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कई गुणों से भरपूर है आंवले की चाय, दिन में 2 कप पीकर डायबिटीज को करें कंट्रोल

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Amla Tea Benefits: आंवला कई गुणों से भरपूर होता है। यह विटामिन सी का सबसे अच्छा स्त्रोत है। यह एक ऐसा फल है, जिसमें एंटी डायबिटिक के गुण पाए जाते हैं, (Amla Tea Benefits) जो डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिससे एक बार व्यक्ति ग्रसित हो जाए तो वह आजीवन इसकी चपेट में रहता है।

डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को जीवन भर सावधानी और समय पर इलाज जरूरी है। अगर समय पर डायबिटीज को कंट्रोल कर लिया गया, तो इससे कई गंभीर बीमारी का खतरा रोक सकते हैं। जिसमें, किडनी, हृदय स्‍वास्‍थ्‍य और कई अन्‍य समस्‍याएं भी शामिल हैं।

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डायबिटीज को कई घरेलू उपायों से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें से एक है आंवला की चाय। यह एक आयुर्वेदिक हर्बल टी (Ayurveda Herbal Tea) है, जो टाइप-2  डायबिटीज जैसी कई समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में आंवले के इस्तेमाल औषधि के रूप में करते हैं। आइए जानते हैं कैसे?

डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है आंवला

स्‍वाद में खट्टा और कसैला आंवला डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा होता है। क्‍योंकि इसमें एंटी डायबिटिक गुण होते हैं और यह ब्‍लड शुगर को बढ़ने से रोकता है। (Amla Tea Benefits) इसीलिए डायबिटीज के रोगियों आंवला खाने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं आंवला फाइबर से भरपूर होता है। फाइबरयुक्‍त खाद्य पदार्थ ब्लड सर्कुलेशन में शुगर को क्रमिक या धीरे-धीरे रिलीज करने में सक्षम होता है। जिससे शुगर धीमी गति से रिलीज होता है। इस वजह से आपका ब्‍लड शुगर लेवल लंबे समय तक कंट्रोल रहता है।

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इसके साथ ही आंवला में क्रोमियम समृद्ध रूप से होता है, जो रासायनिक तत्‍व है। यह ब्‍लड प्रेशर से लेकर ब्‍लड शुगर को कंट्रोल रखने में हमारी मदद करता है। इसके साथ ही यह कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्‍म को कंट्रोल करता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।

आंवला विटामिन सी में भरपूर होता है। विटामिन सी से भरपूर फल डायबिटीज के मरीजों के लिए आदर्श फल माना जाता है। एक अध्‍ययन के मुताबिक, विटामिन सी, डायबिटीज के लिए काफी असरदार होता है।

डायबिटीज से ग्रसित लोग पिएं आंवले की चाय (Amla Tea for Diabetes)

यदि आप या फिर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो उन्हें आंवले की चाय पिलाएं। इसके अलावा आप आंवला सेंधा नमक के साथ खा सकते हैं। इसके साथ ही आंवला चूर्ण, आंवला जूस का भी सेवन कर सकते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं घर में आंवला की चाय बनाएं? आइए जानते हैं इसके बनाने का सही तरीका-

आंवले की चाय बनाने का तरीका (How to male Amla Tea)

  • एक पैन में 2 ग्लास पानी लें।
  • पानी अच्छे से उबल जानें के बाद इसमें 1 चम्मच आंवला पाउडर और अदरक कसकर डालें।
  • अब इसमें पुदीना की 2-3 ताजी पत्तियां डालें। इसके बाद 2 मिनट के लिए और उबाले।
  • चाय उबलने के बाद इसे छलनी से छान लें।
  • इसे आप लोगों को सर्व करें। यह स्वाद में आपको कड़वी लग सकती हैं, लेकिन डायबिटीज में मददगार है।
  • दिन में करीब 2 से 3 बार इस चाय को पिएं।

World Thyroid Day 2020 : विश्व थायरॉइड दिवस पर जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

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World Thyroid Day 2020
World Thyroid Day 2020

पूरे विश्व में 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस (World Thyroid Day 2020) मनाया जाता है। 2008 में पहली बार इस दिवस को मनाया गया था। उस दौरान अमेरिकन थायरॉयड एसोसिएशन (ATA) और यूरोपीय थायरॉयड एसोसिएशन (ETA) ने लोगों को थायरॉयड के प्रति जाररूक करने के लिए इस दिवस को मनाया था। तब से हर साल 25 मई को विश्व थायरॉयड दिवस (World Thyroid Day 2020) मनाया जाता है। कोरोना वायरस के इस महामारी के दौर में लोगों को अपने सेहत के प्रति अधिक जागरूप होना चाहिए। महिलाएं, पुरुषों की तुलना अधिक इस बीमारी से ग्रसित होती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ प्रमुख बातें-

थायरॉयड क्या है (What is Thyroid)

शरीर में आयोडीन की कमी के कारण थायरॉइड होने की संभावना अधिक होती है। इस बीमारी में गले की ग्रंथि बढ़ने लगती है, जो तितली के आकार की होती है। खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और हार्मोन में असंतुलन इस बीमारी के मुख्य जिम्मेवार होते हैं। यदि थायरॉइड हार्मोन में असंतुलन होने लगता है, हमारे शरीर का वजन तेजी से बढ़ने और घटने लगता है।

