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इंडोनेशिया के इस अनोखे प्रयोग से तेजी से कम हुए डेंगू मामले

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Dengue Symptoms in Hindi
इंडोनेशिया के इस अनोखे प्रयोग से तेजी से कम हुए डेंगू मामले

Dengue Symptoms: बारिश के मौसम में मच्छरों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि के फैलने की संभावना भी काफी अधिक बढ़ जाती है। (Dengue Symptoms) इसी को लेकर कुछ समय पहले इंडोनिशिया में एक अनोखे तरह का रिसर्च किया गया। इस रिसर्च के बाद वहां के शहर में डेंगू के मामलों में 77 प्रतिशत तक कमी हो गई है। रिसर्च की सबसे अनोखी बात यह है कि यह रिसर्च किसी इंसानों पर नहीं, बल्कि मच्छरों पर की गई है।

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मच्छरों पर केंद्रित रह प्रयोग

अब तक के किसी भी प्रयोग में डेंगू, मलेरिया के इलाज को लेकर उसके लक्षणों, दवाइयों का असर और संक्रमण फैलने वाले हालातों पर केंद्रित रहा है। (Dengue Symptoms) लेकिन इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने मच्छरों को अपना केंद्र बनाया, जिसके परिणाम स्वरुप डेंगू के मामले काफी कम हुए, जो काफी चौंकाने वाला है।

क्या किया शोधकर्ताओं ने

इस प्रयोग पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स ने इस प्रयोग में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों में एक खास तरह का बैक्टीरिया डाल कर उन्हें सामान्य वातारवरण में छोड़ दिया। वोलबाचिया नामक यह बैक्टीरिया प्राकृतिक कीड़ों की कुछ प्रजातियों में पाए जाते हैं। इन कीड़ों में कुछ मच्छर भी शामिल हैं। लेकिन वे मादा एंडीज (Aedes aegypti) मच्छर नहीं जो डेंगू फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं ये बैक्टीरिया उन मच्छरों में भी नहीं होता जो जीका, चिकनगुनिया और येलो फीवर जैसी बीमारियां फैलाते हैं।

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इस बैक्टीरिया में क्या है खास

इंडोनेशिया में हुए इस रिसर्च के पीछे साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ एक रिसर्च है। इस रिसर्च में वर्ल्ड मॉस्कीटो प्रोग्राम (WMP) नाम के एक रिसर्च समूह ने खोजा कि एडीज एगिप्टी मच्छर तब डेंगू नहीं फैला सकते जब उनमें वोलबाचिया बैक्टीरिया मौजूद होता है। इस बैक्टीरिया की मौजूद क में डेंगू वायरस पनप नहीं पाता है।

किस आधार पर हुआ रिसर्च

इस रिसर्च के आधार पर दो साल पहले शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च के तहत इस बैक्टीरिया वाले मच्छरों को इंडोनेशिया के शहरों के कुछ हिस्सों में छोड़ दिए। बुधवार को इस रिसर्च के परिणाम घोषित किए गए हैं, जिसमें बताया गया कि इस रिसर्च के तहत डेंगू के मामलों में 77 प्रतिशत तक कि कमी आई है।

व्यापक तौर पर कैसे होता है असर

व्यापक तौर पर असर करने के लिए बैक्टीरिया वाले मच्छरों को स्थानीय मच्छरों के बीच छोड़ दिया जाता है। ऐसे में जब वे मच्छर इन मच्छरों के आसपास रहते हैं, तो आपस में संकरण होने लगता है और धीरे धीरे सभी मच्छरों में यह बैक्टीरिया प्राकृतिक रूप से पहुंचने लगता है। ऐसा होते-होते एक समय में सभी स्थानीय मच्छरों में यह बैक्टीरिया पहुंच जाता है।

जन्माष्टमी वाले दिन इस तरह रखें फास्ट, रात 12 बजे तक रहेंगे फुल एक्टिव

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Krishna Janmashtami 2020
Krishna Janmashtami 2020: भारत में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। इस साल 11 और 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी

Krishna Janmashtami 2020: भारत में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। इस साल 11 और 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। इसी वजह से बहुत से लोग जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2020) पर पूरे दिन व्रत रखते हैं और रात को 12 बजे अपना व्रत खोलते हैं। कई लोग उत्साह से खुशी-खुशी व्रत रखते हैं, लेकिन शरीर कमजोर होने की वजह से कुछ लोगों को थकान, सिर में दर्द, पेट में दर्द और अन्य तरह की शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं। (Krishna Janmashtami 2020 Date) व्रत के दौरान सही तरीका और सही डाइट को न अपनाने की वजह से ऐसा अक्सर होता है। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताने जा रहा हैं, जिसे आप व्रत के दौरान खाएंगे तो आप स्वस्थ और उर्जावान बने रहेंगे।

