या के शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही इससे टाइफाइड की समस्‍या भी आपको हो सकती है। दरअसल, कॉकरोच में सैलमोनेला नामक वायरस होता है, जो आपके खानें की चीजों के जरिए आपके शरीर में पहुंच जाता है। इस वायरस की वजह से फूड पॉइजनिंग होने की समस्या बढ़ सकती है। 

स्किन एलर्जी (Skin Allergy)

कॉकरोच के कारण स्किन एलर्जी भी हो सकती है। इसकी वजह से आपको त्वचा पर रैशेज, छींक, आंखों में पानी इत्यादि की समस्या होने लगती है। एलर्जी का कारण कॉकरोच के मुंह से निकलने वाला लार है।

कॉकरोच खाद्य पदार्थों के अलावा, जानवरों, मृत पौधों, मल त्याग, साबुन, गंदे पेपर जैसी चीजों पर अपना मुंह लगता हैं, जो इंसानों के शरीर में पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है।

अस्‍थमा का कारण (Causes of Asthama)

अस्थमा रोगियों के लिए कॉकरोच काफी खतरनाक हो सकता है। अगर आपके घरों में कॉकरोज की संख्या अधिक है, तो इसका सफाया कर लें। वरना यह अस्थमा को दावत दे सकते हैं। इसके अलावा अस्थामा के रोगियों को अस्‍थमा अटैक बढ़ सकता है। कॉकरोच के लार से एलर्जी के कारण अस्थमा गंभीर रूप धारण कर सकता है।

कॉकरोच दूर करने के उपाय (Ways to Remove Cockroaches)

यदि आप कॉकरोच को अपने घर में नहीं देखना चाहते हैं, तो अपने घर को अच्छे से साफ करें। सप्ताह में कम से कम एक बार पूरे घर के कोने को अच्छी तरह से धोएं। रात को नियमित रूप से किचन और और किचन के सिंक को साफ करें।

रात में रसोई घर के कूड़ेदान को खाली करें और हमेशा इसे कवर करके रखें। क्‍योंकि कचरे के ढेर से कॉकरोच बढ़ सकता है। अपने घर में किसी तरह का आहार खुला ना छोड़ें, खुला आहार कॉकरोच को आमंत्रित करता है। अपने फ्रिज को भी सप्ताह में एक बार पूरी तरह से साफ करें।

पेस्‍ट से पाएं कॉकरोच पर काबू

घर को साफ करने के अलावा ऐसे स्थानों को अच्छे से बंद करके रखें, जहां से कॉकरोच प्रवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही दीवारों और खिड़कियों के आसपास दिखने वाले दरारों को सील करें। अगर आपके घरों में कॉकरोच की संख्‍या बढ़ गई है, तो इसे कंट्रोल करने के लिए घर में पेस्‍ट कंट्रोल भी करा सकते हैं।

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Iron Deficiency: क्या आपके शरीर में है आयरन की कमी? तो डायट में शामिल करें ये नट्स

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Nuts Diet
Nuts Diet

Iron Deficiency: आयरन शरीर के मुख्य तत्वों में से एक है। इसकी कमी के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। (Iron Deficiency) यह हीमोग्लोबिन का मुख्य घटक होता है, जो शरीर पूरे शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने में हमारी मदद करता है।

भारत में आधे से भी ज्यादा महिलाओं में आयरन की कमी होती है। इसकी प्रमुख वजह सही खान-पान ना होना है। (Iron Deficiency) खाने के साथ-साथ हमें अपने डायट में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे आयरन की कमी को पूरा किया जा सके। आज हम आपको कुछ ऐसे नट्स (Diet for Iron) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके सेवन से आप आयरन की कमी को पूरा कर सकते हैं।

बादाम (Almonds) 

बादाम का सेवन अधिकतर लोग करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसके सेवन से आयरन की कमी को भी दूर किया जा सकता है। बादाम के सेवन से आयरन की कमी के साथ-साथ स्टैमिना को भी (Almond boost stamina) को बढ़ाया जा सकता है।