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शरीर में आयोडीन की कमी के कारण थायरॉइड होने की संभावना अधिक होती है। इस बीमारी में गले की ग्रंथि बढ़ने लगती है, जो तितली के आकार की होती है। खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और हार्मोन में असंतुलन इस बीमारी के मुख्य जिम्मेवार होते हैं। यदि थायरॉइड हार्मोन में असंतुलन होने लगता है, हमारे शरीर का वजन तेजी से बढ़ने और घटने लगता है।

थायरॉयड के लक्षण (Symptoms of Thyroid)

  • वजन कम होना या बढ़ना
  • सांस लेने में तकलीफ (सांसें तेजी से चलना)
  • आयोडीन की कमी से प्यास ज्यादा लगना
  • थकान अधिक होना
  • घबराहट होने की शिकायत
  • बाते भूलना
  • बाल तेजी से झड़ना
  • गुस्सा और चिड़चिड़ापन अधिक होना।

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थायरॉयड से कैसे करें बचाव  (How to Prevent Thyroid)

  • थायरॉइड से बचने के लिए हमें आयोडीन युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए।
  • अखरोट, कटहल, असली जैसी हाई फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
  • खाने में नारियल तेल का करें इस्तेमाल
  • बादाम और डेयरी प्रोडक्ट वाली चीजें अधिक खाएं।
  • थाइरॉइड के रोगियों के लिए अदरक भी फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व, पोटेशियम और मैग्नीश्यिम पाए जाते हैं, जो थायरॉयड संतुलित रखते में हमारी मदद करता है।
  • समुद्री फिश खाएं। इसमें आयोडीन की अधिकता होती है।
  • बीन्स का करें सेवन। बींस में फाइबर, प्रोटीन, आवश्यक खनिज और विटामिन से भरपूर होते हैं। जो थायरॉइड के लिए अच्छा माना जाता है।

खूशबू ही नहीं रोज एप्पल का स्वाद भी है गुलाब जैसा, जानें इसके 5 चौंका देने वाले फायदे

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Rose Apple Benefits
Rose Apple Benefits

Rose Apple Benefits: गर्मियों के मौसम में बहुत सारे फलों का स्वाद आपको चखने के लिए मिलता है। इस मौसम में तरबूज, खरबूज और आम मिलना काफी आम बात है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी महक और स्वाद काफी अलग होती है। (Rose Apple Benefits) इस फल की महक गुलाब जैसी होती है और स्वाद भी गुलाब की तरह। इस फल को लोग कई नाम से जानते हैं। सफेद जामुन और रोज एप्पल इसके काफी प्रचलित नाम हैं।

कोलकाता में ये फल आपको गर्मियों में आसानी से सड़कों पर बिकता हुआ नजर आ सकता है। वहां इस फल को ‘गुलाब जामुन’ के नाम से पुकारा जाता है। इसकी इस फल में आने वाली खूशबू है। (Rose Apple Benefits) ये फल बहुत कम जगह पर होता है और इसे उगाने की अनुमति भी बहुत ही कम लोगों को दी जाती है। इसका कारण है सफेद जामुन के बीज काफी जहरीले होते हैं। इसलिए इसे खाने के लिए बहुत ही सावधानी बरतनी होती है। हालांकि, इस फल के सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होता है। इसमें कई पौषक तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए काफी अच्छे हैं। गर्मियों में इसके सेवन से मौसमी इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा इस फल का इस्तेमाल सिरका और शराब बनाने के लिए किया जाता है, क्योंकि इसके कच्चे फल काफी खट्टे होते हैं। आइए जानते हैं रोज एप्पल खाने के और भी कई फायदे-

इम्यूनिटी होगी बेहतर (Better Immunity)

रोज एप्पल में विटामिन सी काफी मात्रा में होता है। इसलिए इसके सेवन से इम्यूनिटी बेहतर होता है। इसके सेवन से कोलेजन का निर्माण होता है, जो इम्यूनिटी सिस्टम को भी मजबूत बनाने में हमारी मदद करता है। इस फल का सेवन दोपहर में ही करें, इससे सर्दी-जुकाम से बचा जा सकता है।

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पेट की सभी समस्या करे दूर (Remove Stomach Problems)

फाइबर की अधिकता के कारण रोज एप्पल फल के सेवन से कब्ज, अपच और पेट की अन्य समस्या से छुटकारा मिलता है। फाइबरयुक्त होने की वजह से ही यह ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है। वजन को कंट्रोल करने के लिए भी यह फल काफी मददगार होता है। नियमित रूप से इस फल का सेवन करने से पेट की सारी समस्याएं ठीक होती हैं।

आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद  (Beneficial for Eyes)

रोज एप्पल में विटामिन ए की अधिकता होती है। विटामिन एक आंखों के लिए अच्छा माना जाता है। इसके सेवन से आपके आंखों की रोशनी बढ़ेगी।

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बॉडी में पानी की कमी होगी दूर (Improve Water Level in Body)

सफेद जामुन में सेब की तरह ही अधिक पानी होता है, जो आपके बॉर्डी को हाइड्रेट करता है। गर्मियों में इसके सेवन से पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही स्किन पर भी निखार आता है।

दांत और हड्डियां होंगी मजबूत (Strong Bones and Teeth)

रोज जामुन में काफी ज्यादा कैल्शियम, पोटैशियम जैसे तत्व होते हैं। ये दांतों और हड्डियों को मजबूत रखने में हमारी मदद करता है। इसके अलावा शरीर में तरल और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को  बनाए रखने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। मितली और कमजोरी से परेशान लोगों को रोज एप्पल का सेवन करना चाहिए।

