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शुरू हुआ सावन का पवित्र महीना, व्रत खोलने से पहले रखें इन बातों का ख्याल

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Sawan Somvar 2020
Sawan Somvar 2020

Sawan Somwar 2020: सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है। इस महीने में लोग शिव की भक्ति में लीन रहते हैं। बहुत से लोग इस पावन अवसर पर शिव की पूजा और उपासना करते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो हर (Sawan Somwar 2020) सोमवार पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को सूरज डूबने के बाद पूजा अर्चना करके व्रत खोलते हैं। व्रत करने की सबसे खात बात ये होती है कि इससे हमारे शरीर के हर एक अंग को आराम करने के लिए मिल जाता है और शरीर डिटॉक्स होता है।

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हालांकि, ऐसा तब होता है, जब हम व्रत करने का सही और हेल्दी तरीका अपनाते हैं। इससे शरीर को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। (Sawan Somwar 2020) व्रत के दौरान हम कई घंटों कर सीमित आहार का सेवन करते हैं, इसलिए इसका प्रभाव हमारे सेहत पर पड़ सकता है। वहीं, कुछ लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि व्रत खोलने का सही तरीका क्या है? आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं, जिससे आप अपने स्वास्थ्य को बिगाड़े बिना सावन का व्रत रख सकते हैं।

7-8 घंटे के अंदर तोड़े अपना व्रत

कभी भी अधिक समय तक व्रत ना रखें। इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। व्रत स्वास्थ्य जटिलताओं को ट्रिगर कर सकता है, जो आगे आपको परेशानी ला सकती है। काफी समय तक भूखे रहने की वजह से चिड़चिड़ापन, मनोदशा में बदलाव, डिहाइड्रेशन और एनर्जी में कमी की शिकायत हो सकती है। अधिक समय तक फास्ट करने से भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए हमेशा 7 से 8 घंटों के अंदर व्रत खोलें।

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व्रत खोलने के बाद छोटे-छोटे हिस्सो में खाएं

व्रत खोलने के बाद बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो तेजी से भूख लगने की वजह से बहुत ही अधिक खा लेते हैं। ऐसा करने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। व्रत खोलते समय नियंत्रित मात्रा में भोजन करें। अपने आहार को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट से इससे आप स्वस्थ रहेंगे। जो लोग उपवास खोलने के बाद लापरवाही से भोजन खाते हैं, उन्हें गैस और पेट से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि व्रत खोलते ही अधिक भोजन का सेवन ना करें।

पहले पिएं ढेर सारा पानी

उपवास खोलने के तुरंत बाद ही खाना ना खाएं। एक्सपर्ट की मानें, तो पहले शरीर को हाइड्रेट करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए खाने से पहले खूब सारा पानी पिएं। ऐसा करने से आप अधिक और अनावश्यक रूप से खाना नहीं खाएंगे। इसके बाद कुछ ठोस पदार्थों का सेवन करें।

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भारी भोजन खाने से बचें

उपवास खोलने के तुरंत बाद भारी, तले-भुने और मसालेदार भोजन करने से आपको पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो पूरे दिन भूखे होने के बाद शाम को भारी खाना खाते हैं। ऐसा करना सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। उपवास खोलने के दौरान या तो आप सामान्य भोजन करें या फिर सामान्य दिनचर्या से भी कम भोजन का सेवन करें। अगर आप भारी भोजन करते हैं, तो पेट फूलने की समस्या, गैस, कुपच जैसी समस्या हो सकती है।

व्रत रखने के फायदे

  • व्रत रखने से सेहत को काफी फायदे होते हैं, इससे शरीर में होने वाले सूजन को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • फास्ट रखने से इंसुलिन बेहतर तरीके से रिलीज होता है, जिससे हमारा ब्लड शुगर नियंत्रित होता है।
  • वजन घटाने में मदद करता है।
  • चयापचय को बढ़ाता है।

खुशहाल रिश्ते में प्राइवेसी भी है जरूरी, पार्टनर को ऐसे कराएं अपने प्यार का एहसास

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Tips for Happy Relationship
Tips for Happy Relationship

