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मां का दूध ना पिलाने से शिशु को हो सकता है कब्ज, अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय

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home remedies for baby Constipation
home remedies for baby Constipation

Baby Constipation Remedies: ब्रेस्ट मिल्क, नवजात शिशु आसानी से पचा लेते हैं। मां के दूध को रेचक (पेट साफ करने वाला) भी कहा जाता है। इसी गुणों के कारण मां का दूध पीने वाले शिशुओं को कब्‍ज (Baby Constipation Remedies) की शिकायत नहीं होती है।  लेकिन ऐसे बच्चे जो फॉर्मूला मिल्‍क पीते हैं, उन्हें दस्‍त और कब्‍ज जैसी समस्या होना आम बात है।

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फॉर्मूला मिल्क पीने वाले शिशुओं को दस्त और कब्ज की समस्या हमेशा बनी रहती है। ऐसे में उन्हें बार-बार दवा देना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए घरेलू नुस्खों (Baby Constipation Remedies) से इसका इलाज करना बेहतर माना जाता है।

सेब का रस (Apple Juice)

फाइबर की कमी के कारण शिशुओं को कब्ज की समस्या हो सकती है। सेब एक ऐसा फल है, जिसमें फाइबर घुलनशील फाइबर या‍नी पेक्टिन मौजूद होता है। ये कब्‍ज के इलाज में लाभकारी है। आप अपने शिशु को सेब के छिलके के साथ जूस निकाल कर उसे पिला सकती हैं। एक दूध के बोतल में दिन में एक बार सेब का जूस पिलाएं। इससे कुछ ही दिनों में कब्ज की समस्या ठीक हो जाएगी। 

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तरल पदार्थ (Liquids)

पानी की कमी के कारण भी शिशुओं को कब्ज की समस्या होती है। 6 माह से अधिक उम्र के शिशुओं को आप आहार में तरल पदार्थ दे सकती हैं। शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए आप हरी सब्जियों के सूप, फलों का जूस, दूध और पानी से इसकी पूर्ति कर सकती हैं।

ऑर्गेनिक नारियल तेल (Organic Coconut Oil)

स्किन और बालों के लिए नारियल तेल काफी गुणकारी होता है। शिशुओं को मसाज करने के लिए भी कई लोग नारियल तेल का इस्तेमाल करते हैं। इन सभी के साथ ही नारियल तेस से शिशु के कब्‍ज की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए अगर आपका शिशु 6 महीने से अधिक उम्र का है, जो उसके आहार में दो से तीन मिली नारियल तेल मिलाएं। यदि आपका बच्‍चा 6 महीने से कम उम्र का है, जो उसकी गुदा के आसपास नारियल तेल से मालिश करें। 

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सौंफ (Anise)

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए सौंफ भी असरकारी इलाज है। शिशुओं को सौफ देने के लिए आप एक कप पानी में दो चम्मच सौंफ डालें। इस पानी को अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद इसे छानकर ठंडा होने के लिए छोड़ दें।  दिन में तीन से चार बार अपने शिशु को चम्‍मच से इस पानी को पिलाएं। अगर शिशुु 6 महीने से छोटा है, तो मां को कहें कि दिन में दो बार सौंफ खाए।

टमाटर (Tomatoes)

टमाटर के सेवन से भी कब्ज की समस्या को ठीक किया जा सकता है। अगर आपका बच्चा 6 महीने से अधिक उम्र का है, तो आप उसे टमाटर का जूस पिलाएं। इसके लिए आप एक छोटे साइज का टमाटर लें। इसे एक कप पानी में उबालें। इसके बाद टमाटर को पानी में अच्छी तरह से मैश करें और इसे छान लें। अब चम्मच से दिन में 2 से 3 बार इसे अपने शिशु को पिलाएं।

World No Tobacco Day 2020 : धूम्रपान का करें आज से त्याग, वरना इन 5 बीमारियों के हो जाएंगे शिकार

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5 Serious Diseases by Smoking
5 Serious Diseases by Smoking

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day 2020) मनाया जाता है। इस दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में तंबाकू से होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में अवगत कराना है। इस दिन विश्वभर में कई अभियान और कार्यक्रम किए जाते हैं, जिसमें लोगों को धूम्रपान से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया जाता है। तंबाकू से शरीर को कई घातक बीमारियां हो सकती हैं। (World No Tobacco Day 2020) हर साल तंबाकू के कारण लाखों लोगों की जान जाती है। आइए इस लेख से जानते हैं कि तंबाकू के सेवन से कौन सी गंभीर बीमारियां होती है-

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तंबाकू खाने से होती हैं ये गंभीर बीमारियां