1000 में से 10 बच्चे जन्मजात होते हैं इस बीमारी के शिकार, भारत में इतने फीसदी की हो जाती है मौत

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Congenital Heart Disease Symptoms
Congenital Heart Disease Symptoms

Congenital Heart Disease: दिल की बीमारी देश में लगातार बढ़ती जा रही है। हृदय रोग से भारत में हर साल लगभग 17 लाख लोगों की मौत हो जाती है। हाल ही में एक रिसर्च हुआ है। इस रिसर्च के मुताबिक, 1000 में से करीब 10 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित होते हैं। (Congenital Heart Disease) आइए आज जानते हैं हृदय रोग क्या होता है और कैसे इस बीमारी से बचाव करें।

क्या है जन्मजात हृदय विकार?

जन्मजात हृदय विकार का मतलब होता है दिल के आकार का सही ना होना या फिर दिल में छेद होना। विशेषज्ञों के अनुसार, जन्मजात हृदय विकार जन्म से ही होता है। (Congenital Heart Disease) इसमें बच्चे को जन्म से ही हृदय और उसकी प्रमुख नलिकाओं की संरचना विकृति होती है। 1,000 में से 10 बच्चों को जन्म से ही हृदय विकृति के शिकार होते हैं। उचित उपचार ना होने के कारण भारत में लगभग 10% बच्चे इस विकास से अपनी जान गवां देते हैं।

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क्या होता है दिल में छेद होना?

यह दिल से जुड़ी जन्मजात बीमारियों में से है। इसे कंजेनाइटल हार्ट डिजीज भी कहते हैं, जो गर्भ में ही शिशु के अंदर ग्रोथ करता है।

शिशु में हृदय विकृति के लक्षण?

  • छाती में बार-बार संक्रमण
  • नीलेपन (सायनोसिस)
  • धड़कने तेज होना
  • बार-बार तेज बुखार होने की शिकायत
  • सीने में अचानक तेज दर्द होना।
  • स्तनपान करने में परेशानी
  • दूध पीते समय शिशु को पसीना आना

ये भी पढ़ें – फिजिकल एक्टिविटी ना होने से बच्चों को हो सकती है गंभीर समस्याएं, लॉकडाउन में कराएं ये एक्सरसाइज

बड़े बच्चों में दिखने वाले लक्षण

  • धड़कनें तेज होना
  • जल्दी थकान महसूस करना
  • चक्कर आना
  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
  • खाने में परेशानी
  • उठने-बैठने में दिक्कत

जन्मजात हृदय विकृति के कारण

  • अनुवांशिक
  • अपने ही रिश्तेदार से शादी करना
  • गर्भावस्था के दौरान रूबेला वायरस
  • अधिक बच्चों के होने पर
  • प्रेग्नेंसी में अधिक दवाई खाने पर, बच्चे को दिल की बीमारी हो सकती है।

कैसे कर सकते हैं बचाव?

  • अगर परिवार में कोई हार्ट डिजीज से पीड़ित है, तो बच्चे के जन्म के बाद चेकअप कराएं।
  • हृदय रोग विशेषज्ञों से शिशु की जांच करवाएं।
  • कंजेनाइटल हार्ट डिजीज से ग्रसित बच्चों को फैमिली सपोर्ट की अधिक जरूरत होती है।
  • ऐसे बच्चों की देखभाल करें और प्यार से उन्हें रखें।
  • अगर इस बीमारी से पीड़ित बच्चे स्कूल जाते हैं, तो टीचर्स को भी बच्चों को सपोर्ट करने के लिए कहें।
  • टीचर्स को समझाएं की आपका बच्चा हैंडीकैप नहीं हैं। बच्चा दिल से कमजोर है, लेकिन दिमाग दूसरें बच्चों की तरह ही एक्टिव है।

कंजेनाइटल हार्ट डिजीज का इलाज

इस हर्ट डिजीज से पीड़ित बच्चों की सर्जरी की जाती है। अमेरिका में 5 साल के होने पर बच्चों की सर्जरी हो जाती है, लेकिन भारत में ज्यादातर इसकी सर्जरी देरी से की जाती है। एंजियोग्राफी के द्वार अंब्रैला डिवाइस से दिल का छेद बंद किया जाता है। यदि दिल में एक से ज्यादा समस्याएं होती हैं, तो ओपन हार्ट सर्जरी की होती है। अगर बीमारी मामूली हो तो दवा से भी इलाज किया जाता है।

फिजिकल एक्टिविटी ना होने से बच्चों को हो सकती है गंभीर समस्याएं, लॉकडाउन में कराएं ये एक्सरसाइज

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Children Exercise: एक उम्र के बाद बच्चों के लिए भी शारीरिक गतिविधि जरूरी हो जाती है। लॉकडाउन के कारण इन दिनों बच्चे ना तो बाहर खेलने जा पा रहे हैं और ना ही पार्कों में किसी तरह की गतिविधि कर रहे हैं। (Children Exercise) ऐसे में बच्चों के शारीरिक स्थिति पर इसका असर पड़ता है। घर के अंदर पैक होने की वजह वे शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं हो पाते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। अपने बच्चों को फिट रखने के लिए अभिवाभव को जरूरी कदम उठाने चाहिए।