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कई लोग स्मरण शक्ति (Memory Power) को बढ़ाने के लिए बादाम का सेवन करते हैं। इसके साथ ही बादाम में फैटी एसिड होता है, जो सेक्सुअल हेल्थ को सुधारने में हमारी मदद करता है। यदि आप नियमित रूप से बादाम का सेवन करते हैं, तो इससे दिल स्वस्थ रहता है।

अखरोट (Walnuts)

संपूर्ण स्वास्थ के लिए अखरोट काफी अच्छा माना जाता है। इसके सेवन से आप आयरन की कमी को पूरा कर सकते हैं। इस नट्स से शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसके साथ ही अखरोट खाने से स्टैमिना भी बढ़ता है।

काजू ( Cashew Nuts)

सेहत के लिए काजू बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। काजू लो फैट मेवा है, इसमें 75 फीसदी ओलिक एसिड (Oleic Acid) होता है। इसे मोनो सैचुरेटेड फैट के रूप में भी जाना जाता है। इसकी मदद से ब्लड शुगर (Blood Sugar) के लेवल नियंत्रित होता है। अगर आप नियमित रूप से काजू का सेवन करते हैं, तो इससे ब्लड डिजीज होने का खतरा कम होता है।

पिस्ता (Pistachios)

स्वाद में हल्का मीठा और थोड़ा सा नमकीन पिस्ता अधिकतर लोगों को पसंद होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस ड्राईफूड का सेवन काफी लंबे समय से किया जा रहा है। सबसे पहले  पिस्ता का सेवन (Pistachios benefits) ही शुरू हुआ था। किसी भी व्यक्ति में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर्स भी पिस्ता खाने की सलाह देते हैं।

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इसके सेवन से दिमाग काफी तेज होता है। बादाम, काजू की तुलना में ये ज्यादा पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इससे स्मरण शक्ति (Memory Power) काफी अच्छी होती है। इसलिए पढ़ने वाले बच्चों को पिस्ता जरूर खिलाएं। पिस्ता में फॉस्फोरस की उचित मात्रा में होता है, जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। शरीर में होने वाले सूजन को भी पिस्ता दूर करता है।

मूंगफली (Peanuts)

मूंगफली को बहुत से लोग सस्ता बादाम भी कहते हैं। इसमें बादाम की तरह ही पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह वसा, प्रोटीन, फाइबर, खनिज, विटामिन और एंटीआक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। इसके सेवन से शरीर की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति को मूंगफली खाने की सलाह दी जाती है।

इसके सेवन से फेफड़ों को मजबूती मिलती है। साथ ही पाचन शक्ति की क्षमका बढ़ती है। यह भूख लगने की इच्छा शक्ति को भी बढ़ाता है। मूंगफली को जब भी खाएं, इसके रेड झिल्ली को हटा कर खाएं। क्योंकि इस झिल्ली से सेहत को नुकसान हो सकता है।

कैंसर की कैसे होती है शुरुआत, जानें इसके 4 प्रमुख लक्षण

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Cancer Symptoms
Cancer Symptoms

Cancer Symptoms: हाल ही में बॉलीबुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का निधन कैंसर की वजह से हुआ। ऋषि कपूर बोन मैरो कैंसर के पीड़ित थे, उनका काफी समय से न्यूयॉर्क में इलाज चल रहा था। कैंसर एक ऐसी बीमारी होती है, जिसका पता काफी देरी से चलता है। (Cancer Symptoms) क्योंकि कैंसर के लक्षण जल्द सामने नहीं आते हैं। आज हम आपको कैंसर के कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। इससे पहले जानते हैं आखिर कैंसर होता क्या है?

क्या है कैंसर? (What is Cancer)

कई कोशिकाओं से मिलकर हमारा शरीर बना होता है। शरीर को जैसे-जैसे इन कोशिकाओं की जरूरत होती है, वैसे वैसे ये कोशिकाएं नियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं और हमारे शरीर में बढ़ती हैं। (Cancer Symptoms) कई बार शरीर को इन कोशिकाओं की जरूरत वहीं होती है, लेकिन फिर भी इन कोशिकाओं का विकास जारी रहता है। कोशिकाओं का ये असामान्य विकास ही कैंसर कहलाता है। इसमें कोशिकाओं का सामान्य नियंत्रण खा जाता है।