कैंसर 

(World No Tobacco Day 2020) तंबाकू के सेवन से मुंह का कैंसर होता है, इस बारे में सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तंबाकू खाने से सिर्फ मुंह का कैंसर ही नहीं होता है, बल्कि इसके सेवन से फेफड़ों का कैंसर, हड्डियों का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर जैसे कई अन्य कैंसर होने की संभावना होती है। 

हार्ट अटैक का खतरा

हर एक इंसान के शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं। एक गुड कोलेस्ट्रॉल और दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल। हमारे शरीर में दोनों ही कोलेस्ट्रॉल की संतुलित मात्रा होती है। इस बीच जब कोई व्यक्ति सिगरेट या फिर तंबाकू का सेवन करता है, तो वह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को शरीर से घटा देता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में बढ़ा देता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। 

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सूंघने और स्वाद चखने की शक्ति खत्म

धूम्रपान का अधिक सेवन करने वाले व्यक्तियों के अंदर स्वाद चखने और सूंघने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। तंबाकू के सेवन से दिमाग की वे ग्रंथि प्रभावित होती है, जो सूंघने और स्वाद से जुड़ी होती है। कई ऐसे व्यक्ति होते हैं, जिन्हें तंबाकू के सेवन के बाद भूख नहीं लगता है। इस कारण तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति बहुत ही कमजोर नजर आते हैं। इनका शरीर धीरे-धीरे अंदर से खोखला हो जाता है।

बालों और स्किन से बदबू

तंबाकू के सेवन से शरीर में विषैले पदार्थ की मात्रा काफी तेजी से बढ़ती है। ये विषैले पदार्थ मल, मूत्र और पसीने के जरिए शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। इस वजह से अधिक धूम्रपान करने वालों के शरीर से गंदी बदबू आती है। 

प्रजनन क्षमता पर असर

धूम्रपान को लेकर कई शोध किए जा चुके हैं। इन रिसर्च में खुलासा हुआ है कि धूम्रपान के अधिक सेवन से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। इन रिसर्च के मुताबिक, धूम्रपान के अधिक सेवन से पुरुषों के स्पर्म और महिलाओं के एग की क्षमता कमजोर हो जाती है। कभी-कभी ये क्षमताएं बिल्कुल समाप्त हो जाती हैं। इसके साथ ही अगर गर्भवती महिलाओं के आसपास कोई सिगरेट पीता है, तो इसका असर बच्चे के मस्तिष्क और सेहत पर पड़ता है। 

World No Tobacco Day 2020: तंबाकू खाने से होती हैं जानलेवा बीमारियां, लत से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये नुस्खे

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World No Tobacco Day 2020
World No Tobacco Day 2020

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day 2020) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक कराना है। कई अभियानों के जरिए लोगों में जागरुकता फैलाई जाती है (World No Tobacco Day 2020) कि तंबाकू स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। 

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2020 की थीम (World No Tobacco Day 2020 Theme)

हर साल वर्ल्ड नो तंबाकू डे इक विशेष थीम के अनुसार मनाया जाता है। इस साल (World No Tobacco Day 2020) में इसकी थीम है, ‘युवाओं को इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटीन के इस्तेमाल से रोकना’ (Protecting youth from industry manipulation and preventing them from tobacco and nicotine use )। 

पहली बार WHO ने मनाया World No Tobacco Day

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया गया था। इसकी शुरुआत तब कि गई थी, जब 987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तंबाकू से होने वाली बीमारियों की वजह से मृत्युदर बताया था और इसे एक महामारी का दर्जा दिया। 

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पहली बार 7 अप्रैल 1988 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया गया था। 7 अप्रैल को WHO की एनीवर्सरी होती है, उसी दिन इस दिवस को पहली बार मनाया गया, लेकिन इसके बाद इसकी एक निर्धारित तारीख तय की गई। इसके बाद से हर साल 31 मई को यह दिवस मनाया जाने लगा।

तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियां (Diseases due to consumption of Tobacco)

  • फेफड़ों और मुंह का कैंसर
  • फेफड़ों का खराब होना
  • मुंह से बदबू आने की शिकायत
  • ह्रदय रोग होने का खतरा
  • आंखें कमजोर होने की समस्या

तंबाकू छुड़ाने के 4 घरेलू उपाय (4 Home Remedies to get rid of Tobacco)

सौंफ (Anise)

सौंफ के सेवन से भी आप तंबाकू खाना छोड़ सकते हैं। इसके लिए दो चम्मच बारीक सौंफ के साथ एक चम्मच मिश्री के दाने मिलाएं। इसे धीरे-धीरे चूसें, नरम होने पर इसे चबाकर खाएं। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में तंबाकू का लत छोड़ा जा सकता है। 

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अजवाइन और नींबू (Celery and Lemon)