बच्चों के साथ आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और ऐसे काम में बच्चों को व्यस्त रखें, जिससे वे शारीरिक काम करते रहें। इससे मानसिक दृढ़ता में भी सुधार होता है। इसके साथ ही शारीरिक रूप से भी बच्चे मजबूत होते  हैं। 

क्यों हैं बच्चों के लिए जरूरी है एक्सरसाइज

Children Exercise: एक उम्र के बाद बच्चों के लिए भी शारीरिक गतिविधि जरूरी हो जाती है। लॉकडाउन के कारण इन दिनों बच्चे ना तो बाहर खेलने जा पा रहे हैं और ना ही पार्कों में किसी तरह की गतिविधि कर रहे हैं। (Children Exercise) ऐसे में बच्चों के शारीरिक स्थिति पर इसका असर पड़ता है। घर के अंदर पैक होने की वजह वे शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं हो पाते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। अपने बच्चों को फिट रखने के लिए अभिवाभव को जरूरी कदम उठाने चाहिए।

बच्चों के साथ आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और ऐसे काम में बच्चों को व्यस्त रखें, जिससे वे शारीरिक काम करते रहें। इससे मानसिक दृढ़ता में भी सुधार होता है। इसके साथ ही शारीरिक रूप से भी बच्चे मजबूत होते  हैं। 

क्यों हैं बच्चों के लिए जरूरी है एक्सरसाइज

बच्चों को नियमित रूप से एक्सरसाइज कराना बहुत ही जरूरी है। ये उनके जीवनशैली का एक हिस्सा होना चाहिए। कई रिसर्च में बताया जा चुका है कि जो बच्चे शारीरिक रूप से कम सक्रिय होते हैं, वे डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के चपेट में जल्दी आ सकते हैं।  यही कारण है कि बच्चों के शुरुआत में ही नियमित रूप से एक्सरसाइज कराने की आदत डालनी चाहिए। 

ये भी पढ़ें – महिलाओं की पर्सनालिटी में आएगा निखार, नियमित रूप से करें ये वर्कआउट

इसके साथ ही इन रिसर्च में बच्चों में एक्सरसाइज के फायदों के बारे में भी बात की गई है। जो बच्चे नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनमें आत्मसम्मान, मनोदशा और नींद की गुणवत्ता बढ़ती है। एक्सरसाइज करने से होने वाले लाभ-

  • फिटनेस में सुधार
  • तनाव कम करना
  • शैक्षणिक स्कोर में सुधार
  • एकाग्रता में वृद्धि
  • स्वस्थ दिल, हड्डियों और मजबूत मांसपेशियों का निर्माण
  • स्वस्थ विकास
  • आत्मसम्मान में सुधार
  • रात में अच्छी नींद आना
  • मुद्रा और संतुलन में सुधार

लॉकडाउन में बच्चों को करवाएं कौन सी एक्सरसाइज?

स्ट्रेचिंग (Stretching)

लॉकडाउन में आप अपने बच्चों को घर पर ही स्ट्रेचिंग करवा सकते हैं। इससे शरीर लचीला और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही स्ट्रचिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। आइए जानते हैं स्ट्रेचिंग करने का सही तरीका।

ये भी पढ़ें – Work From Home से स्वास्थ पर होने लगा है बुरा असर? अपनाएं WHO के ये खास टिप्स

  • सबसे पहले पीठ को सीधा करके बैठें और दोनों पैरों को जितना हो सके उतना फैलाएं।
  • दाहिने हाथ से दाहिने घुटने को पकड़ें।
  • इसके बाद बाएं हाथ को सिर के ऊपर तक ले जाएं और दाईं ओर झुकें।
  • फिर पूरे शरीर को खींचने की कोशिश करें।
  • इसके बाद सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • इस  अभ्यास को नियमित रूप करें।

बच्चों से कराएं प्लैंक्स (Planks)

प्लैंक्स एब्स, कोर और बैक के लिए काफी अच्छा एक्सरसाइज है। ये एक्सरसाइज काफी आसान होता है, इसलिए बच्चे काफी आसानी से कर लेते हैं। 

  • सबसे पहले अपने बच्चों को नीचे झुकने के लिए कहें। 
  • फिर अपने फोरआर्म्स को जमीन पर टिकाने को कहें।
  • अपनी बाहों को शरीर के समानांतर कंधे-चौड़ाई की दूरी पर रखें।
  • अपने सिर को अपनी पीठ के अनुरूप रखें।
  • पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं और पैर की उंगलियों पर थोड़ा दबाव डालें। इसे करीब 5 बार दोहराएं।

पुश अप (Push-Ups)

पुश अप्स करना बच्चों के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इससे शरीर की अच्छी कसरत होती है। वहीं, रोजाना इस एक्सरसाइज से वजन कंट्रोल में रहता है। इसके साथ ही दिनभर एक्टिव रहेंगे। 

  • बच्चे को अपने पेट के बल लेटने के लिए कहें। 
  • फिर अपनी हथेलियों को जमीन पर रखवाएं।
  • बाहों का उपयोग करके शरीर को ऊपर उठाएं।

Children Exercise: एक उम्र के बाद बच्चों के लिए भी शारीरिक गतिविधि जरूरी हो जाती है। लॉकडाउन के कारण इन दिनों बच्चे ना तो बाहर खेलने जा पा रहे हैं और ना ही पार्कों में किसी तरह की गतिविधि कर रहे हैं। (Children Exercise) ऐसे में बच्चों के शारीरिक स्थिति पर इसका असर पड़ता है। घर के अंदर पैक होने की वजह वे शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं हो पाते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। अपने बच्चों को फिट रखने के लिए अभिवाभव को जरूरी कदम उठाने चाहिए।