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ये बात जाननी है जरूरी

किसी भी तरह के व्रत वाले दिन लोगों का मानना होता है कि अगर वे उस दिन अपने डाइट पर फोकस करेंगे, तो वजह एक्टिव बने रहेंगे। ऐसे लोग सुबह से ही फल, जूस और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना शुरू कर देते हैं। (Krishna Janmashtami 2020) अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो बिल्कुल गलत हैं। व्रत के एक दिन पहले अपने डाइट को मजबूत करें। अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो एक दिन पहले से ही धूम्रपान, शराब, फास्ट फूड और मैदे से बनी चीजों को त्याग दें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो व्रत करना आपके लिए आसान हो सकता है। (Krishna Janmashtami Sbubh Muhurat) इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर होगा, क्योंकि ये सभी चीजें आपके पाचनतंत्र को कमजोर बना देती है। जिसकी वजह से आपको गैस्ट्रिक, एसिडिटी, जी मचलना और सिर में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए व्रत के एक दिन पहले हेल्दी चीजों का सेवन करें। अनहेल्दी चीजों से बचकर रहें।

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सादा व्रत रखने वालों के लिए टिप्स

जनमाष्टमी वाले व्रत के दिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो बिल्कुल भी नहीं खाते हैं। अगर आप भी यह मानते हैं, तो इसे जरूर फॉलो करें। लेकिन ध्यान रखें कि किसी भी कीमत पर व्रत वाले दिन पानी पीना ना छोड़ें। (Krishna Janmashtami Pooja Vidhi) व्रत वाले आप कम से कम 10 से 12 ग्लास पानी पिएं।  अगर आप सूर्यास्त के बाद पानी पीना नहीं चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहे हैं या नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। (Happy Krishna Janmashtami 2020 Date and Time) इससे आपका शरीर पूरे दिन हाइड्रेट रहता है। पानी पीने से पेट भरा भरा सा लगता है। ऐसे में आपको एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। इसके साथ ही आपका बॉडी भी डिटॉक्स होता है।

कुछ अन्य जरूरी टिप्स

  • व्रत वाले दिन तली भुनी चीजों का सेवन न करें। फिर चाहे वह स्पेशली व्रत के लिए ही क्यों न हो।
  • गुस्सा ना करें। ऐसी चीजें करें, जिसमें आपको मजा आता है। जैसे- किताब पढ़ें, गेम खेलें, फिल्म देखें या शॉपिंग करें आदि।
  • बाहर घूमने जाएं। अगर आपका मूड अच्छा होगा, तो किसी तरह की थकान महसूस नहीं होगी।
  • अगर आपके पास पुराने कपड़े हैं, तो बाहर जाकर बांटे। ऐसा करने से आपको अच्छा फील होगा।

जन्माष्टमी पर कृष्ण जी को पंजीरी का लगाया जाता है भोग, जानिएं सेहत से जुड़े इसके फायदे

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Panjiri Benefits
Image Credit: Sooper Chef

Panjiri Benefits: जन्माष्टमी को लेकर कई लोग कंफ्यूज हैं कि आखिर कृष्ण जन्माष्टमी कब है? कुछ लोग 10 अगस्त को जन्माष्टमी मना रहे हैं, तो कुछ लोग 11 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2020) मनाएंगे। कृष्ण जन्माष्टमी 2020 की तारीख (Janmashtami 2020 Date) को लेकर हर साल लोगों के मन में संशय (When Is Janmashtami 2020) रहता है।

इस साल देश के कुछ हिस्सों में जन्माष्टमी 10 अगस्त को भी मनाई जा रही है। वहीं, कुछ हिस्सों में 11 और 12 अगस्त को मनाई जाएगी। दुनियाभर के हिंदू इस पावन अवसर पर बहुत ही (Krishna Janmashtami) उत्साहित रहते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्ण जी की पूजा की जाती है। कृष्ण जी को माखन और मिश्री बहुत ही प्रिय है। इस दिन माखन और मिश्री के अलावा कृष्ण जी को धनिए से तैयार पंजीरी (Panjiri Benefits) का भोग लगाया जाता है। धनिए से तैयार पंजीरी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है, क्योंकि इसमें कई ऐसी चीजें मिली होती हैं, जो सेहत के लिए बहुत ही असरकारी हैं। आइए आज जानते हैं पंजीरी खाने के क्या क्या पायदे होते हैं-

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पाचनतंत्र को करे दुरुस्त

पाचनतंत्र के लिए पंजीरी बहुत ही फायदेमंद होता है। पंजीरी में कई तरह के ड्राई फ्रूट्स मिलाए जाते हैं, जो पाचन को दुरुस्त करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही धनिया सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है। यह वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है। इसके साथ ही धनिए से तैयार पंजीरी का सेवन करने से गैस और एसिडिटी की परेशानी नहीं होती है।

गठिया के लिए असरकारी

गठिया रोगियों के लिए पंजीरी बहुत ही फायदेमंद है। यह जोड़ों में दर्द, जूसन और अकड़न की समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकता है। अगर आप गठिया के दर्द से परेशान हैं, तो नियमित रूप से पंजीरी का सेवन करें, इससे आपको जल्द ही राहत मिलेगी।