Tips for Happy Relationship: एक-दूसरे की प्राइवेसी का ख्याल रखना, एक अच्छे और खुशहाल रिश्ते की नींव होती है। हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं और उस हिसाब प्राइवेसी की सीमाएं भी अलग-अलग होती हैं। एक-दूसरे के प्रति प्यार और विश्वास भी सफल रिश्ते की पहचान होती है। (Tips for Happy Relationship) आप दोनों एक-दूसरे से अपनी बातें भले ही शेयर करना पसंद करते हैं, लेकिन कई बार कुछ परिस्थिति में आप सोचते हैं कि क्या ये बात आपको अपने पार्टनर को बतानी चाहिए या नहीं? अन्य वो बातें जिन्हें बताने में हम कम्फर्टेबल नहीं हैं, उन्हें बतानी चाहिए?? ऐसे में प्रश्न उठता है कि एक खुशहाल रिश्ते के बीच कितनी प्राइवेसी होनी चाहिए? आइए जानते हैं इसके बारे में-

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प्राइवेसी में अंतर

इस प्रश्न का उत्तर सभी के लिए अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोग अपनी हर बात को बताने से हिचकिचाते नहीं है, वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो छोटी से छोटी बातों को शेयर करने हैं। (Tips for Happy Relationship) अगर आप में और आपके पार्टनर में प्राइवेसी शेयर करने के बीच अंतर है, तो यह आगे चलकर एक समस्या बन सकती है। अर्थात एक को अपनी सारी बातें शेयर करने की आदत है और दूसरे को नहीं। एक का कम्फरटेबल स्पेस दूसरे के लिए अनकम्फर्ट साबित हो सकता है। ऐसे में पार्टनर्स को लगने लगता है कि आप उनकी केयर नहीं करते हैं।

सीक्रेसी और प्राइवेसी

सीक्रेसी और प्राइवेसी दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं। जब व्यक्ति प्राइवेसी मेनटेन करके चलता है, तो इसका मतलब साफ है कि वह अपने पाटर्नस से कुछ छिपा रहा है, जो आगे चलकर उसे हर्ट कर सकता है। लेकिन जब बात सीक्रेसी की होती है, तो इसका मलतब होता है कि आप उनसे ऐसी बातें छिपा रहे हैं, जो उन्हें दुख पहुंचा सकता है।

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समझने की कोशिश करें

अपने पार्टनर की प्राइवेसी को समझने की कोशिश करें, इससे आपका रिश्ता मजबूत हो सकता है। (Tips for Healthy Relationship) उनकी प्राइवेसी को लेकर झगड़ा करने से रिश्ते में दरार आ सकती है। अगर आप अपने पार्टनर की चुप्पी से तंग आ गए हैं, जो शांति से पूछने की कोशिश करें आखिर क्या हुआ है? लड़ने और चिल्लाने से समस्या का सोल्यूशन नहीं होता है। उन से डायरेक्ट पूछने की बजाए उन्हें ये महसूस कराएं कि आप उनकी चुप्पी से परेशान हैं और आपको ये बर्दास्त नहीं हो रहा है।

थोड़ी स्पेस भी है जरूरी

कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिसमें पार्टनर कुछ टाइम के लिए अकेला रहना चाहते हैं, लेकिन दूसरा इसे गलत समझ लेता है। ऐसे में रिश्ते में दरार आने लगती है। अगर आप उन्हें पर्सनल स्पेस देंगे, तो इससे वे समझेंगे कि आप उन्हें कितना समझ रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि वे आपसे अपनी बातें शेयर करना शुरू कर दें। परेशानी के वक्त उन्हें कम्फर्टेबल महसूस कराएं। यदि आप चाहते हैं कि रिश्तो में मिठास बनी रहे तो आपसी बाउंड्रीज तय कर लें और कोई भी दरार आने से बचे।

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चंद्र ग्रहण के दौरान गलती से भी ना करें इन चीजों का सेवन, वरना हो सकती हैं ये समस्याएं

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Lunar Eclipse in India
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Lunar Eclipse in India: रविवार यानि 5 जुलाई को साल का तीसरा चंद्रग्रहण होने जा रहा है। यह वास्तविक चंद्र ग्रहण ना होकर एक उपछाया चंद्र ग्रहण है। धार्मिक दृष्टि से उपछाया चंद्र ग्रहण का को अधिक महत्व नहीं दी जाती है। 5 जुलाई को लगने वाला उपछाया (Lunar Eclipse in India) चंद्र ग्रहण सुबह 8 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर 11 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।