बच्चों के साथ आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और ऐसे काम में बच्चों को व्यस्त रखें, जिससे वे शारीरिक काम करते रहें। इससे मानसिक दृढ़ता में भी सुधार होता है। इसके साथ ही शारीरिक रूप से भी बच्चे मजबूत होते  हैं। 

क्यों हैं बच्चों के लिए जरूरी है एक्सरसाइज

बच्चों को नियमित रूप से एक्सरसाइज कराना बहुत ही जरूरी है। ये उनके जीवनशैली का एक हिस्सा होना चाहिए। कई रिसर्च में बताया जा चुका है कि जो बच्चे शारीरिक रूप से कम सक्रिय होते हैं, वे डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के चपेट में जल्दी आ सकते हैं।  यही कारण है कि बच्चों के शुरुआत में ही नियमित रूप से एक्सरसाइज कराने की आदत डालनी चाहिए। 

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इसके साथ ही इन रिसर्च में बच्चों में एक्सरसाइज के फायदों के बारे में भी बात की गई है। जो बच्चे नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनमें आत्मसम्मान, मनोदशा और नींद की गुणवत्ता बढ़ती है। एक्सरसाइज करने से होने वाले लाभ-

  • फिटनेस में सुधार
  • तनाव कम करना
  • शैक्षणिक स्कोर में सुधार
  • एकाग्रता में वृद्धि
  • स्वस्थ दिल, हड्डियों और मजबूत मांसपेशियों का निर्माण
  • स्वस्थ विकास
  • आत्मसम्मान में सुधार
  • रात में अच्छी नींद आना
  • मुद्रा और संतुलन में सुधार

लॉकडाउन में बच्चों को करवाएं कौन सी एक्सरसाइज?

स्ट्रेचिंग (Stretching)

लॉकडाउन में आप अपने बच्चों को घर पर ही स्ट्रेचिंग करवा सकते हैं। इससे शरीर लचीला और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही स्ट्रचिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। आइए जानते हैं स्ट्रेचिंग करने का सही तरीका।

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  • सबसे पहले पीठ को सीधा करके बैठें और दोनों पैरों को जितना हो सके उतना फैलाएं।
  • दाहिने हाथ से दाहिने घुटने को पकड़ें।
  • इसके बाद बाएं हाथ को सिर के ऊपर तक ले जाएं और दाईं ओर झुकें।
  • फिर पूरे शरीर को खींचने की कोशिश करें।
  • इसके बाद सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • इस  अभ्यास को नियमित रूप करें।

बच्चों से कराएं प्लैंक्स (Planks)

प्लैंक्स एब्स, कोर और बैक के लिए काफी अच्छा एक्सरसाइज है। ये एक्सरसाइज काफी आसान होता है, इसलिए बच्चे काफी आसानी से कर लेते हैं। 

  • सबसे पहले अपने बच्चों को नीचे झुकने के लिए कहें। 
  • फिर अपने फोरआर्म्स को जमीन पर टिकाने को कहें।
  • अपनी बाहों को शरीर के समानांतर कंधे-चौड़ाई की दूरी पर रखें।
  • अपने सिर को अपनी पीठ के अनुरूप रखें।
  • पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं और पैर की उंगलियों पर थोड़ा दबाव डालें। इसे करीब 5 बार दोहराएं।

पुश अप (Push-Ups)

पुश अप्स करना बच्चों के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इससे शरीर की अच्छी कसरत होती है। वहीं, रोजाना इस एक्सरसाइज से वजन कंट्रोल में रहता है। इसके साथ ही दिनभर एक्टिव रहेंगे। 

  • बच्चे को अपने पेट के बल लेटने के लिए कहें। 
  • फिर अपनी हथेलियों को जमीन पर रखवाएं।
  • बाहों का उपयोग करके शरीर को ऊपर उठाएं।

(Children Exercise) बच्चों को नियमित रूप से एक्सरसाइज कराना बहुत ही जरूरी है। ये उनके जीवनशैली का एक हिस्सा होना चाहिए। कई रिसर्च में बताया जा चुका है कि जो बच्चे शारीरिक रूप से कम सक्रिय होते हैं, वे डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के चपेट में जल्दी आ सकते हैं।  यही कारण है कि बच्चों के शुरुआत में ही नियमित रूप से एक्सरसाइज कराने की आदत डालनी चाहिए। 

ये भी पढ़ें – महिलाओं की पर्सनालिटी में आएगा निखार, नियमित रूप से करें ये वर्कआउट

इसके साथ ही इन रिसर्च में बच्चों में एक्सरसाइज के फायदों के बारे में भी बात की गई है। जो बच्चे नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनमें आत्मसम्मान, मनोदशा और नींद की गुणवत्ता बढ़ती है। एक्सरसाइज करने से होने वाले लाभ-

  • फिटनेस में सुधार
  • तनाव कम करना
  • शैक्षणिक स्कोर में सुधार
  • एकाग्रता में वृद्धि
  • स्वस्थ दिल, हड्डियों और मजबूत मांसपेशियों का निर्माण
  • स्वस्थ विकास
  • आत्मसम्मान में सुधार
  • रात में अच्छी नींद आना
  • मुद्रा और संतुलन में सुधार

लॉकडाउन में बच्चों को करवाएं कौन सी एक्सरसाइज?