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आंखों की बढ़ाए रोशनी

आंखों के लिए धनिए से तैयार पंजीरी बहुत ही फायदेमंद है। यह आपके आंखों की रोशनी को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेट्री के गुण पाए जाते हैं, जो आंखों की हर एक परेशानी को दूर करने में आपकी मदद करता है। अगर आप नियमित रूप से पंजीरी का सेवन करते हैं, तो आपको कभी भी आंखों में चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

दिमाग के लिए है फायदेमंद

पंजीरी में घी और मखाने का काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इसमें कई तरह के नट्स भी मिलाए जाते हैं, जो हमारे दिमाग को तेज करने में हमारी मदद करता है। इसके साथ ही धनिया भी दिमाग को दुरुस्त करने में आपकी मदद करता है। धनिए से तैयार पंजीरी का सेवन करने से मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है। ऐसे में आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं।

कैल्शियम की कमी और जोड़ों के दर्द से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो डाइट में जरूर शामिल करें ये 5 फूड्स

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Calcium Rich Foods
Calcium Rich Foods: कैल्शियम की कमी और जोड़ों के दर्द से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो डाइट में जरूर शामिल करें ये 5 फूड्स

Calcium Rich Foods: कैल्शिय शरीर के लिए बहुत ही जरूरी तत्व है। शरीर में कैल्शियम की कमी से कई तरह की परेशानी होती हैं। इंसान का शरीर एक मशीन की तरह है, जिस तरह एक मशीन को कार्य करने के लिए ईधन की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह शरीर को भी कार्य करने के लिए सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। (Calcium Rich Foods) अगर इन पोषक तत्वों में किसी तरह की कमी आती है, तो इंसान कई तरह की परेशानियों से जूझने लगता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो उसकी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसके साथ ही हाथ पैरों में भी दर्द होने लगता है। इसलिए शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में दूध के अलावा अन्य कैल्शियमयुक्त आहार को शामिल करें। आइए जानते हैं कैल्शियम युक्त आहार के नाम-

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दूध (Milk)

Milk Benefits in Hindi

कैल्शियम का सबसे अच्छा और बेहतरह स्त्रोत दूध को माना जाता है। नियमित रूप से दूध का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही दूध आंखों के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। (Calcium Rich Foods) इसलिए अगर आप कैल्शियम की कमी को महसूस कर रहे हैं, तो अपने डाइट में दूध को जरूर शामिल करें। इससे आप कैल्शियम की कमी से छुटकारा पा सकते हैं।

पनीर (Cheese)

Cheese Benefits in Hindi

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पनीर दूध का ही स्वरूप है, इसलिए पनीर को भी कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। पनीर ना सिर्फ कैल्शियम की कमी को दूर करता है, बल्कि इसके सेवन से शरीर को प्रोटीन भी मिलता है, जो आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। आपको पनीर कहीं भी आसानी से डेरी शॉप में मिल जाएगा।

अंजीर (Fig)

Fig Benefits in Hindi

अंजीर सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह कैल्शियम का भी एक अच्छा स्त्रोत है। कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में अंजीर आपकी मदद करता है। अंजीर ना सिर्फ कैल्शियम से भरपूर होता है, बल्कि इसमें मैग्नीशियम, फाइबर और पोटैशियम जैसे तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। नियमित रूप से अंजीर का सेवन करने से हड्डियां मजबूती रहती हैं और अंजीर में पाया जाने वाला मैग्नीशियम आपकी हार्ट बीट को सही करता है।

संतरा (Orange)

Orange Benefits in Hindi

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विटामिन सी से भरपूर संतरा भी कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इस फल का सेवन आप मौसम के अनुसार कर सकते हैं। इससे आपके सेहत को कई फायदे पहुंच सकते हैं।

बादाम (Almond)

Almond Benefits in Hindi

बादाम भी कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है। नियमित रूप से बादाम का सेवन करने से हाथ पैरों के जोड़ों का दर्द खत्म हो जाता है। इसके साथ ही यह प्रोटीन का भी एक काफी अच्छा स्त्रोत है।

इन रंगों की प्लेट में खाने से आपका मोटापा होगा कम

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Weight Loss Tips in Hindi
Weight Loss Tips: अब अपना प्लेट बदलकर मोटापा करें कम

Weight Loss Tips: शरीर के बढ़ते वजन को कम करने के लिए अच्छी आदतों और नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत ही जरूरी होता है। ये बात आप सभी बहुत ही अच्छे से जानते होंगे, लेकिन अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि (Weight Loss Tips) वजन को कम करने के लिए बहुत ही जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, लेकिन एक प्लेट हमारे वजन को कैसे प्रभावित कर सकता है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस बात को वैज्ञानिक भी मानते हैं। आइए इस बाते में विस्तार से चर्चा करते हैं-