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कहां दिखेगा चंद्रग्रहण

ये चंद्र ग्रहण  दक्षिण-पश्चिम यूरोप,  अमेरिका और अफ्रीका के कुछ हिस्से में ही दिखाई देगा। भारत में चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय पूरे आकार में नजर आएगा। रविवार को होने वाला चंद्रग्रहण इस महीने के अंदर लगने वाला तीसरा ग्रहण हैं। इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था और 21 जून को सूर्य ग्रहण

ग्रहण का हिन्दू और वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्व होता है। ग्रहण के दौरान हम जो भी कार्य करता है, उसका अलग प्रभाव पड़ता है। (Lunar Eclipse in India) ग्रहणकाल में खानपान का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए। बहुत से लोग ग्रहण काल में कुछ भी नहीं खाते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थिति में खाना खिलाया जाता है। ऐसे में हमें आहार का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आइए जानते हैं ग्रहण काल में किन चीजों का सेवन है वर्जित-

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डीप फ्राइड और मसालेदार फूड्स

मसालेदार और तेलीय भोजन खाने से शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है। ऐसे खाने के पचाना भी बहुत ही मुश्किल होता है। ग्रहण काल में पाचन शक्ति प्रभावित होती है। ऐसे में हमें ग्रहण के दौरान मसालेदार और फ्राइड चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे डाइजेशन की समस्या हो सकती है।

नॉन वेज से रहें दूर

पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार नॉनवेज खाना शरीर का तापमान बढ़ा देता है, क्योंकि मांसहारी भोजन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। शरीर के लिए अधिक प्रोटीन डाइजेस्ट करना काफी मुश्किल हो जाता है। इस लिहाजा से जो लोग पहले से बीमार हैं, उन्हें ग्रहण के दौरान नॉनवेज चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है।

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खुला रखा हुआ पानी न पिएं

ग्रहण के दौरान बहुत से लोग पानी तक नहीं पीते हैं, लेकिन अगर आपको काफी प्यास लगी है और आप बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, तो पानी पी सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जो पानी आप पी रहे हैं वो काफी देर पहले से बिना ढके हुए खुला ना रखा हो।

ग्रहण के दौरान होने वाले कॉस्मिक चेंज के कारण पानी में भी रिऐक्शन हो सकता है। इसलिए शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर पीना ही हो तो ढंका हुआ पानी पिएं।

कार्डिक अरेस्ट की वजह से मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का हुआ निधन, जानें क्या है इसके लक्षण और कारण

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Saroj Khan Death News
Saroj Khan Death News

Saroj Khan Death: 71 साल की उम्र में बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन हो गया है। उन्हें सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार की देर रात 1.52 बजे दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मौत हो गई। (Saroj Khan Death) सरोज खान का कुछ दिन पहले कोरोना टेस्ट भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से लेकर महानायक अमिताभ बच्चन ने सरोज खान को श्रद्धांजलि दी। अक्षय कुमार ने कहा, “दुखद खबर है कि महान कोरियोग्राफर सरोज खान जी नहीं रहीं। उन्होंने नृत्य को लगभग आसान बना दिया था जैसे कोई भी नृत्य कर सकता है, फिल्म जगत के लिए ये एक बड़ा नुकसान है। उनकी आत्मा को शांति मिले।” वहीं, अमिताभ बच्चन ने सरोज खान को याद करते हुए लिखा, ‘हाथ जुड़े हैं मन उदास है।’

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कार्डिक अरेस्ट के कारण सरोज खान की मौत हो गई है। (Saroj Khan Death News) कार्डिएक अरेस्ट एक तरह से दिल की बीमारी होती है, जो अचानक से लोगों पर अटैक करती है। (Cardiac Arrest Symptoms) इसके कारण शरीर और दिमाग के अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है और व्यक्ति का दम घुटने के कारण मौत हो जाती है। बता दें कि कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों ही अलग-अलग बीमारी है। खराब लाइफस्टाइल और डाइट के कारण कार्डिएक अरेस्ट के मामले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। इससे बचने के लिए समय-समय पर हेल्थ की जांच कराते रहना चाहिए। आइए जानते हैं कार्डिक अरेस्ट के लक्षण-

कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण (Symptoms of Cardiac Arrest)

  •  सांस फूलना
  • सीने में दर्द
  •  बेहोश होना
  • बेचैनी
  • तनाव
  • घबराहट महसूस होना
  • चक्कर आना

स्ट्रेस के कारण दिल पर बुरा असर पड़ता है, (Cardiac Arrest Causes) जिसके कारण हमारा दिल धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है और एकदम से काम करना बंद कर देता है।

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कार्डिएक अरेस्ट के कारण (Causes of Cardiac Arrest )

  • बहुत अधिक टेंशन लेने से कार्डिक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है। स्वस्थ सेहत के लिए टेंशन लेना बिल्कुल भी सही नहीं होता है।
  • बढ़ते वजन के कारण कार्डिक अरेस्ट की समस्या हो सकती है। मोटापे के कारण कई तरह की परेशानी हो सकती है।
  • डायबिटीज से परेशान लोगों को भी कई सारी बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसे कंट्रोल कर लिया जाए।
  • धूम्रपान के कारण भी दिल की बीमारियां होने की आशंका तीन गुना ज्यादा बढ़ जाती है और दिल की बीमारी कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकती है।
  • पहले कभी हार्ट अटैक आया हो
  • हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण भी कार्डिक अरेस्ट की शिकायत हो सकती है।

कार्डिक अरेस्ट से कैसे करें बचाव (How to Avoid Cardiac Arrest)

  • रोजाना व्यायाम करें।
  • कम से कम तनाव लें।
  • बैलेंस डाइट लें।
  • कोलेस्ट्रॉल न बढ़ने दें।
  • ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।
  • मोटापे पर ध्यान दें।
  • समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहें।

सिर्फ 1.5 रुपए की दवा से ठीक हो रहे कोरोना मरीज, डॉक्टर्स की बढ़ीं उम्मीदें

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Corona Medicine
Corona Medicine

Corona Medicine: इस समय पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। कोरोना संकटकाल में लोग इस महामारी के लिए वैक्सीन की तलाश कर रहे हैं। इस बीच चीन के वुहान शहर से एक खुशखबरी सामने आई है।जी, हां इस समय कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए मेटफॉर्मिन नाम की दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। (Corona Medicine) इस दवा से रिजल्ट काफी अच्छे नजर आ रहे हैं। बता दें कि इस दवा का उपयोग साधारण तौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए किया जाता है। सबसे आश्चर्य की बात ये है भारत में इस दवा की कीमत सिर्फ 1.5 रुपये है। यह दवा दुनिया भर के डॉक्टर्स के लिए उम्मीद बनकर सामने आई है।

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चीन के वुहान शहर के डॉक्टर्स ने मेटफॉर्मिन को लेकर रिसर्च की है। कुछ केस स्टडीज के आधार पर चिकित्सकों का कहना है (Corona Medicine) कि यह दवा कोरोना के इलाज में कारगर पाई गई है। वहीं, अमेरिका के मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी ने करीब 6 हजार मरीजों पर इस दवा को आजमाया। मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है कि मेटफॉर्मिन दवा से कोरोना मरीजों के मौत का खतरा कम किया जा सकता है।

डायबीटिज, ब्रेस्ट कैंसर और हार्ट की बीमारियों में कारगर

अंग्रेजी अखबार द सन की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था नेशनल हेल्थ सर्विस इस दवा का इस्तेमाल काफी समय से पहले से कर रही है। इस दवा का इस्तेमाल डायबीटिज के अलावा ब्रेस्ट कैंसर और दिल से संबंधित बीमारी के लिए किया जाता हा। 1950 के दशक से टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में इस दवा का उपयोग किया जा रहा है।

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वुहान में कारगर मेटफॉर्मिन

वुहान शहर को कोरोनावायरस की जन्मभूमि कहा जाए, जिसमें कोई हैरानी की बात नहीं है। इसी शहर में में मेटफॉर्मिन दवा काफी कारगर साबित हो रही है अध्ययन में पाया गया कि डायबिटीज से पीड़ित लोग जो कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जो इस दवा का सेवन कर रहे हैं, उसकी तुलना में दवा का सेवन ना करने वालों की मौत अधिक हो रही है।