इसका सेवन करने के लिए अजवाइन को साफ कर लें। इसमें दो नींबू का रस और काला नमक मिलाकर इसे दो दिन तक भींगने दें। इसे छांव में इसे सुखा लें। फिर इसे मुंह में रखकर चूसें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से तंबाकू की आदत छूट सकती है।  

छोटी हरड़ (Chhoti Harad)

छोटी हरड़ को सेंधा नमक और नींबू के रस में घोलकर दो दिनों तक फूलने दें। इसके बाद इसे छांव में रखकर सुखाएं। सूखने के बाद इसे शीशी में भर लें और फिर इसे तंबाकू की तरह चूसते रहें। ऐसा करने से तंबाकू खाना बंद कर सकते हैं।

फूलों का रस (Fruit Juice)

तंबाकू सूंघने की आदत बहुत से लोगों की होती है। इस आदत को छुटाने के लिए गर्मी के मौसम में केवड़ा, खस, गुलाब इत्यादि का इत्र कान के निचले हिस्से में लगाएं। सर्दी के मौसम में अगर तंबाकू खाने की इच्छा होने लगे, तो हिना की खुशबू सूंघें। 

जलती-चुभती घमौरियों से हैं परेशान? अपनाएं ये 6 आसान से घरेलू उपाय

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Prickly Heat Home Remedies
Prickly Heat Home Remedies

Prickly Heat: चिलचिलाती और चुभती हुई गर्मी के कारण स्किन पर घमौरियों होना एक आम समस्या है। हाथ, पैर और पीठ पर घमौरी की समस्या सबसे अधिक होती है। कुछ-कुछ लोगों को चेहरे पर भी अधिक पसीने के कारण घमौरियां हो जाती हैं। इन घमौरियों को हीट रैशेज या फिर पिक्ली हीट (Prickly Heat) भी कहा जाता है। शरीर पर छोटे-छोटे दानों के रूप में घमौरियां होती हैं, जिसमें जलन, खुजली और चुभन अधिक होता है। आज हम आपको इस लेख के जरिए कुछ घरेलू नुस्खे बताने जा रहे हैं, जिससे आपको इस गर्मी में घमौरियों से राहत मिल सके।

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नीम और कपूर (Neem and Kapoor)

कपूर और नीम एंटी बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है। घमौरियों से राहत दिलाने में ये आपकी मदद करता है। (Prickly Heat) घमौरी से छुटकारा पाने के लिए इसे इस्तेमाल करने के लिए नीम के पत्तियों का पेस्ट तैयार करें। इसमें कपूर की कुछ गोलियां डालें। इसे अच्छी तरह मिक्स करें। इसके बाद इस पेस्ट को घमौरियों वाले स्थान पर लगाए। करीब 30 मिनट के बाद ठंडे पानी से नहा लें। सप्ताह में करीब 3 बार ऐसा करने से घमौरियों से राहत मिलेगी।

कोकम (Kokum)

स्किन की कई परेशानियों के लिए कोकम काफी फायदेमंद होता है। घमौरियों से छुटकारा पाने के लिए कोकम बेस्ट ऑप्शन है। कोकम को घमौरियों पर लगाने के लिए, सबसे पहले 2 गिलास पानी लें। इसमें कोकम के कुछ टुकड़ों को डालकर रातभर छोड़ दें। इसके बाद सुबह इस पानी को अच्छी तरह से उबालें। पानी तबतक उबालें, जबतक यह आधा ना हो जाए। इसके बाद पानी को ठंडा करें। ठंडा होने इसमें दो चम्मच चीनी मिलाएं और इसे पी जाएं। ऐसा करने से घमौरियां कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएंगी।

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तरबूज (Watermelon)

गर्मियों में तरबूज सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह स्किन के लिए भी काफी अच्छा है। घमौरियों से राहत पाने के लिए तरबूज के गुदों को घमौरियों पर लगाएं। इसे करीब 15 से 20 मिनट छोड़ दें। इसके बाद ठंडे पानी से नहा लें। कुछ ही दिनों में आपको घमौरियों से राहत मिल जाएगी।

एलोवेरा (Alovera)

एलोवेरा पेट से लेकर स्किन की कई सस्याओं को दूर करता है। घमौरियों से राहत दिलाने में भी एलोवेरा आपकी मदद कर सकता है। इसे लगाने के लिए फ्रेश एलोवेरा को अच्छे से धो लें। इसके बाद इसके गुदे को निकालें और घमौरियों पर लगाएं। इससे आपको जल्द ही राहत मिलेगी।

चंदन (Sandalwood)

चंदन से ठंडक मिलती है। इसे घमौरियों पर लगाने के लिए चंदन के पाउडर के साथ धनिया का पाउडर और गुलाब जल मिलाएं। इस लेप को घमौरियों वाले हिस्से पर लगाएं। इससे आपको घमौरियों से राहत मिल सकती है।