स्ट्रेचिंग (Stretching)

लॉकडाउन में आप अपने बच्चों को घर पर ही स्ट्रेचिंग करवा सकते हैं। इससे शरीर लचीला और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही स्ट्रचिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। आइए जानते हैं स्ट्रेचिंग करने का सही तरीका।

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  • सबसे पहले पीठ को सीधा करके बैठें और दोनों पैरों को जितना हो सके उतना फैलाएं।
  • दाहिने हाथ से दाहिने घुटने को पकड़ें।
  • इसके बाद बाएं हाथ को सिर के ऊपर तक ले जाएं और दाईं ओर झुकें।
  • फिर पूरे शरीर को खींचने की कोशिश करें।
  • इसके बाद सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • इस  अभ्यास को नियमित रूप करें।

बच्चों से कराएं प्लैंक्स (Planks)

प्लैंक्स एब्स, कोर और बैक के लिए काफी अच्छा एक्सरसाइज है। ये एक्सरसाइज काफी आसान होता है, इसलिए बच्चे काफी आसानी से कर लेते हैं। 

  • सबसे पहले अपने बच्चों को नीचे झुकने के लिए कहें। 
  • फिर अपने फोरआर्म्स को जमीन पर टिकाने को कहें।
  • अपनी बाहों को शरीर के समानांतर कंधे-चौड़ाई की दूरी पर रखें।
  • अपने सिर को अपनी पीठ के अनुरूप रखें।
  • पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं और पैर की उंगलियों पर थोड़ा दबाव डालें। इसे करीब 5 बार दोहराएं।

पुश अप (Push-Ups)

पुश अप्स करना बच्चों के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इससे शरीर की अच्छी कसरत होती है। वहीं, रोजाना इस एक्सरसाइज से वजन कंट्रोल में रहता है। इसके साथ ही दिनभर एक्टिव रहेंगे। 

  • बच्चे को अपने पेट के बल लेटने के लिए कहें। 
  • फिर अपनी हथेलियों को जमीन पर रखवाएं।
  • बाहों का उपयोग करके शरीर को ऊपर उठाएं।

कोरोनावायरस से ठीक हुए मरीजों को 30 दिनों तक नहीं करना चाहिए सेक्स

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coronavirus recovering patient update
coronavirus recovering patient update

Coronavirus and Sex: कोरोना वायरस से ठीक होने के बावजूद भी इसका पूरी तरह से खतरा टला नहीं है। संक्रमण से ठीक होने के बाद भी कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। (Coronavirus and Sex) एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कोरोनावायरस के ऐसे मरीज जो पूरी तरह से ठीक होकर घर जा चुके थे, उनके स्पर्म में कोरोनावायरस मिले हैं।

इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि पुरुषों को ऐसी स्थिति में अपने साथी के साथ संबंध बनाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से महिला साथी को भी (Coronavirus and Sex) कोरोना वायरस होने का खतरा हो सकता है। क्योंकि कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें ठीक होने के बाद भी पुरुषों के स्पर्म में कोरोना वायरस के होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में व्यक्ति को संभल कर रहना चाहिए।

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एक्सपर्ट्स का तो कोरोनावायरस से पूरी तरह से ठीक हो चुके मरीज को कुछ समय के लिए अपने परिवार से दूरी बना लेनी चाहिए। एक वेबसाइट के मुताबिक, यदि कोरोनावायरस से आप ठीक हो चुके हैं, तो आपके लिए सेक्स से परहेज बहुत ही जरूरी है। इतना ही नहीं, अपने साथी को किस करने से भी परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही चीन में हुए अध्ययन में चेतावनी दी गई है ठीक हो चुके मरीजों के साथ संबंध बनाना अनसेफ हो सकता है।

कोरोना वायरस (Coronavirus) बॉडी छींक या जुकाम के ड्रॉपलेट्स के जरिए तेजी से फैलता है, ऐसे में हमें बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है। खबर के मुताबिक, कोरोनावायरस से ठीक हुए मरीज को कम से कम 30 दिनों तक अपने साथी के साथ संबंध बनाने से बचना चाहिए। इतना ही नहीं, किस भी करने से दूर रहें। यदि आप इलाज के एक महीने बाद भी अपने साथी के साथ संबंध बना रहे हैं, तो कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।

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चीन में हुए अध्ययन में 38 कोरोनावायरस के मरीजों का स्पर्म लिया गया। इस मरीजों में से 15 मरीज हॉस्पिटल में ही थे। वहीं, बाकि के 23 मरीज ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके थे। इन मरीजों का जब टेस्ट किया गया, तो 6 लोगों के स्पर्म में कोरोनावायरस मिता, इनमें से 2 ऐसे व्यक्ति थे, जो पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके थे।

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क्या कभी आपने खाया है लाल केला? जानें, इसके अद्भुत फायदे

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Health Benefits of Red Banana
Health Benefits of Red Banana