अध्ययन के दौरान वुहान के डॉक्टर्स को पता चला कि मेटफॉर्मिन लेने वाले सिर्फ 3 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, दवाई ना लेने वाले करीब 22 कोरोना मरीजों की मौत हो गई, जिन्होंने ये साबित होता है कि कोरोना के इलाज में यह दवा कारगर साबित हो सकती है।

चीन के इस वायरस से फिर से फैल सकती है महामारी, कोरोनावायरस से भी हो सकता है खतरनाक

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China Swine Flu
China Swine Flu

China Swine Flu: अमेरीकी विज्ञान पत्रिका पीएनएएस (US science journal PNAS) में सोमवार को एक अध्ययन प्रकाशित किया गया। इस अध्ययन के अनुसार चीन के शोधकर्ताओं ने एक नए प्रकार के स्वाइन फ्लू (China Swine Flu) की खोज की है, जो आने वाले समय में एक महामारी का कारण हो सकती है। चीन के इस स्वाइन फ्लू को जी-4 (G-4) नाम दिया गया है, जो आनुवंशिक रूप से एच1एन1 तनाव (H1N1 Strain) से उत्पन्न हुआ है। 2009 में H1N1 एक महामारी (Pandemic) का कारण बना था। चाइना की यूनिवर्सिटी और चीन के सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के राइटर्स के अनुसार, इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वायरस में मनुष्यों को संक्रमित करने के अत्यधिक अनुकूल संकेत मौजूद हैं।

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चीन के शोधकर्ताओं ने साल 2011 से 2018 तक चीन के 10 प्रांतों के बूचड़खानों के सूअरों से 30,000 नेजल स्वैब (Nasal Swabs From Pigs) लिए और एक एनीमल हॉस्पिटल में उन्होंने 179 स्वाइन फ्लू के वायरस को अलग करने की अनुमति दी। इनमें से बहुसंख्यक एक नए प्रकार के थे, जो साल 2016 से सूअरों के बीच प्रभावी हो रहे हैं।

मानवों में दिख सकते हैं ये लक्षण

रिसर्चर्स ने अपने शोध में कई प्रकार के प्रयोगों को अंजाम दिया। (China Swine Flu) इस रिसर्च में जी-4 को काफी संक्रामक वायरस माना गया है, क्योंकि यह मानव कोशिकाओं में अधिक गंभीर लक्षण पैदा करने की क्षमता रखता है। इससे मानव को खांसी, बुखार और छींक इत्यादि होने की संभावना बढ़ सकती है।

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वैज्ञानिकों को है इस बात का डर!

शोधकर्ताओं के शोध से पता चलता है कि सीजनल फ्लू से संक्रमित होने पर किसी भी प्रकार की इम्यूनिटी इंसान को जी-4 से सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता है। यह वायरस पहले ही जानवरों और फिर मनुष्यों तक पहुंच चुका है, लेकिन अभी तक इसका कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। यह धीरे-धीरे इंसान से इंसान तक फैल सकता है और अब वैज्ञानिकों की इसकी चिंता सताने लगी है।

रिजल्ट खराब होने पर बच्चों का ना बढ़ाएं मानसिक तनाव, इस तरह दें उन्हें इमोशनल सपोर्ट

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UP Board Results 2020
UP Board Results 2020

उत्‍तर प्रदेश माध्‍यम‍िक श‍िक्षा बोर्ड ने (UP Board Result 2020) आज अपने आध‍िकार‍िक वेबसाइट पर 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है। रिजल्ट को लेकर कई बच्चों के मन में डर बैठा होता है। उन्हें अक्सर इस बात की चिंता सताती रहती है कि आखिर रिजल्ट कैसा आएगा, कम नंबर आए तो माता-पिता क्या कहें। इस तरह के भाव उनके मन में चलता रहता है। कुछ बच्चों का उनके समीकरण के हिसाब से रिजल्ट (UP Board Result 2020) नहीं आ पाता। ऐसे में छात्र तनाव और कई बार डिप्रेशन के शिकार होने लगते हैं। इस स्थिति में पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती है कि वे उनके अंदर तनाव और डिप्रेशन को पहचानें और उसे खत्म करने की कोशिश करें। इस तरह आप रिजल्ट के बाद बच्चों के मानसिक तनाव (Mental Stress) को कर सकते हैं कम।