बेकिंग सोडा (Baking Soda )

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करके भी घमौरियों की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। घमौरियों से प्रभावित वाले हिस्से पर इसे लगाने के लिए एक कप ठंडा पानी लें। इसमें 2 चम्मच बेकिंग सोडा डालें। अब इस पानी को साफ सूती कपड़े से घमौरियों पर लगाएं। दिन में 3 से 4 बार ऐसा करने पर घमौरियों से राहत मिलेगी।

कटहल के सेवन से इम्यूनिटी सिस्टम होता है मजबूत, इन गंभीर बीमारियों से रखता है दूर

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Jackfruit Benefits in Hindi
Jackfruit Benefits in Hindi

Benefits of Jackfruit: स्वस्थ शरीर के लिए बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिसे खाना लाभकारी होता है। बाजार में कई ऐसे सीजनल फल और सब्जियां होती हैं, जो कई पोषक तत्वों से भरी हैं। गर्मी के मौसम में भी आपको कई ऐसे फल और सब्जी मिल जाते हैं, जो सेहत की दृष्टि से काफी अच्छे होते हैं। इन्हीं में से एक है कटहल। कटहल (Benefits of Jackfruit) के सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होता है, इसलिए इन दिनों इसकी बिक्री काफी अधिक हो रही है।

कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में डर है। इसलिए वे ऐसी चीजों का सेवन कर रहे हैं, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। कटहल से ना सिर्फ इम्यूनिटी बूस्ट होती है, बल्कि इसके सेवन से कई गंभीर समस्याओं से (Benefits of Jackfruit) भी छुटकारा मिलता है

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इसमें विटामिन ए, बी-6, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, थायमीन,  आयरन और जिंक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं। इस सभी पोषक तत्वों से शरीर की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आइए जानते कटहल के सेवन से किन समस्याओं को किया जा सकता है दूर-

इम्यूनिटी करे बूस्ट (Boost Immunity)

कटहल में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्निशियम, थायमीन, फोलिक एसिड और नियासी जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने में हमारी मदद करता है। गर्मियों में आपको कटहल काफी आसानी से मिल जाते हैं, अगर आप चाहते हैं कि आपकी इम्यूनिटी मजबूत हो, तो कटहल का सेवन जरूर करें।

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अस्थमा में फायदेमंद (Beneficial in Asthma)

अस्थमा के रोगियों के लिए कटहल औषधि के समान कार्य करता है। अस्थमा के रोगियों को इसका सेवन करने के लिए पानी में कच्चे कटहल को उबालें। इस पानी को ठंडा होने दें। ठंडा होने पर पानी को पिएं। इस पानी को नियमित रूप से पीने से काफी लाभ होंगे। 

एनीमिया से करें बचाव (Avoid Anemia)

कटहल में आयरन की अधिकता होती है। इस वजह से अगर आप कटहल का सेवन करते हैं, तो एनीमिया की समस्या से बच सकते हैं। 

हड्डियां को रखे स्वस्थ (Keep Bones Healthy)

कटहल में मैग्नीशियम और कैल्शियम की मात्रा पर्याप्त रूप से होती है। इन तत्वों के सेवन से ही हड्डियां स्वस्थ और मजबूत रहती हैं। हड्डियों में किसी तरह की समस्या से परेशान लोगों को कटहल का सेवन करना चाहिए। 

कब्ज करें दूर (Overcome Constipation)

कटहल में फाइबर भी होता है। फाइबर कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में हमारी मदद करता है। इसलिए कब्ज की समस्या से अगर आप परेशान हैं, तो कटहल की सब्जियों का सेवन अवश्य करें।

संक्रमण से करें बचाव (Prevent Infection)

कटहल, एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर में मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में हमारी मदद करता है। कीटाणुओं के सफाया होने से हमारी रोगों से रक्षा होती है। इतना ही नहीं, कटहल में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं, जो कैंसर और स्किन जैसी समस्याओं से हमें दूर रखता है। इसके सेवन से आप फ्लू और वायरल फीवर से भी बच सकते हैं।

स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरूरी है विटामिन ई, जानें उम्र के हिसाब से कितनी मात्रा लेनी है जरूरी

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Vitamin E Benefits
Vitamin E Benefits

Vitamin E Benefits: विटामिन ई एक ऐसा विटामिन है, जो फैट में आसानी से घुल जाता है। यह अनाज, मांस, वेजिटेबल ऑयल, फलों, सब्जियों, अंडे और व्‍हीट जर्म ऑयल के साथ-साथ कई अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। (Vitamin E Benefits) इसके सप्‍लीमेंट्स भी बाजार में मिलते हैं। आज हम आपको इस लेख के जरिए बताएंगे कि विटामिन ई क्या काम करता है, इसके लाभ और इसकी कमी से होने वाले नुकसान। आइए जानते हैं विटामिन ई के बारे में ये प्रमुख बातें-

क्या काम करता है विटामिन ई? (What does vitamin E work for?)

इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। एंटीऑक्‍सीडेंट एक ऐसा तत्व होता है, जो फ्री रेडिकल्‍स से कोशिकाओं को बचाने में हमारी मदद करता है। फ्री रेडिकल्‍स धूम्रपान या रेडिएशन के संपर्क में आने या शरीर के खाद्य पदार्थों को तोड़ने पर जो अणु होते हैं। इस विटामिन के 8 विभिन्‍न यौगिक होते हैं, इसमें से सबसे अधिक अल्‍फा टोकोफेरोल सक्रिय होता है। स्किन और बालों के लिए विटामिन ई बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।

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इसके अलावा शरीर के अन्य अंगों के लिए भी विटामिन ई (Vitamin E Benefits) फायदेमंद होता है। इस विटामिन की मदद से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने की प्रक्रिया को धीमा किया जाता है।

विटामिन ई के प्रमुख स्रोत ( Major sources of Vitamin E)

हरी पत्तेदार सब्जियां, वेजिटेबल ऑयल, बीज और सूखे मेवे इत्यादि चीजों में विटामिन ई पाया जाता है। मूंगफली, बादाम, सूरजमुखी के बीजों, अखरोट, ब्रोकली और पालक जैसी चीजों में विटामिन ई भरपूर रूप से होता है।

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लिवर की समस्या, सिस्टिक फाइब्रोसिस और क्रोन डिजीज से ग्रसित लोगों को विटामिन ई की अतिरिक्त जरूरत होती है। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति जो खून को पतला करने की दवा लेते हैं या फिर अन्य दवाएं खाते हैं, उनके लिए विटामिन ई का सप्लीमेंट हानिकारक होता है।

विटामिन ई के फायदे (Benefits of Vitamin E)

  • ह्रदय रोग, कैंसर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के लिए विटामिन ई फायदेमंद होता है।
  • इम्‍यून सिस्‍टम को बेहतर करने में विटामिन ई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संक्रमण से लड़ने में विटामिन ई कोशिकाओं की मदद करता है।
  • प्रोस्‍टाग्‍लैंडिन नामक हार्मोन के उत्‍पादन में विटामिन ई अहम भूमिका निभाता है। प्रोस्‍टाग्‍लैंडिन हार्मोन शारीरिक प्रक्रियाओं जैसे कि ब्‍लड प्रेशर और मांसपेशियों के संकुचन को कंट्रोल करने में हमारी मदद करता है।
  • इसके साथ ही यह मांसपेशियों को ठीक करने में हमारी मदद करता है।
  • लिवर और पाचन क्रिया से परेशान लोगों के लिए भी विटामिन ई असरकारी माना जाता है। पाचन संबंधित समस्‍याओं से बचने के लिए विटामिन ई का सप्लीमेंट दिया जाता है।

विटामिन ई की मात्रा? 

नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ के मुताबिक, 6 महीने से कम उम्र के शिशु को 4 मिलीग्राम विटामिन ई चाहिए होता है। 6 महीने से 1 साल के बच्‍चे को 5 मिलीग्राम, 1 से 3 साल के बच्‍चे को 6 मिलीग्राम, 4 से आठ साल के बच्‍चे को 7 मिलीग्राम, 9 से 13 साल के बच्‍चे को 11 मिलीग्राम  14 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रतिदिन में 15 मि.ग्रा विटामिन ई की जरूरत होती है। वहीं, स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 19 मिलीग्राम विटामिन ई की जरूरत होती है।

क्या 11वें दिन कोरोना से संक्रमित व्यक्ति नहीं है दूसरों के लिए खतरा? जानें क्या है वैज्ञानिकों का दावा

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Coronavirus Update in India
Coronavirus Update in India

Coronavirus Update: कोरोनावायरस को लेकर तमाम शोध किए जा रहे हैं। हाल ही में सिंगापुर के राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (एनसीआईडी) ने दावा किया गया है कि (Coronavirus Update) कोरोना से संक्रमित व्यक्ति 11वें दिन बाद दूसरों को संक्रमित नहीं कर सकता है। इनके शोध में दावा किया गया है कि इस बीमारी के लक्षण नजर आने के महज दो दिन तक ही मरीज दूसरों को संक्रमित कर सकता है या फिर संक्रमिक व्यक्ति से संक्रमण फैलने की संभावना होती है।