Red Banana Benefits: पीले केला आपने कई बार खाया होगा, लेकिन क्या आपने कभी लाल केला खाया है? या फिर कभी इस केले के बारे में सुना है? लाल केले को ‘रेड डक्का” के नाम से भी कई लोग जानते हैं। इसका बाहरी छिलका लाल रंग का होता है। इसका उत्पादन दक्षिण पूर्व एशिया में अधिक होता है। (Red Banana Benefits) पीले केले की तुलना में यह केला ज्यादा मीठा और छोटा होता है। इसके साथ ही ये अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसकी मदद से ब्लड शुगर को कम किया जा सकता है। इम्यूनिटी को बढ़ाने और पाचन को दुरुस्त रखने में यह हमारी मदद करता है। आइए जानते हैं लाल केले खाने के अन्य फायदों के बारे में-

लाल केले खाने के फायदे (Health Benefits Of Red Banana in Hindi)

पोषक तत्वों से होता है भरपूर

सामान्य आकार का लाल केला करीब 100 ग्राम का होता है। इसमें फैट की मात्रा काफी कम होती है और फाइबर अधिक होता है। यह कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसमें सुक्रोज और फ्रुक्टोज की अच्छी मात्रा होती है। (Red Banana Benefits) इसके सेवन से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इसके साथ ही ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। इसके अलावा लाल केले में विटामिन सी, विटामिन बी-6, थीआमिन और फोलेट जैसे तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

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डायबिटीज के लिए असरकारी

डायबिटीज के रोगियों के लिए लाल केला काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही इसके सेवन से आपके ब्लड शुगर लेवल में अचानक स्पाइक की मात्रा कम हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक, लाल केले की कम ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया डायबिटीज से मरीजों के लिए फायदेमंद होती है।

एंटीऑक्सीडेंट तत्व

लाल केले (Red Banana) में विटामिन सी और फेनॉल्स की मात्रा भरपूर रूप से होती है। इसके साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से प्रचूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है। इसके सेवन से स्ट्रेल लेवल को भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही यह हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में सहायक माना जाता है।

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ब्लड प्रेशर को करता है कम

लाल केले को नियमित रूप से सेवन करने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें भरपूर रूप से पोटैशियम मौजूद होता हैं। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में पोटेशियम की आवश्यकता होती है।

आंखों के लिए भी है फायदेमंद

आखों के लिए भी लाल केला काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन होते हैं। इसके अलावा लाल केले में बीटा-कैरोटेनॉइड भी पाया जाता है। विटामिन ए भी अधिक होता है। जो आंखों की रोशनी के लिए अच्छा माना जाता है।

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Corona Vaccine
Corona Vaccine

Corona Vaccine: कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। ऐसे में वैक्सीन की खबर दुनिया के लिए नई उम्मीद जगा देता है। कोविड-19 (Corona Vaccine) के जंग के बीच एक सिगरेट मेकर अमेरिकन-ब्रिटिश तंबाकू कंपनी ने वैक्सीन बनाने का दावा किया है। कंपनी के मुताबिक, वह जल्द ही इंसानों पर परीक्षण शुरू कर सकती है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकन-ब्रिटिश तंबाकू (BAT) कंपनी की इस वैक्सीन का प्री-क्लीनिकल टेस्ट किया गया है, जिसमें इम्यून का काफी अच्छा रिजल्ट देखा गया है। अब जल्द ही इस (Corona Vaccine) वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का प्रथम चरण शुरू होने वाला है।

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इस बारे में लंदन स्थित सिगरेट बनाने वाली कंपनी ‘लकी स्ट्राइक’ ने कहा, ” अगर ड्रग रेगुलेटर ऑथोरिटी इस परीक्षण की अनुमति देती है, तो जून के आखिर तक वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण शुरू हो जाएगा। ” बता दें कि कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। अबतक 100 से भी अधिक वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसमें अमेरिका, चीन, यूरोप के अलावा कई अन्य देश शामिल हैं।

तंबाकू के पौधे का हो रहा इस्तेमाल

ब्रिटिश-अमेरिका तंबाकू कंपनी की प्रतिद्वंद्वी कंपनी ‘फिलिप मॉरिस इंटरेशनल’ भी इम्यून को बूस्ट करने वाली वैक्सीन की टेस्टिंग कर रही है। BAT की सहायक कंपनी केंटकी बायोप्रोसेसिंग प्रयोगात्मक वैक्सीन बनाने में तंबाकू के पौधों का इस्तेमाल करेगी। BAT का दावा है कि वैक्सीन बनाने का ये तरीका पारंपरिक तरीकों से कहीं ज्यादा अच्छा साबित हो सकता है। इस समय जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने की जरूरत है। सरकारी प्रक्रिया के कारण वैक्सीन बनाने में ज्यादा समय लग सकता है।

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इस कंपनी ने दावा किया है कि तंबाकू के पौधे की मदद से बनाई जाने जा रही वैक्सीन का शरीर पर अन्य उत्पादों की तरह असर नहीं करेगा। यह अन्य उत्पादों से विपरीत असर डालेगा। हालांकि, WHO पहले ही धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को चेतावनी दे चुके हैं कि इनका सेवन करना उनके लिए और अधिक घातक हो सकता है। वहीं, तंबाकू के सेवन से हर साल पूरी दुनिया में 80 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है।

कोरोना वायरस लोगों को बचाएगी ये चाय, रिसर्च कार्यों में जुड़ा नाम

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Black Tea for Corona
Black Tea for Corona