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वजन को कम (Weight Loss Tips) करने के लिए डाइट पर कंट्रोल करना सबसे बड़ी चुनौती होती है। आप अपने खाने के प्लेट में कितना और क्या डालते हैं, वे सभी चीजें कैलोरी काउंट में जुड़ जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने प्लेट में जितना डाल रहे हैं, उसमें कैलोरी काउंट को सोच समझकर डालें। कुछ लोग यह समझ नहीं पाते हैं कि उन्होंने प्लेट में अपने भूख के अनुसार खाना डाला है या नहीं। यहीं पर प्लेट का रंग सबसे बड़ी भूमिका निभाता है।

शोध से पता चलता है कि खाने की प्लेट और खाने के रंग में अंदर हो, तो लोग कम खाना खाते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप गहरा रंग का खाना खा रहे हैं, तो प्लेट हल्के रंग का लें। ऐसा करने से आप कम खाएंगे। इसी तरह अगर आप दाल-चावल खा रहे हैं, तो गहरे रंग का प्लेट लें। ऐसा करने से आप अपने खाने पर कंट्रोल कर सकेंगे।

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कौन सा है सही रंग

Colorful Plates for Weight Loss

रिसर्चकर्ताओं के मुताबिक, भड़कीले रंग जैसे, लाल, नारंगी, पीला, लाल इत्यादि जैसे रंग भूख को काफी उत्तेजित करते हैं। खासतौर पर लाल रंग, ब्लड प्रेशर और हृदय की गति को बढ़ता है, जिससे हमें अधिक भूख लगती है। हालांकि, कुछ गहरे रंग जैसे- काले, ग्रे, भूरे और बैंगनी जैसे रंग भूख को दबाने का काम करते हैं। अगर आप इन रंगों के प्लेटों पर भोजन करते हैं, तो ओवरइटिंग से बचे रहने की संभावना कम होती है। इन सभी रंगों के बीच नीला रंग सबसे सही होता है। वैज्ञानिकों का सुझाव है कि गहरे नीले रंग की प्लेट में खाने से आप आसानी से पोर्शन कंट्रोल कर सकते हैं।

बर्तन का आकार

अगर हम वेट लॉस की बात करें, तो सिर्फ बर्तन के रंग ही नहीं, बल्कि इसके आकार भी वजन को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आप खाना या पानी बड़े और चौड़े बर्तन के बदले पतले ग्‍लास या कटोरे में सर्व करेंगें, तो तुलनात्मक रूप से कम खाएंगे।

पीएम मोदी ने अयोध्या में लगाया हरसिंगार का वृक्ष, जानिए क्या हैं इसके ओषधीय महत्व

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Night Jasmine Flower Benefits in Hindi
Night Jasmine Flower Benefits: पीएम मोदी ने अयोध्या में लगाया हरसिंगार का वृक्ष, जानिए क्या हैं इसके ओषधीय महत्व

Night Jasmine Flower Benefits: करीब 400 साल के लंबे इंतजार के बाद 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की गई। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी। (Night Jasmine Flower Benefits) पीएम मोदी ने शिलान्यास कार्यक्रम के शुरुआत से पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे। यह इन्होंने कई तरह के पौधों का रोपण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पारिजात का पौधा लगाया। पारिजात का पौधा (Parijat Tree) और इसके फूल का औषधीय महत्व है। पारिजात के अलावा मोदी ने कई अन्य औषधीय गुणों वाले पौधों का रोपण किया। परिजात का वृक्ष कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।

पारिजात (parijat) बहुत ही खूबसूरत और सुंगधित फूल होता है। इस फूल को कई जगह हरसिंगार का फूल भी कहते हैं। इसके अलावा इसे सेओली, प्राजक्ता, कूरी, सिहारु, शेफाली, शेफालिका, शिउली और इंग्लिश में ट्री ऑफ सैडनेस (Tree of sadness), कोरल जैसमिन (Coral jasmine), मस्क फ्लॉवर (Musk flower), नाईट जैसमिन (Night jasmine) जैसे नामों से पहचाना जाता है। वहीं, उर्दू में इस फूल को गुलजाफरी कहा जाता है।

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हरसिंगार फूल के पत्तों में एंटी-आर्थ्रिटिक के गुण पाए जाते हैं। (Night Jasmine Flower Benefits) इसके साथ ही इसकी पत्तियों के काढ़े से लिवर को सुरक्षित रखने में हमारी मदद करता है। यह एंटी-फंगल, एंटी-वायरल, एंटीपायरेटिक, एनाल्जेसिक, हाइपोटेंसिव, एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटीस्पास्मोडिक जैसे गुणों से भरपूर होता है। इस फूल की पत्तियों में एंटी-लीशमैनियल के गुण होते हैं, जो शरीर में परजीवियों को खत्म करने में हमारी मदद करते हैं। इसके सेवन से आप पेट के कीड़ों से छुटकारा पा सकते हैं।

कैसे पारिजात (हरसिंगार) कैसे करता है काम?