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शोधकर्ताओं का दावा है कि उन्होंने यह रिसर्च 73 कोरोना से संक्रमित मरीजों पर किया है। सिंगापुर के अखबार स्ट्रेट टाइम्स के अनुसार, (Coronavirus Update) कोरोना से संक्रमित मरीजों में लक्षण दिखने के 7 दिन तक उसके शरीर से वायरस हवा और सांस से फैलने की संभावना अधिक है, लेकिन आठवें से दसवें दिन के अंदर वायरस कमजोर होने लगता है और 11वें दिन वह पूरी तरह से नष्ट हो जाती है।

इस बारे में एनसीआईडी के निदेशक लियो यी ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उभरने के 11 दिन बाद वह दूसरे के लिए खतरनाक नहीं हो सकता है। इस शोध में डॉक्टर शोक कुरुप भी शामिल थे, जो भारतीय मूल के हैं। डॉक्टर अशोक के अनुसार, इस अध्ययन के नतीजे बहुत ही सटीक हैं। इन्हें कोविड-19 से जूझ रहे मरीजों पर लागू करना सुरक्षित हो सकता है, फिर चाहे मरीज कितना भी गंभीर रूप से संक्रमित क्यों न हों।

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जर्मनी में हुए हैं ऐसे अन्य शोध

बता दें कि सिंगापुर के अलावा जर्मनी में भी इस तरह का रिसर्च हो चुका है। जर्मनी में हुए एक रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद 7 दिनों में तो मरीज के गले और फेफड़ों में कोरोनावायरस बहुत ही तेजी से फैलता है, लेकिन आठवें दिन इसका प्रसार धीमा हो जाता है और 11वें दिन ये पूरी तरह से खत्म हो जाता है।

 

पेट की चर्बी को तेजी से करना है कम, तो रोजाना 10 मिनट करें ये योगासन

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Yoga for Weight Loss
Yoga for Weight Loss

Yoga for Fat: नियमित रूप से योग करने से मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं। इससे शरीर में जमा एक्ट्रा फैट कम होता है। अगर आप नियमित रूप से योगासन करते हैं, तो इससे रोजाना लगभग 600 से 800 कैलोरी तक बर्न होती है। (Yoga for Fat) योग हमारे शरीर को लचीला और तंदरुस्त बनाता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे योगासन के बारे में जिसे आप नियमित रूप से करेंगे, तो शरीर में जमा एक्सट्रा फैट को कुछ ही दिनों में खत्म कर सकतें हैं।

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सूर्यनमस्कार

सूर्यनमस्कार से सबसे ज्यादा फायदा होता है। (Yoga for Fat) इस आसन से शरीर में जमा एक्ट्रा फैट कम होता है। यह आपके शरीर को लचीला बनाता है। सूर्य-आसन में करीब 12 आसन होते हैं। अगर आप इन 12 आसन को रोजाना करेंगे, तो बढ़ते मोटापे से कुछ ही दिनों में छुटकारा पा सकते हैं।

भुजंगासन

भुजंगासन करने से पेट में जमा चर्बी बहुत ही तेजी से कम होती है। इस आसन को नियमित रूप से करने से बाजु और कमर मजबूत तथा लचीला होता है। सूर्यनमस्कार जब आप करते हैं, तो यह उस क्रमांक के सातवें नंबर पर आता है| इस आसन में सारा बल पेट पर जाता है। भुजंगासन को करते समय शरीर की आकृति फन सांप की तरह बनती है। इसलिए इसे भुजंगासन कहा जाता है। इसे नियमित रूप से करने से छरहरी काया बनती है। इसके साथ ही इससे कई फायदे होते हैं।

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बलासन

इस आसन से जांघ और टखनों की स्ट्रेचिंग होती है। रोजाना बलासन करने से पेट की चर्बी कम होगी। इससे शरीर में होने वाली थकान और तनाव दूर होती है। इस आसन को करने से लोअर बैक पेन को कम किया जा सकता है। लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक बैठकर काम करने से लोअर बैक पेन की समस्या होने लगी है। ऐसे में आप रोजाना ये आसन जरूर करें। इससे बैक पेन के साथ-साथ पेट की चर्बी भी कम होगी।

कपालभाति

कपालभाति एक श्वसन प्राणायम है, जिससे पेट की चर्बी तेजी से कम होती है। इसके साथ ही यह आसन आपके पूरे शरीर को संतुलित करता है। नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर में मौजूद 60% विषैले तत्त्व सांस के जरिए बाहर निकल जाते हैं। कपालभाति प्राणायाम के करने से शरीर में मौजूद विषैले तत्व से आप मुक्त हो सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से माथा भी चमकदार बनता है।

धनुरासन

धनुरासन करने से शरीर का आकार धनुष के समान दिखाई देने लगता है। इस वजह से इस आसन को धनुरासन कहा जाता है। वजन को कम करने के लिए धनुरासन सबसे उत्तम आसन माना जाता है। नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है। इसके साथ ही पेट की सारी समस्या भी ठीक होती है।