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प्रतिभा का पैमाना नहीं होता है रिजल्ट

हर माता-पिता को अपने बच्चे के कामयाबी की उम्मीद रहती है, लेकिन वह नाकामयाब या फिर औसत प्रदर्शन कर पाते हैं। इस स्थिति के लिए आप तैयार हो जाएं। बहुत से माता-प‍िता बच्चों के कम नंबर आने पर उनके साथ दुर्व्यहार करते हैं और उन्हें डांटते हैं। ऐसे में बच्चा और अधिक तनाव में आ सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा तनाव में ना आए, तो पहले से ही इस बात की तैयारी कर लें कि अगर र‍िजल्‍ट (UP Board Result 2020) अच्छा नहीं आता है, तो आगे उनके लिए आप क्या रास्ता चुनेंगे या फिर उनके सामने आगे कौन से रास्ते खुल सकते हैं। रिजल्ट को कभी भी अपने बच्चे की प्रतिभा और काबिलियत का आधार ना बनाएं।

लॉकडाउन में रखना होगा विशेष ख्याल

इस बार की स्थिति पहले जैसी बिल्कुल भी नहीं है। आज की स्थिति में सामान्य लोग भी डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। अगर सामान्य स्थिति होती, तो बच्चे अपने तनाव को कम करने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के पास चले जाते। लॉकडाउन और कोरोनावायरस की इस स्थिति में रिजल्ट खराब होने पर आप बच्चों को मानसिक रूप से संभालने की कोशिश करें। उनके तनाव और स्ट्रेस को कम करने के लिए उनके पास रहें और उनके साथ दोस्त जैसा बर्ताव करें। उन्हें यकीन दिलाने की कोशिश करें कि सिर्फ रिजल्ट से (UP Board Result 2020) आप उनकी काबिलियत को नहीं आंकते हैं।

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जीवन का हिस्सा है असफलता

आपके या फिर आपके बच्चे के हिसाब से रिजल्ट ना मिलने पर खुद और अपने बच्चों को समझाएं कि असफलता और सफलता जीवन का एक अहम हिस्सा हो सकता है। (10 UP Board Result 2020) रिजल्ट खराब होने पर कई बार माता-पिता खुद ही निराश हो जाते हैं, लेकिन आप इस बात को समझने की कोशिश करें कि आपके कहीं अधिक आपके बच्चे का मन कोमल है और ऐसे में वह कुछ गलत कदम उठा सकता है। उनके सामने कमजोर बनने की जगह आप अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए उन्हें समझाने की कोशिश करें।

बच्चे को दें इमोशनल सपोर्ट

बोर्ड का रिजल्ट खराब होने पर बच्चों को डांटे नहीं, बल्कि उन्हें इमोशनल सपोर्ट देने की कोशिश करें। डांटकर आप बच्चे का परिणाम बदल नहीं सकते हैं। (12 UP Board Result 2020) ऐसे में बच्चे के प्रदर्शन के अनुसार, उन्हें कुछ सकारात्मक बातें समझाएं और इमोशनल तौर पर उन्हें सपोर्ट दें। इस तरह से आपका बच्चा किसी गलत दिशा में नहीं जाएगा।

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दूसरे छात्रों का ना दें उदाहरण

अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को दूसरे छात्रों का उदाहरण देते हैं। ऐसे में आपका बच्चा डिप्रेश हो सकता है। इस स्थिति में कई बार आपके बच्चे या तो उग्र हो जाते हैं या फिर बेहद निराश हो जाते हैं।

यहां कर सकते हैं आप अपना रिजल्ट चेक (UP Board Result 2020)

उत्‍तर प्रदेश माध्‍यम‍िक श‍िक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट आप ऑफिसियल वेबसाइट upmsp.edu.in, upresults.nic.in के अलावा upmspresults.up.nic.in पर भी चेक कर सकते हैं।