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कोशिकाओं का एक ग्रुप लगातार असामान्य रूप से बढ़ता जाता है, जो अपने आसपास के ऊतकों (Tissue) पर हमला कर देते हैं। इससे ये ऊतक शरीर के दूर हिस्सों में पहुंचता है और लसिका या ब्लज के जरिए शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाता है। कैंसर शरीर के किसी भी ऊतकों में विकसित हो सकती हैं। कैंसर कोशिकाएं एक ग्रुप का रूप धारण कर लेती हैं, जो ट्यूमर कहलाता है। शरीर में मौजूद ये ट्यूमर आस पास के ऊतकों पर आक्रमण करके इन्हें नष्ट कर देती हैं।
कैंसर के प्रमुख लक्षण

कैंसर की कोशिकाएं जब शरीर में छोटे स्वरूप में होती हैं, तो इसके लक्षण नहीं दिखते हैं। जैसे-जैसे ये कोशिकाएं शरीर में बढ़ती हैं, वैसे-वैसे इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। कैंसर कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण आसपास के ऊतक प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही कुछ कैंसर के कारण शरीर से कुछ पदार्थों का स्राव भी होने लगता है।

दर्द (Pain)

शरीर में कैंसर कई तरह के होते हैं। कुछ कैंसर के शुरुआत में दर्द नहीं होता, लेकिन कुछ कैंसर का शुरुआती लक्षण दर्द हो सकता है। जैसे- जिन लोगों को ब्रेन ट्यूमर होता हैं, उन्हें सिर दर्द की समस्या अधिक होती है। इसके साथ ही गर्दन और एनोफेजियल कैंसर के मरीजों को निगलने में काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। शरीर में जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, इसके लक्षण भी वैसे-वैसे नजर आने लगते हैं। कैंसर शरीर में जितनी तेजी से फैलता है, मरीज को दर्द का सामना उतना ही अधिक करना पड़ता है। हालांकि, बहुत से ऐसे कैंसर हैं, जिसमें गंभीर दर्द का सामना नहीं करना पड़ता है।

ब्लीडिंग (Bleeding)

कैंसर के शुरुआत में मरीजों को थोड़ा सा खून आ सकता है। क्योंकि कैंसर की वजह से रक्त वाहिकाएं नाजुक होती हैं। बाद में कैंसर की कोशिकाएं बढ़कर अपने आसपास के ऊतकों पर हमला करती हैं, तो रक्त वाहिका पर भी इसका असर पड़ता है, जिससे रक्तस्त्राव होने लगता है। इससे मामूली ब्लीडिंग होती है, जिसका निदान किया जा सकता है या नहीं, ये परीक्षण करने पर पता लग सकता है। कोलोन कैंसर के प्रारंभिक चरण में अक्सर ऐसा होता है। एडवांस कैंसर (advanced Cancer) में अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। यह ब्लीडिंग मरीज के जीवन के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है।

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पाचन तंत्रिकाओं में होने वाले कैंसर में ब्लीडिंग मल में हो सकती है। मूत्र पथ से जुड़े कैंसर में मरीज को यूरीन निकालने के दौरान ब्लीडिंग हो सकती है। इसके साथ ही अन्य कैंसर में शरीर के आंतरिक हिस्सों से खून निकल सकता है। फेफड़ों के कैंसर में मरीज को खांसते और छींकते वक्त ब्लीडिंग होती है।

ब्लड क्लॉट्स (Blood Clotting)

कैंसर के कारण शरीर में कुछ ऐसे पदार्थों का निर्माण होता है, जो शरीर में ब्लड क्लॉटिंग का कारण बनता है। मुख्यत: पैरों की नसों में ऐसा होता है। पैरों की नसों में खून का थक्का कभी-कभी टूट जाता है, जो पूरे शरीर में फैल जाता है. जो मरीज के लिए घातक होता है। फेफड़े, अग्नाशय, अन्य सॉलिड ट्यूमर वाले मरीजों में और ब्रेन ट्यूमर में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा अधिक होता है।

वजन घटना और थकान (Weight Loss & Stress)