पादहस्तासन

इस आसन हाथों से पैरों को पकड़कर किया जाता है। इस वजह से इसका काम पादहस्तासन रखा गया है। पादहस्तासन करने के लिए पेट और पैर में लचीलेपन की आवश्यकता होती है। इस आसन खड़े होकर किया जाता है। शुरुआती समय में इस योगासन को जरूर करना चाहिए। पादहस्तासन पाचन की समस्याओं को नियंत्रित करने के साथ-साथ ही यह पैरों की हड्डियों के हड्डियों की समस्या को भी दूर करता है।

घर में तैयार करें आयुर्वेदिक मेंहदी तेल, कुछ ही दिनों में बालों की सभी समस्याएं होंगी दूर

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Ayurvedic Mehendi Oil: लंबे और खूबसूरत बाल की चाह हर किसी को होती है, लेकिन बहुत से लोगों की ये चाहत पूरी नहीं हो पाती। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके बाल खूबसूरत और घने बनें, तो आज हम आपको एक ऐसे तेल में बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे कुछ ही दिनों में आपके बाल घने और खूबसूरत हो जाएंगे। (Ayurvedic Mehendi Oil) ये तेल मेंहदी से तैयार किया जाता है। मेंहदी का तेल बालों के लिए बहुत ही अच्छा है। इससे बालों की सारी समस्याएं कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएंगी।

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बालों का झड़ने तक इस तेल से कम किया जा सकता है। मेंहद के तेल को बनाने के लिए मेंहदी के कुछ पत्तों की जरूरत होती है। (Ayurvedic Mehendi Oil) यह तेल आपके बालों की समस्या को दूर करने के साथ-साथ आपके बालों को चमकदार बनाने में भी आपकी मदद करता है। चलिए जानते हैं कैसे घर में मेंहदी का तेल बनाएं?

घर पर मेंहदी का तेल बनाने की विधि (Ayurvedic Mehendi Oil Method)

सामग्री:

  • 200 ग्राम नारियल का तेल
  • एक कटोरी मेंहदी का पत्ता इसके बदले आप मेंहदी पाउडर भी ले सकते हैं।
  • ऑयल रखने वाला कंटेनर

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मेंहदी का तेल कैसे बनाएं? (How to make Ayurvedic Mehendi Oil)

  • मेंहदी की पत्तियों से अगर आप तेल बना रहे हैं, तो इन पत्तियों को अच्छी तरह से साफ करके धो लें।
  • इसके इन पत्तियों को हल्‍के गर्म पानी में भिगोंए और कुछ देर इसे पीस लें।
  • मेंहदी के इस पेस्ट में थोड़ा सा पानी मिलाएं और गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें।
  • मेहदी का पेस्ट ऐसा होना चाहिए, जिससे गोलियां बन सके।
  • यदि आप मेंहदी के पाउडर से तेल बना रहे हैं, तो इस पाउडर में हल्का पानी डालकर पेस्ट बना वें औप इनकी गलियां बनाएं।
  • इन गोलियों को सूखने के लिए रख दें।
  • जब ये गोले सूख जाएं, तो एक कढ़ाई में नारियल का तेल डालें।
  • गर्म तेल में मेंहदी के गोले डालें और इसे तेल में अच्छी तरह से पकने दें।
  • थोड़ी देर बाद तेल का रंग बदलने लगेगा।
  • रंग बदलने के बाद गैस को बंद कर दें और इसे एक बाउल में निकाल कर रख लें।
  • तेल ठंडा होने पर इसे छलनी से छान लें।
  • अब इसे एक कंटेनर में डालकर स्‍टोर करें।
  • आपका मेंहदी ऑयल तैयार है।

बालों में कैसे करें इस्‍तेमाल? (How to use Mehendi Oil)

तेल तैयार होने के बाद सप्ताह में कम से कम तीन बार जरूर लगाएं। इससे कुछ ही दिनों में बालों में निखार आ जाएगा। तेल को नहाने से पहले अपने बालों और स्‍कैल्‍प पर हल्के हाथों से लगाएं। तेल लगाकर करीब 10 मिनट तक मसाज करें। कम से कम 2-3 घंटे तेल को बालों में लगाने के बाद ही बाल को धोएं। अगर आप चाहें, तो तेल को हल्‍का गुनगुना करके भी लगा सकते हैं।

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पीरियड्स में 1 गलती से हो सकती है ये गंभीर बीमारी, सैनेटरी पैड खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

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Womens Periods Problem in Hindi
Womens Periods Problem in Hindi