Black Tea Leaf: कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए विश्वभर में कई शोध कार्य चल रहे हैं। अब इन शोध कार्य में असम की काली पत्तियों (Black Tea Leaf) की चाय का नाम भी जुड़ गया है। जी, हां अब असम की इन काली पत्तियों से बनी चाय पीने से कोविड-19 के संक्रमण को कम किया जा सकता है। यह दावा असम के जोरहाट स्थित टोकलाई चाय अनुसंधान केंद्र द्वारा किया गया है। इनका दावा है कि इन काली पत्तियों की चाय से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इसे प्रामाणिक साक्ष्य भी मौजूद हैं।

कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौरान अगर नियमित रूप से इन काली पत्तियों की चाय का सेवन किया गया, तो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) ने भी इस बात की पुष्टि की है। (Black Tea Leaf) काली पत्तियों का लाल चाय थीफ्लेविन्स, एचआईवी, इन्फ्लुएन्जा और हेपेटाइटिस-सी के प्रतिरोध के रूप में सामने आया है। हाल ही में चीन में एक अध्ययन हुआ था, जिसमें इस बात का खुलासा किया गया कि इन काली पत्तियों में थीफ्लेविन्स प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। यह वायरस से लड़ने में कारगर है।

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बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

टोकलाई चाय अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. एके बरुवा ने इस बारे में कहा कि ताइवान में हुए एक अध्ययन के अनुसार यह चाय अन्य वायरस के प्रतिरोध में भी कारगर साबित हो सकता है। चाय विश्व की सबसे लोकप्रिय पेय होने के बावजूद इसके कुछ स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Tea) को अनदेखा कर दिया जाता है। इसके साथ ही हरी पत्तियों की चाय की गुणवत्ता भी विभिन्न अध्ययनों में साबित की गई है।

कैंसर और फ्लू जैसी बीमारियों के लिए कारगर

काली पत्तियों की लाल चाय (Red Tea) से निकले सार तत्व सूजन, फ्लू से संबंधित बीमारी और कैंसर (Cancer) के लिए फायदेमंद होता है। इससे हृदय संबंधित बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है। लाल चाय पीने के सेवन से वजन भी काफी तेजी से घटता है। इन चाय में मौजूद एल-थियानिन एमिनो एसिड रोग प्रतिरोधक को क्षमता बढ़ाने के साथ ही बैक्टेरिया, फंगस और वायरस के रोकथाम में मदद करता है।

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लॉकडाउन के चलते बगानों का कामकाज ठप

लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से चाय के बागानों का कामकाज ठप हो गया है। इस उद्योग को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन धीर-धीरे स्थितियों में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है। चाय की कीमतों में उछाल आया है।

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National Dengue Day 2020 : डेंगू का मच्छर होता है औरों से अलग, काटने के कई दिनों तक नहीं दिखते इसके लक्षण

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National Dengue Day 2020
National Dengue Day 2020

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day 2020) मनाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य डेंगू मच्छर और इस जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना है। मई महीना खत्म होते ही, भारत में हर साल मानसून दस्तक देता है। इस मौसम में मच्छर काफी पनपते हैं, जिसमें डेंगू के मच्छर (Dengue Mosquito) भी शामिल हैं।

मानसून शुरू होने के साथ ही देश में डेंगू फैलने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। डेंगू बारिश के सीजन में काफी तेजी से फैलता है। क्योंकि इस मौसम में मच्छर को पनपने के लिए ये सबसे अनुकूल परिस्थिति होती है। इसलिए इस सीजन में सतर्क होने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। बता दें कि डेंगू का मच्छर अन्य मच्छरों की तुलना में काफी अलग होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं डेंगू के मच्छर में क्या अलग होता है?

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डेंगू का मच्छर कैसा होता है ? (What is a dengue mosquito like?)

डेंगू जिस मच्छर के काटने से फैलता है, उसका नाम है मादा एडीज मच्छर। (National Dengue Day 2020) यह मच्छर दिखने में सामान्य मच्छर से अलग होता है। डेंगू के मच्छर के शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है। इस मच्छर की सबसे अलग बात ये है कि ये मच्छर रोशनी में ही लोगों को काटते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो डेंगू के मच्छर सुबह के समय सबसे अधिक काटते हैं। वहीं, यदि रात में जहां रोशनी ज्यादा होती है, वहां मच्छर अधिक काटते हैं। इसलिए सुबह और दिन के समय ज्यादा सतर्क होने की जरूरत होती है।

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एडीज इजिप्टी मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक उड़ नहीं पाता है। इसकी उड़ने की क्षमता इंसान के घुटनों तक ही होती है। इसलिए हमेशा अपने शरीर को पूरा ढकें रखें। ताकि आप मच्छर से बच सकें। सुबह के समय अपने पांवों को अच्छी तरह से ढक कर रखें। डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में अधिक पनपते हैं। साफ-सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इस मच्छर से अधिक खतरा होता है।

कब चलता है डेंगू का पता? (When does dengue detect?)

डेंगू मच्छर के काटते के तुरंत बाद इसके लक्षण सामने नहीं आते हैं। इसका प्रभाव मच्छर के काटने के कुछ दिनों बाद दिखता है। एडीज मच्छर द्वारा काटे जाने के करीब 3-5 दिनों बाद डेंगू के लक्षण सामने आते हैं। दुनिया भर में मच्छरों की करीब 3 हजार 500 प्रजातियां हैं। लेकिन इन मच्छरों में ज्यादातर ऐसे नस्ल हैं, जो इंसानों को परेशान नहीं करती हैं। मच्छरों की सिर्फ छह फ़ीसदी प्रजातियां ही इंसानों का खून पीती हैं।

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