कैंसर के मरीजों का वजन काफी तेजी से घटता है। इसके साथ-साथ इन्हें थकान का अनुभव भी काफी जल्दी होता है। कैंसर जैसे-जैसे बढ़ता है, ये कंडीशन उतना ही खराब होता जाता है। कुछ मरीजों का डायट अच्छा होता है, फिर भी उनका वजन घटने लगता है। वहीं, कुछ लोगों में भूख की कमी, खाना निगलने में कठिनाई होती है। ऐसे मरीज काफी पतले हो जाते हैं। एडवांस कैंसर (Advance Cancer) वाले मरीज अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं। अगर इन मरीजों में एनीमिया विकसित हो जाता है, तो इनकी गतिविधि कम होने के साथ-साथ सांस की कमी भी होने लगती है।

कैंसर और डिप्रेशन के खतरे को कम करे ब्रोकली, इसके सेवन से होते हैं कई और लाजवाब फायदे

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Broccoli Benefits
Broccoli Benefits

Broccoli Benefits: ब्रोकली गोभी की ही प्रजाति है। यह काफी लोकप्रिय सब्जी है। यह कई गुणों से भरा होता है। इसमें भरपूर रूप से कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, सी और अन्य कई पोषक तत्व होते हैं। (Broccoli Benefits) इसमें कई तरह के लवण होते हैं, जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है।

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ब्रोकली दिखने में गोभी की तरह ही होता है, इसका रंग गहरा हरा होताी है। इसका सेवन आप सलाद के रूप में भी कर सकते हैं। (Broccoli Benefits) इसके अलावा सूप और कई तरह की डिशेज में ब्रोकली का इस्तेमाल होता है। कुछ लोग इसे उबालकर भी खाना पसंद करते हैं। इसके खाने से सेहत को बहुत फायदे होते हैं। आइए जानते हैं ब्रोकली खाने से कुछ अद्भुत फायदे-

हृदय से जुड़ी समस्या (Heart Related Diseases)

ब्रोकोली में कैरेटेनॉयड्स ल्यूटिन नामक तत्व पाया जाता है। यह तत्व धमनियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। नियमित रूप से ब्रोकली के सेवन से दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम होती है। इसके साथ ही इससे अन्य बीमारियां होने का खतरा भी काफी कम होता है। ब्रोकली में मौजूद पोटैशि‍यम शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने नहीं देता है।

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कैंसर होने से बचाव (Prevention Cancer)

ब्रोकली के सेवन से कैंसर की संभावना को भी कम किया जा सकता है। इसमें फिटाकेमिकल तत्व काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव करता है। इसके साथ ही ब्रोकली में मौजूद तत्व शरीर के विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में हमारी मदद करता है।

डिप्रेशन को करे कम (Reduce Depression)

शरीर में फोलेट की मात्रा कम होने से डिप्रेशन बढ़ता है। ब्रोकली में भरपूर रूप से फोलेट होता है, जो हमारे मूड को बेहतर करने में हमारी मदद करता है। इसके साथ ही इसमें कई ऐसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं, जो मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं।

इम्यूनिटी करे बूस्ट (Immunity Boost)

कोरोनावायरस की वजह से हर कोई अपना इम्यूनिटी बूस्ट करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में अगर आप भी इम्यूनिटी बूस्ट करना चाहते हैं, तो डायट में ब्रोकली को जरूर शामिल करें। इसमें भरपूर रूप से विटामिन सी होता है, जो शरीर में इम्यून को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। इसके साथ ही इसके सेवन से संक्रमण का खतरा कम होता है।

गर्भावस्था में है फायदेमंद (Beneficial in Pregnancy)

गर्भवती महिलाओं के लिए भी ब्रोकली काफी अच्छा होता है। इसमें मौजूद तत्व बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के लिए काफी फायदेमंद हैं। इतना ही नहीं, इसके सेवन से गर्भवती महिलाएं कई तरह के संक्रमण के खतरे से दूर रहती हैं।

लंबे और खूबसूरत बालों के लिए फायदेमंद है प्याज का रस, इस तरीके से लगाने पर बढ़ेगी इसकी लंबाई