हरसिंगार (parijat) के फूलों से खूशबूदार तेल प्राप्त किया जाता है। इसमें निक्टैन्थीन नामक द्रव्य ग्लूकोसाइड की मात्रा होती है। (Night Jasmine Flower Benefits) इसके साथ ही इस फूल की पत्तियों में एंटी बैक्टीरियल और एंटी एलर्जिक गुण पाए जाते हैं। वहीं, इस फूल के बीजों से पीले भूरे रंग का तेल प्राप्त होता है, जिसमें पोलीसेकेराइड ग्लूकोमैनन और इरिडॉइड ग्लाइकोसाइड की मात्रा होती है।

पारिजात की पत्तियों में पाए जाने वाले औषधीय गुण हैंः

  • टैनिन एसिड (Tannin)
  • डी-मैनिटोल (D-Mannitol) – 1.3 प्रतिशत
  • लिनोलिक एसिड (Linoleic acid)
  • मेथिलसेलिसिलेट
  • बीटा-सिटोस्टेरोल (beta-sitosterol)
  • बीटा-एमिरिन – 1.2 प्रतिशत
  • हेंट्रिएकॉन्टेन
  • बेंजोइक एसिड
  • एस्ट्रैगलिन
  • निकोटिफ्लोरिन
  • ओलीनोलिक एसिड
  • नेक्टेन्थिक एसिड फ्राइडेलिन (nyctanthic acid)
  • विटामिन ए
  • विटामिन सी

पारिजात के छाल में पाए जाने वाला औषधीय गुण हैंः

  • ग्लाइकोसाइड (glycoside) – 1 प्रतिशत

हरसिंगर से होने वाले फायदे (Harsingar Benefits)

इम्यूनिटी करे बूस्ट

हर्बल टी बनाने के लिए आप हरसिंगार के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह हर्बल टी आपके शरीर की इम्यूनिटी क्षमता को बढ़ाने का काफी अच्छा स्त्रोत है। इसके पत्तों से हर्बल टी बनाने के साथ आप इसके पत्तों का जूस भी पी सकते हैं।

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डेंगू के दौरान हड्डियों के दर्द को करे कम

मानसून के शुरू होते ही डेंगू अपना डेरा डाल देते हैं। डेंगू के कारण शरीर की हड्डियों में काफी दर्द होता है। साथ ही शरीर को काफी कमजोरी भी महसूस होती है। डेंगू के दौरान होने वाले इस दर्द को कम करने के लिए हरसिंगार की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है। इससे आपको दर्द में काफी राहत मिलेगी।

पेट के कीड़ों को करे खत्म

अगर आपको या फिर आपको बच्चों को पेट में कीड़े की समस्या होती है, तो यह आपके लिए काफी असरदार हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार हरसिंगारके पत्तों के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर आप इसका सेवन कर सकते हैं।

इन समस्याओं में भी कर सकते हैं हर सिंगार का इस्तेमाल

  • खांसी के उपचार के लिए
  • जोड़ों में दर्द के उपचार के लिए
  • चेहरे से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए
  • बुखार कम करने के लिए
  • बालों के बेहतर विकास के लिए

कोरोनावायरस से ठीक हुए 90 फीसदी मरीजों के फेफड़े हुए खराब, वुहान के रिसर्च में हुआ खुलासा

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Coronavirus Update in India
Coronavirus Update India: कोरोनावायरस से ठीक हुए 90 फीसदी मरीजों के फेफड़े हुए खराब, वुहान के रिसर्च में हुआ खुलासा

Corona update India: कोरोनावायरस का कहर अभी भी जारी है। इस बीच कोरोनावायरस का केंद्र कहे जाने वाले वुहान शहर से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। दरअसर, यहां के कुछ प्रसिद्ध अस्पतालों में कोरोनावायरस से ठीक हुए मरीजों का जब पुन: सैंपल टेस्ट किया गया, तो देखा गया कि कोरोना के 90 फीसदी मरीजों के फेफड़े बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। (Corona update India) वहीं, 5 फीसदी मरीज दोबारा संक्रमित पाए गए हैं। यह खबर बुधवार को मीडिया के जरिए सामने आई है।

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जानकारी अनुसारस वुहान विश्वविद्यालय के झोंगनन अस्पताल में गहन देखभाल इकाई के निदेशक पेंग झियोंग के लीडरशिप में टीम द्वारा अप्रैल माह में ठीक हुए करीब 100 मरीजों पर परीक्षण किया, जिसमें सभी के स्वास्थ्य की जांच की। (Corona update India) यह अध्ययन करीब एक साल चलेगा, जिसके पहले चरण का अध्ययन जुलाई में समाप्त हो गया है। इस अध्ययन में 59 उम्र से कम लोगों को शामिल किया गया है।

सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, पहले चरण में हुए अध्ययन के मुताबिक 90 फीसदी मरीजों के फेफड़ों की स्थिति बहुत ही खराब है। इसका मतलब यह है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों के फेफड़े अबतक सही से काम नहीं कर रहे हैं। उनके फेफड़ों से हवा का संचालन और गैस विनिमय सही से नहीं हो रहा है। पेंग की टीम द्वारा मरीजों को छह मिनट टहलने के लिए कहा गया, इसके बाद फेफड़ों की जांच की गई। उन्होंने देखा कि कोरोनावायरस से ठीक हुए लोग 6 मिनट में 400 मीटर ही चल सके हैं। वहीं, स्वस्थ्य लोग 6 मिनट में करीब 500 मीटर की दूरी तय कर सकते हैं। बेजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ चाइनीज मेडिसिन के डोंगझेमिन अस्पताल के डॉक्टर लियांग टेंऑक्सीजन मशीन की जरूरत पड़ती है।

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लियांग के टीम द्वारा भी कोरोनावायरस से ठीक हो चुके 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों से मिलकर उनके बारे में जानकारी जुटाने के काम में लगा है। नतीजों में यह भी सामने आया कि नए कोरोना विषाणु के खिलाफ बनी एंटीबॉडीज भी 100 मरीजों में से 10 फीसद में अब नहीं थीं। खबर में कहा गया कि कोविड-19 न्यूक्लीइक एसिड जांच में उनमें से 5 फीसद के नतीजे नेगेटिव मिले लेकिन इम्यूनोग्लोबुलिन एम (आईजीएम) जांच में उनमें वायरस मिला जिसके बाद उन्हें फिर से क्वारंटीन में भेजा गया। जब कोई विषाणु हमला करता है तो प्रतिरोधी तंत्र द्वारा आमतौर पर सबसे पहली एंटीबॉडी आइजीएम बनती है। आइजीएम जांच में सकारात्मक नतीजे मिलने का आशय आम तौर पर यह है कि व्यक्ति अभी विषाणु से संक्रमित हुआ ही है। यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि क्या इसका मतलब यह है कि ये लोग फिर से संक्रमित हो गए हैं। पेंग ने कहा, ‘यह नतीजे दिखाते हैं कि मरीजों के प्रतिरोधी तंत्र अब भी ठीक हो रहे हैं।’

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ओवरफीडिंग से शिशु को हो सकता है भारी नुकसान, समय रहते पहचाने ये 4 लक्षण

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World Breastfeeding Week 2020
World Breastfeeding Week 2020: ओवरफीडिंग से शिशु को हो सकता है भारी नुकसान, समय रहते पहचाने ये 4 लक्षण

World Breastfeeding Week 2020: नवजात शिशुओं को 6 महीने तक लगातार सिर्फ मां का दूध देना चाहिए। इस दौरान कुछ शिशु कुछ भी नहीं खाते हैं, इसलिए मां को उनके आहार की काफी चिंता वे सोचते हैं कि उन्होंने पेट भरकर दूध पिया है या नहीं। (World Breastfeeding Week 2020) बच्चा भले ही पेट भर कर दूध पी ले, लेकिन मां को फिर भी चिंता लगी हुई होती है। इसलिए वे बीच-बीच में उन्हें स्तनपान कराती रहती है। लेकिन आपको बता दें कि कभी-कभी आपकी यह चिंता शिशु के लिए नुकसानदायी हो सकती है।

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जी, हां जब मां शिशु को जरूरत से ज्यादा दूध पिलाती है, तो शिशु को काफी नुकसान होता है। इसलिए थोड़ा सतर्क रहें। (World Breastfeeding Week 2020) जब आपका बच्चा जरूरत से अधिक स्तनपान करता है, तो उसके शरीर में कुछ संकेत दिखते हैं। अगर आपको यह संकेत दिख जाए, तो तुरंत डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें। इसलि आपको थोड़ा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं ओवरफीडिंग के बाद शिशु के शरीर में दिखने वाले लक्षण-

शिशु का बढ़ने लगता है वजन

Breastfeeding

शिशु जैसे-जैसे बड़ा होता है, उसका शरीर चबी सा होने लगता है। हालांकि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन कई बार ओवरफीडिंग के कारण भी ऐसा हो सकता है।  कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि जब शिशु को जरूरत से अधिक दूध पिलाया जाता है, तो वह मोटापे का शिकार हो सकता है। इसलिए कभी भी शिशु के चबी शरीर को नजरअंदाज ना करें। अधिक वजन से शिशु डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और ओबेसिटी जैसी बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं।

दुर्गंधयुक्त मल

ओवरफीडिंग से शिशु का मल दुर्गंधयुक्त हो जाता है। यह भी एक प्रमुख लक्षण है। (Signs of Overfeeding in Baby) ओवरफीडिंग के कारण शिशुओं का मल गहरा भूरा और पीले रंग का दिखतने लगता है। हालांकि, ऐसा कई बार दस्त के कारण भी हो सकता है। इसलिए हम यही कहेंगे कि शिशु में इस तरह के लक्षण दिखने पर कुछ समय के लिए शिशु के दूध की मात्रा को सीमित कर दें या डॉक्टर से संपर्क करें।