Women Periods Problem: महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दौर से गुजरना पड़ता है। यह दौर एक ऐसा समय होता है, जिसमें महिलाओं को असहनीय दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, (Women Periods Problem) जिसमें शरीर का दूषित खून बाहर निकलता है। इस ब्लड को सोखने के लिए महिलाएं महावारी के समय में सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं।

गलत पैड का चुनाव महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके कारण महिलाओं के गुप्त अंगों में खुजली, सूजन और लाल चकते होने की समस्या होने लगती है। (Women Periods Problem) इसके साथ ही गलत पैड के इस्तेमाल से बैक्टीरियल।

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इंफेक्शन का खतरा भी काफी ज्यादा होता है।

दरअसल, पीरियड्स के समय प्राइवेट पार्ट्स में नमी बनती है। ऐसे में नमी और खून के संयोजन के कारण बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन हो जाता है, जो रैशेज बनकर हमारे प्राइवेट पार्ट में उभरता है।

किस तरह करें सही सैनेटरी पैड का चुनाव

सैनेटरी पैड खरीदते समय अपने स्किन का ध्यान दें। हमेशा ऐसे पैड खरीदें, जिससे आपके स्किन पर किसी तरह की एलर्जी ना हो। कई बार अच्छी क्वालिटी के पैड से भी प्राइवेट पार्ट में रैशेज होने लगते हैं। ऐसे में हमें अपने स्किन के हिसाब से पैड खरीदना काफी जरूरी होता है।

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ब्लीडिंग का भी रखें ध्यान

पीरियड्स के शुरुआती दिनों में अगर आपको भी काफी प्लो होता है, तो लॉन्ग और एक्सट्रा एब्ज़ॉर्पशन वाले सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करें। पीरियड्स के दौरान शरीर से निकलने वाला ब्लड काफी दूषित होता है, जिससे प्राइवेट पार्ट में स्किन रैशेज और UTI की समस्या होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसके साथ ही जिन्हें हल्की ब्लीडिंग होती है, वे सामान्य पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सैनेटरी पैड की क्वालिटी

बहुत सी ऐसी लड़कियां होती हैं, जो सस्ते के चक्कर में पैड की क्वालिटी के साथ समझौता कर बैठती हैं। ऐसा करने से आपकी सेहत खराब हो सती है। खराब क्वालिटी के पैड इस्तेमाल करने से रैशेज का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए नैपकीन खरीदते समय क्‍वालिटी का ध्यान जरूर रखें।

कॉटन पैड का करें इस्‍तेमाल

आजकल बाजार में कई तरह के सैनेटरी पैड मिलती हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार पैड का चुनाव कर सकती हैं। खुशबू वाले पैड का चलन आजकल काफी ज्यादा बढ़ रहा है, लेकिन इस तरह के पैड से नुकसान होने का खतरा बढ़ सकता है। आप ऐसे पैड की जगह कॉटन पैड का इस्तेमाल करें। खुशबू वाले पैड में केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इंफेक्शन होने का खतरा हो सकता है।

एक बार में एक चीज का करें इस्तेमाल

कुछ महिलाओं को पीरियड्स के पहले और दूसरे दिन बहुत ही ज्यादा ब्लीडिंग होती है। इससे कपड़े में दाग-धब्बे लग जाते हैं। इस परेशानी से बचने के लिए महिलाएं एक से अधिक पैड का इस्तेमाल करने लगती हैं या फिर एक पैड के साथ टैम्पॉन का इस्तेमाल करती है। ऐसा करना उनके लिए हानिकारक हो सकता है। एक समय में सिर्फ एक ही चीज का इस्तेमाल ‌करना चाहिए।

हाइजीन का रखें ध्यान

वेजाइनल इंफेक्शन से बचने के लिए आजकल बहुत से ट्रीटमेंट मौजूह हैं, लेकिन अगर आप इस दौरान हाइजीन का ख्याल नहीं रखती हैं। तो कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान हाइजीन का ख्याल रखें, ताकि वेजाइनल इंफेक्शन से बचा जा सके।

इन बातों का रखें ख्याल

  • पीरियड्स के दौरान दिन में हर एक 3 घंटे पर सैनेटरी पैड बदलें।
  • पैड बदलते समय प्राइवेट पार्ट को अच्छे से साफ करें ताकि स्किन संबंधी समस्या से बचा जा सके।
  • पीरिड्य में प्राइवेट पार्ट की दिन में 4 से 5 बार सफाई करें।
  • इस दौरान टाइट कपड़े पहनने से बचें। ताकि बैचेनी और चिड़चिड़ापन ना हो।
  • गर्मियों में कॉटन अंडरवियर पहनें।
  • पीरिड्स में ज्यादा तला-भुना खाना ना खाएं। इससे ऐठन और दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
  • हैवी वर्कआउट ना करें। जितना हो सके शरीर को आराम दें।
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
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