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Onion Uses for Hair Care
Onion Uses for Hair Care

Onion Uses For Hair Care: प्याज का इस्तेमाल ज्यादातर लोगों के घरों में होता है। सेहत के साथ-साथ स्किन और बालों के लिए भी प्याज सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। (Onion Uses For Hair Care) हालांकि, कुछ लोग इसकी तीखी गंध और काटने के दौरान आंसू आने के कारण इसे पसंद नहीं करते हैं, लेकिन यह आपके बालों के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे बालों की सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

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नियमित रूप से प्याज के इस्तेमाल (Onion Uses For Hair Care) से आप दो मुंहे बाल और गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाते हैं। प्‍याज में मौजूद सल्‍फर बालों की जड़ों को पोषण प्रदान करता है। इससे आपके बाद विकसित होते हैं।

बालों में प्याज का रस इस्तेमाल करें (Onion Uses For Hair Care)

प्‍याज का रस

प्‍याज को अच्छी तरह से कद्दूकस कर लें। इसमें से रस निचोड़कर अपने बालों के स्कैल्प पर लगाएं। इसेे करीब 20 से 25 मिनट तक के लिए छोड़ दें। इस दौरान अपने बाल को तौलिए से लपेटकर रखें। इससे आपके बालों के रोम प्याज के रस को अवशोषित करेंगे। इसके बाद अपने बालों को अच्छे से शैंपू लगाकर साफ कर लें।

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प्‍याज के रस के साथ बीयर

अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल प्राकृितक रूप से चमके, तो उसके लिए प्याज के साथ के साथ बीयर मिक्स करें। इसे बालों में लगाने से ग्रोथ अच्छी होती है। इसके साथ ही यह कंडीशनर की तरह काम करता है। इसे सप्ताह में करीब 2 बार जरूर लगाएं।

प्याज और नारियल का तेल

अगर आप प्याज के रस के साथ नारियल का तेल मिक्स करते हैं, तो यह आपके बालों के लिए काफी अच्छा होता है। इसके इस्तेमाल से बालों का विकास होता है। साथ ही बालों को पोषक तत्व भी मिलते हैं। नियमित रूप से प्याज के रस में नारियल का तेल मिलाकर इससे मसाज करें। इसके बाद तौलिए से बालों को भाप दें। इससे स्‍कैल्‍प की मृ‍त कोशिकाएं हटती हैं, जिससे बालों का विकास अच्छे से होता है।

प्‍याज के साथ शहद

बालों को खूबसूरत और मुलायम बनाने के लिए शहद भी काफी अच्छा माना जाता है। इसके लिए आप प्याज और शहद का पैक भी बालों में लगा सकते हैं। इसके लिए आप प्याज को अच्छी तरह से पीस लें। इस पेस्ट में शहद की कुछ बूंदें डालें। इस पैक को ऐसे हिस्सों में लगाएं, जहां बाल कम है। इससे नए बाल उगेंगे।

प्‍याज के साथ लगाएं नींबू

प्याज के रस के साथ आप नींबू का रस भी लगा सकते हैं। इससे बालों की ग्रोथ काफी अच्छी होती है। इससे आपको रुसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही नींबू से स्कैल्प साफ होंगे, साथ ही बालों का झड़ना भी कम होगा।

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कोरोनावायरस और सामान्य फ्लू में है काफी अंतर, दोनों के लक्षणों में ऐसे करें फर्क

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Coronavirus and Common Flu Symptoms
Coronavirus and Common Flu Symptoms

Corona and Common Flu Symptoms: कोरोना के इस काल में खांसी और बुखार आते ही लोग दहशत में आ जा रहे हैं। इसकी वजह कोरोनायरस और सामान्य फ्लू (Corona and Common Flu Symptoms) के लक्षणों का आपस में मिलना है। प्रदेश सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना आ रही सैकड़ों काल इसकी तस्दीक करती हैं।