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अत्यधिक गैस छोड़ना

अगर आप शिशु को पेट भरने के बाद भी दूध पिलाते हैं, तो इससे कारण उनके पेट में गैस की समस्या हो सकती है। शिशु में यह समस्या सिर्फ यही नहीं रुकती है, बल्कि धीरे-धीरे यह कब्ज का रूप भी ले सकती है। इसके साथ ही शिशु को पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

दूध की उल्टी होना

अधिक दूध पीने की वजह से शिशु को दूध वाली उल्टी भी हो सकती है। दूध वाली उल्टी कई कारणों से होती है, इसलिए माता-पिता यह समझ नहीं पाते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है। शिशु को अधिक दूध पिलाने से दूध की उल्टी के साथ-साथ बड़ी बड़ी डकार और हिचकी जैसी समस्या हो सकती है। अगर आपके शिशु के साथ भी ऐसा होता है तो ओवरफीडिंग को अपने दिमाग में रखें।

इस रक्षाबंधन अपनी बहन को दें ये 5 खास हेल्थ गिफ्ट, उनसे करें हमेशा स्वस्थ रखने का वादा

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Raksha Bandhan 2020
Raksha Bandhan 2020: इस रक्षाबंधन अपनी बहन को दें ये 5 खास हेल्थ गिफ्ट, उनसे करें हमेशा स्वस्थ रखने का वादा

Raksha Bandhan 2020: रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है, जिसका काफी बेसब्री से भाई-बहन इंतजार करते हैं। इस पावन अवसर पर बहन भाई को राखी बांधकर उनसे रक्षा का वचन लेती हैं। इस त्यौहार की एक परंपरा है कि भाई बहन से राखी बंधवाने के बाद उनसे कोई ना कोई उपहार जरूर लेती हैं, जिससे यह त्योहार उनके लिए यादगार रहे। (Raksha Bandhan 2020) इस रक्षाबंधन में हम सभी वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं, ऐसे में अगर आप अपनी बहन को कुछ गिफ्ट देना चाहते हैं, तो उन्हें हमेशा सेहतमंद रहने का गिफ्ट दें, जो किसी कीमती गिफ्ट से कहीं ज्यादा बेहतर है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे गिफ्ट के बारे में बताते हैं, जो उनकी जिंदगी के लिए आशीर्वाद है-

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फिटनेस बैंड (Fitness Band)

Fitness Band

कम बजट में आना वाला फिटनेस बैंड बहुत ही बेहतरीन गिफ्ट है। यह गिफ्ट आपकी बहन को जरूर पसंद आएगा। अगर आपकी बहन अपने फिटनेस को लेकर कॉन्शियस है, तो उसे यह गिफ्ट जरूर पसंद आएगा। यह गिफ्ट उन्हें एक्टिव रखने में मदद करेगा।

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अधिकतर फिटनेस बैंड्स में दिनभर चले गए स्टेप्स की गिनती करता है। इसके अलावा इसमें हार्ट रेट, कैलोरी बर्न, वर्कआउट मोड आदि फीचर भी होते हैं। (Health Gift Ideas for Sister) फिटनेस बैंड्स के जगह पर आप अपनी बहन को स्मार्ट वॉच भी गिफ्ट दे सकते हैं। मार्केट्स में इन फिटनेस बैंड्स की कीमत हजार रुपए से शुरू होती हैं।

योगा मैट (Yoga Mat)

Yoga Mat

इस समय कोरोनावायरस का प्रकोप काफी ज्यादा फैल रहा है। ऐसे में खुद को फिट रखना बहुत जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगासन आपकी मदद करता है। अगर आप अपनी बहन को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2020) पर कुछ अलग गिफ्ट देना चाह रहे हैं, तो योगा मैट आपके लिए बहुत ही अच्छा ऑप्शन है।

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नियमित रूप से योगा करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। साथ ही इस समय बढ़ रहे स्ट्रेस से भी आपकी बहन को छुटकारा मिलेगा। योगा मैट पर योगासन करना सामान्य चटाई की अपेक्षा आसान होता है क्योंकि इन्हें खास मैटीरियल से तैयार किया जाता है, जिसमें फिसलन नहीं होती है।

साइकिल (Cycle)

Cycling

यदि आपकी बहन टीनएजर है, तो उसके लिए साइकिल से अच्छा गिफ्ट कुछ और नहीं हो सकता है। साइकिल चलाने से पूरे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है साथ ही इसे चलाने से पूरे शरीर का वर्कआउट हो जाता है। (Gift Ideas for Sister on Rakhi) इस रक्षाबंधन आप अपनी बहन को यह खास गिफ्ट दे सकते हैं। इससे उनके शरीर का विकास भी बेहतर ढंग से होगा। रोजाना 30 मिनट साइकिल चलाने से शरीर को कई फायदे होते हैं।