डायबिटीज के लिए रामबाण है ये 4 चीजों से बना आटा, नियमित रूप से सेवन करने पर ब्लड शुगर होगा कंट्रोल

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Best Flour for Diabetes
Best Flour for Diabetes

Best Flour for Diabetes: लोगों में डायबिटीज की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। डायबिटीज का सबसे प्रमुख कारण गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल है। भारत में 25 से कम उम्र के हर चार लोगों में से एक टाइप-2 डायबिटीज के शिकर होते हैं। (Best Flour for Diabetes) डायबिटीज़ से ग्रसित व्यक्ति अगर अपना ख्याल सही से नहीं रखते हैं, तो वह गंभीर समस्या के शिकार हो सकते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे नजर आते हैं। डायबिटीज से ग्रसित लोगों को अपने खान-पान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। (Best Flour for Diabetes) डायबिटीज के मरीजों को अपने डाइट में प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही प्रोसेस्ड और चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।

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डायबिटीज के मरीजों को गेहूं के आटे की रोटी खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन आप गेंहू के अलावा कुछ अन्य अनाजों के आटे का सेवन कर सकते हैं, जो गेहूं की तुलना में बहुत ज्यादा फायदेमंद है। अगर आपको डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं, तो इन आटों का सेवन करें।

कुट्टू का आटा

कुट्टू का आटा डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। नियमित रूप से इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, कुट्टू के आटे का नियमित रूप से सेवन करने पर ब्लड में शुगर लेवल की 12 से 19 फीसदी की कमी आती है। इसके साथ ही कुट्टू का आटा वजन घटाने में कारगर होता है।

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रागी का आटा

फाइबर से भरपूर रागी का आटा डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इस आटे से बनी रोटी का सेवन करने से लंबे समय तक आपका पेट भरा रहता है। इसके साथ ही इसके सेवन से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में हमारी मदद करता है।

राजगिरा का आटा

राजगिरा का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैराजगिरा के आटे में हाई प्रोटीन, विटामिन, खनिज और लिपिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। हालांकि, राजगिरा के आटे में गेहूं का आटा मिलाकर खाना चाहिए।

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जौ का आटा

जौ का आटा मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और क्रोनिक इंफ्लेमेशन से निपटने में बहुत ही मददगार होता है। डायबिटीज के मरीजों को इस आटे को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।

बेसन

चने की दाल को पीसकर बेसन बनाया जाता है। इसे कई लोग चने का आटा भी कहते हैं। इसमें घुलनशील फाइबर जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर के अवशोषण को स्लो करते हैं। इसके सेवन से आपका ब्लड शुगर एकाएक नहीं बढ़ता है। बेसन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में काफी मददगार होता है।

World Vitiligo Day 2020: छुआ छूत की बीमारी नहीं है सफेद दाग की समस्या, समाज में फैली हैं ये 3 भ्रांतियां

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World Vitiligo Day 2020
World Vitiligo Day 2020

World Vitiligo Day 2020: सफेद दाग एक स्किन से जुड़ी समस्या है। इसे मेडिकल की भाषा में विटिलिगो कहते हैं। हर साल 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे 2020 मनाया जाता है। (World Vitiligo Day 2020) इस दिवस को मानने का उद्देश्य लोगों में इस रोग के प्रति भ्रातियों को समाप्त करना है। विटिलिगो के कारण व्यक्ति के शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद दाग के निशान हो जाते हैं। इस समस्या में व्यक्ति के स्किन पर प्राकृतिक रंग के स्थान पर छोटे-छोटे सफेद धब्बे दिखाई देते हैं।

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शुरुआत में मरीज के हाथ, पांव, गर्दन, कोहनी और कमर जैसे हिस्सों पर सफेद धब्बे दिखते हैं। धीरे-धीरे ये धब्बे आपस में मिलकर बड़े हो जाते हैं। (World Vitiligo Day 2020) इस तरह से शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद दाग फैलते हैं। इस समस्या में मरीज को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है। चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर सफेद दाग दिखने की वजह से वे कुरुप दिखते हैं, जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में रहते हैं।

सफेद दाग होने के कारण (Reason of White Spots)