सवाल यह है कि दोनों में फर्क कैसे किया जाए। (Corona and Common Flu Symptoms) क्या खांसी और बुखार आते ही आपको कोरोना की जांच करानी चाहिए? माइक्रोबायोलाजिस्ट डॉ. टी.एन.ढोल के मुताबिक दोनों में काफी बारीक फर्क है। शुरूआती लक्षण काफी-कुछ मिलते-जुलते हैं, लेकिन पहचान करना संभव है। डॉ. ढोल एसजीपीजीआई में सीनियर माइक्रोबायोलाजिस्ट रहे हैं। इस वक्त हिन्द इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में माइक्रोबायोलाजी विभाग के हेड हैं।

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डॉ. ढोल के मुताबिक बुखार के साथ अगर सांस लेने में तकलीफ और सूखी खांसी है तो सावधान हो जाना चाहिए। इसके अलावा अगर खांसी के साथ गले में खराश हो रही है तो व्यक्ति फौरन डॉक्टर से संपर्क करे। डाक्टर कोरोना टेस्ट कराएगा और जरूरी दवाएं देगा जिससे पकड़ में आ जाएगा कि मरीज कोरोना से संक्रमित तो नहीं।

डॉ. ढोल ने कहा कि कोरोना में खून में आक्सीजन की कमी (40 से 50 प्रतिशत) हो जाती है। यह भी एक लक्षण है कोरोनावायरस को पहचाने का। उन्होंने कहा कि इसकी जांच पल्स आक्सीमीटर नाम की मशीन से किया जा सकता है। इस मशीन को हाथ की किसी उंगली में लगाने पर आक्सीजन लेवल पता चल जाता है जिससे झट कोरोना के बारे में पता चल सकता है।

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कोरोना के लक्षण (Corona Symptoms)

आइए अब आपको हम कोरोना के कुछ लक्षणों के बारे में बताते हैं कोरोना होने पर इंसान को सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश होने के साथ सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, बुखार होता है।

सामान्य फ्लू के लक्षण (Common Flu Symptoms)

और सामान्य फ्लू के बारे में तो आप लोगों को पता ही होगा। इंसान को सामान्य फ्लू होने पर जुकाम (नाक बहना), बुखार- खांसी, सिरदर्द, आंखों का लाल होना या आंखों में पानी आना आदि होता हैं।

किसी दवाखाने से कम नहीं है ये नन्ही सी कालीमिर्च, पढ़ें इसके गुणकारी फायदे

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Black Pepper Health Benefits
Black Pepper Health Benefits

Black Pepper Health Benefits: भारत में ऐसा कोई घर नहीं होगा जहाँ काली मरिच का प्रयोग नहीं होता हो। यह मसालों की रानी मानी जाती है। चाहे हम कोई भी सब्जी बनाएं। सब्जी सूखी हो या रसेदार या फिर नमकीन से लेकर सूप आदि तक, हरेक व्यंजन में काली मरिच का प्रयोग जरूर होता है। भोजन में काली मरिच का इस्तेमाल (Kali Mirch Uses) केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक (Black Pepper Health Benefits) है। काली मरिच एक अच्छी औषधि भी है। लंबे समय से आयुर्वेद में इसका औषधीय प्रयोग होता रहा है। वास्तव में काली मरिच के औषधीय गुणों के कारण ही इसे भोजन में शामिल किया जाता है। काली मरिच का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

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छोटी सी काली मिर्च एक अच्छा खासा दवाखाना होती है। काली मिर्च का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। काली मिर्च का वैज्ञानिक नाम पाइपर निग्राम (Piper Nigrum) है। ये एक बेहतरीन दवा है जिसे आप घरेलु उपचार के टूर पर कई कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं। (Black Pepper Health Benefits) काली मिर्च अपने अनोखे औषधीय गुणों के कारण हमेशा से वैध हकीमों की विशेष सेवाओं में शामिल रही है। इसमें विटामिन ए, ई, के, सी और विटामिन बी6, थायमीन, नियासिन, सोडियम, पोटेशियम आदि होता है।

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सर्दी जुकाम से राहत (Relief from Cold)

जुकाम में काली मिर्च बहुत उपयोगी है। यदि छींक आ रही हैं और जुकाम हो तो एक गिलास दूध में एक काली मिर्च उबालकर पिएं, जुकाम ज्यादा हो तो काली मिर्च की मात्रा बढ़ा सकते हैं। इस प्रयोग से जुकाम में आराम मिलता है।