ट्रेडमिल (Treadmill)

Treadmill

अन्य गिफ्ट की तुलना में ट्रैडमिल्स थोड़े अधिक महंगे होते हैं, लेकिन कोरोनाकाल में ट्रैडमिल्स से कुछ अच्छा गिफ्ट नहीं हो सकता है। (Raksha Bandhan Fitness Gifts) इस समय घर से बाहर निकलना खतरे से कम नहीं है, ऐसे में बाहर जाकर एक्सरसाइज करने से अच्छा है आपकी बहन ट्रेडमिल्स से एक्सरसाइज करे। इससे उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

बाजार में 2 तरह के ट्रेडमिल्स उपलब्ध होते हैं। एक बिजली से चलने वाला वहीं दूसरा बिना बिजली से चलने वाला। इनकी शुरुआती कीमत 10 हजार से है। यह आपके पूरे परिवार के लिए बेस्ट हो सकता है। आपका पूरा परिवार इस पर आसानी से वर्कआउट कर सकता है।

हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)

Health Insurance

अगर हम हेल्थ इंश्योरेंस की बात करें, तो यह आपकी बहन के लिए बहुत ही बेहतर गिफ्ट हो सकता है। आज के दौर में लोग काफी बीमार पड़ रहे हैं, ऐसे में अगर इंश्योरेंस ना हो तो लाखों रुपए अस्पताल वालों को चुकाना पड़ता है। अगर आप अपनी बहन का हेल्थ इंश्योरेंस करवाते हैं, तो आगे के लिए यह बहुत ही बेहतर हो सकता है।

गठिया के रोगी इन 3 योगासन से जोड़ों के दर्द से पा सकते हैं छुटकारा

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Yoga Poses for Arthritis
गठिया के रोगी इन 3 योगासन से जोड़ों के दर्द से पा सकते हैं छुटकारा

Yoga for Arthritis: गठिया की समस्याएं इन दिनों काफी ज्यादा बढ़ रही हैं। गठिया के मरीजों को बारिश में जोड़ों में काफी दर्द होता है। यह दर्द काफी असहनीय होता है। इसके साथ ही मरीजों के जोड़ों में सूजन भी होने लगती है। (Yoga for Arthritis) इतना ही नहीं, जब गठिया की समस्या बढ़ने लगती हैं, तो मरीज को उठने बैठने में भी काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। मरीजों की इन समस्याओं के कारण दिनचर्या भी काफी प्रभावित होती है। गठिया के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर्स कई तरह की दवाइयां देते हैं, लेकिन आप गठिया के लक्षणों को योग से भी कंट्रोल कर सकते हैं। योगासन शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। आइए जानते हैं कुछ ऐसे योगासन, जिससे गठिया की समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है।

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सुखासन (Sukhasana)

  • इस (Yoga for Arthritis) आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर सीधे बैठ जाएं।
  • अब अपने पैरों को अपने सामने फैलाएं।
  • इसके बाद पैरों को घुटने से मोड़ लें और घुटनों को बाहर की ओर रखें।
  • अपने एक पैर को दूसरे पैर के घुटने के नीचे रखें।
  • हाथों को घुटनों पर रखें और हथेलियों को नीचे की तरफ रखें।
  • कमर, सिर और गर्दन को सीधा रखें। नजरें सामने की ओर रखें।
  • इस स्थिति में 1 मिनट के लिए रहें। अब अपने पैरों की स्थिति बदल लें।

वृक्षासन (Vriksasana)

  • इस आसन से अपनी जांघों, पैरों को टोन कर सकते हैं।
  • पेट की कैलोरी को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं।
  • खड़े होकर दोनों पैरों के बीच लगभग 3 इंच का फासला बनाएं। दोनों पैरों पर समान वजन रखें।
  • सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाईं जांघ के पिछले हिस्से पर रखें।
  • इस स्थिति में संतुलन बनाए रखने के लिए अपनी आंखों के समानान्तर किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।
  • फिर सांस भरते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचें और दोनों हाथों को आसमान की ओर ले जाएं और नमस्कार की तरह जोड़ें।
  • इस स्थिति में 30 सेकंड तक रुकें। इसके बाद अपनी स्थिति में लौट आएं। करीब 10 से 20 बार इस आसन को दोहराएं।

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वीरासन (Virasana)

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले समतल भूमि पर योगामैट बिछाएं।
  • इस इसपर बज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं।
  • अब अपने दोनों पैरों को थोड़ा फैलाएं और अपने हिप्स को भूमि पर टिकाएं और एक सीध में बैठें।
  • अब अपने दोनों हाथों को घुटनों पर सीधा तानकर रखें।
  • इस दौरान कंधों को आराम की मुद्रा में रखें और तनकर बैठें।
  • सिर को सीधा रखते हुए सामने की ओर देखें।
  • इस मुद्रा में करीब 30 सेकेंड के लिए रुकें।
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