किसी कारण से स्किन का प्राकृतिक रंग बनाने वाली कोशिकाएं जिन्हें ‘मेलेनोसाइट्स’ कहते हैं, वह नष्ट होने लगती हैं। इन कोशिकाओं के नष्ट होने की वजह से शरीर पर सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं। विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इसके कारण स्वस्थ कोशिकाएं आपस में नष्ट होनी लगती हैं।

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विटिलगो कई कारणों से हो सकता है। दुर्बल्यता, आनुवांशिकी, चिंता, बच्चों में पेट के कृमि, तनाव इत्यादि के कारण सफेद दाग की समस्या हो सकती है। समाज में विटिलिगों यानि सफेद दाग को लेकर कई सारी भ्रांतियां मौजूद हैं। कुछ लोगों को लगता है कि यह बीमारी छूने से फैलती है। चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ भ्रांतियों के बारे में-

समाज में फैली भ्रांतियां और निवारण

छूत की बीमारी नहीं है विटिलिगो

बहुत से लोगों ने यह धारणा बना ली है कि विटिलिगो यानि सफेद दाग छूत की बीमारी है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति जिसके भी संपर्क में आएगा, वह विटिलिगो से प्रभावित हो सकता है। लेकिन आपको बता दें कि यह एक मिथ है। विटिलिगो छूत की बीमारी नहीं है, यह रोग छूने, साथ बैठने से नहीं फैलता।

आनुवांशिक रोग होने की धारणा

समाज में बहुत से लोगों का ये मानना है कि सफेद दाग की समस्या जिन लोगों को होती है, उनके बच्चों को भी यह रोग हो सकता है, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। सिर्फ 10 प्रतिशत मामलों में ऐसा हो सकता है।

सफेद कुष्ठ रोग

विटिलिगो सफेद कुष्ट रोग है यह धारणा भी मिथ है। यह कुष्ठ रोग नहीं है। सफेद दाग से ग्रसित लोगों से घृणा करने की अपेक्षा, उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। ऐसे रोग से ग्रसित लोगों को समाज में अपनाना चाहिए, ताकि वे किसी तरह के डिप्रेशन में ना रहें।

पतंजलि ने लॉन्च की कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा, 7 दिन के अंदर ठीक हुए 100% मरीज

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Coronavirus Patanjali Medicine
Coronavirus Patanjali Medicine

Coronavirus Patanjali Medicine: कोरोनावायरस का खौफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अब इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से अच्छी खबरे सामने आ रही हैं। देश में हाल ही में फार्मा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स ने कोरोनावायरस की दवा पेश की है। इसी बीच अब योग गुरु बाबा रामदेव ने भी मंगलवार यानि आज कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा (Coronavirus Patanjali Medicine) “कोरोनिल” लॉन्च कर लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी है।

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कोरोनिल के बारे में बाबा रामदेव ने कहा है कि उन्होंने इस दवा का दो बार ट्रायल कर लिया है। इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल 100 लोगों पर किया जा चुका है। इसमें 3 दिनों के अंदर 100 में 69% मरीज कोरोनावायरस पॉजिटिव से निगेटिव हुए। वहीं, 7 दिनों के भीतर 100% मरीज ठीक हो चुके हैं। 

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बाबा रामदेव ने दवाई लॉन्च करने के मौके पर कहा, “पूरा देश और दुनिया जिस पल की प्रतीक्षा कर रहा था, आज हम ये घोषणा करता हैं कि कोरोना की दवा तैयार हो गई है। पूरी दुनिया एविडेंस बेस्ड मेडिसिन के ऊपर ही काम कर रही है। प्रोफेसर बलबीर सिंह तोमर और हमारे आचार्य जी के संयुक्त प्रयास से कोरोना की दवा तैयार हुई है।”

आगे उन्होंने कहा, “क्लीनिकल केस स्टडी में हमने 280 रोगियों को शामिल किया और सभी की रिकवरी हुई। क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल भी हुआ। पतंजलि रिसर्च सेंटर परइ और निम्स ने ट्रायल किया। 95 रोगियों ने भाग लिया और 3 दिन के अंदर 69% रोगी रिकवर हो गए और 7 दिन के अंदर 100 परसेंट ठीक हुए हैं।”

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