गले की खराश से छुटकारा (Relief Sore Throat)

गले में खराश है होने पर काली मिर्च का उपयोग लाभकारी है। एक गिलास पानी में 10 काली मिर्च डालकर उबालें। इसे छान लें और पानी के हल्के गुनगुने होने पर गरारे करें। ऐसा दिन में कम से कम दो बार करें। गले के दर्द में आपको आराम मिलता है।

गैस की परेशानी करे कम (Reduce Gas Problem)

गैस की समस्या होने पर काली मिर्च बहुत उपयोगी है। इसके लिए एक कप पानी में आधा नीबू का रस, आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर और आधा चम्मच लाल नमक मिलाकर पीने से बहुत आराम मिलता है।

ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल (Control Blood Pressure)

ब्लड प्रेशर कम होने पर काली मिर्च बेहतरीन दवा है। इस समस्या में काली मिर्च के पांच दाने 15 किसमिस के साथ दिन में दो-तीन बार खाने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल होता है।

सुबह उठते ही सिर में तेज दर्द को ना करें नजरअंदाज, हो सकती है ये जानलेवा बीमारी

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World Brain Tumor Day 2020
World Brain Tumor Day 2020

World Brain Tumor Day 2020 : मस्तिष्क इंसान का अभिन्न अंग होता है। बिना मस्तिष्क के किसी भी काम को संचालित करना बहुत ही मुश्किल है। अगर मस्तिष्क का सही से ध्यान नहीं रखा गया तो व्यक्ति कई समस्याओं का शिकार हो सकता है। मस्तिष्क पर अधिक प्रेशर पड़ने से इंसान ब्रेन ट्यूमर का शिकार हो सकता है, ब्रेन ट्यूमर बहुत ही घातक बीमारी है। हर साल 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day 2020) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाना है। चलिए जानते हैं ब्रेन ट्यूमर के क्या लक्षण हैं और कैसे इसका उपचार किया जाता है।

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ब्रेन ट्यूमर के लक्षण (Brain Tumor Symptoms)

ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा सिर दर्द की समस्या होती है। सुबह उठते ही मरीज को काफी तेज सिर दर्द होता है और जैसे-जैसे दिन चढ़ता है (World Brain Tumor Day 2020) सिर दर्द की समस्या कम होने लगती है। यह दर्द सिर के सामने और पीछे की ओर ज्यादा होता है। शुरुआत में सिर दर्द को दवाओं से ठीक किया जाता  है, लेकिन जैसे-जैसे दवा का प्रभाव खत्म होता है, फिर से दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। इसके अलाव-

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  • शरीर में चैतन्यता की असामान्यता
  • किसी विषय पर बार-बार सोचने के लिए बल का प्रयोग करना
  • दृष्टि में बदलाव, 
  • चलने में परेशानी
  • स्पर्श, सूंघने, सुनने इत्यादि में दिक्कत होने लगती है।

ब्रेन ट्यूमर के उपचार के विकल्प (Brain Tumor Treatment Options)

सर्जरी (Surgery)

मस्तिष्क के अगर ऐसे स्थान पर ट्यूमर होता है, जहां ऑपरेशन करना संभव होता है, तब डॉक्टर सर्जरी का विकल्प चुनते हैं। अगर ट्यूमर संवेदनशील भागों में होता है, तो सर्जरी करना जोखिम भरा होता है। 

कीमोथेरेपी (Chemotherapy)

सर्जरी के अलावा कीमोथेरेपी के जरिए ब्रेन ट्यूमर का इलाज किया जाता है। कीमोथेरेपी में शक्तिशाली रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जो प्रोटीन या डीएनए को प्रभावित करके कोशिका विभाजन में हस्तक्षेप करता है, जिससे कैंसरग्रस्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।

रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)

ब्रेन ट्यूमर का इलाद रेडिएशन थेरेपी से भी होता है। इसमें ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाईएनर्जी बीम या प्रोटॉन्स का प्रयोग होता है। 

इसके अलावा टारगेट थेरेपी और रेडियो सर्जरी के जरिए भी ब्रेन ट्यूमर का इलाज होता है। 

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