Sushant Singh Rajput Depression: सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर सुनने के बाद लगभग पूरा देश सदमे में है। दो दिन बीत जानें के बाद भी लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत का निधन हो गया है। (Sushant Singh Rajput Depression) वह ना सिर्फ एक अच्छे एक्टर थे, बल्कि एक बहुत ही साफ और नेक दिल के इंसान भी थे। वह अपने परिवार के लिए एक काबिल बच्चा थे, जिसने पढ़ाई से लेकर करियर सभी जगह अपने परिवार को गौरवान्वित किया।
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महज 34 साल में सुशांत (Sushant Singh Rajput Depression) ने वो सब हासिल किया, जिसे हासिल करने के लिए लोगों की सारी उम्र भी छोटी पड़ जाती है। काम, पैसा रुत्बा सबकुछ पाया सुशांत ने फिर भी उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया, यह सवाल सभी के मन में है। यह सवाल मन में आना बहुत सामान्य-सी बात है। आइए जानते हैं आखिर (Depression) डिप्रेशन क्या है और क्यों लोग इससे ग्रसित होकर इतना बड़ा कदम उठा लेते हैं।
डिप्रेशन क्या है? (What is Depression)
डिप्रेशन एक मेंटल डिसऑर्डर है। यह व्यक्ति पर तुंर हावी नहीं होता, बल्कि अलग-अलग चरणों में लोगों पर हावी होता है। अगर समय रहते व्यक्तियों में इसके लक्षण की पहचान ना की जाए, तो डिप्रेशन गंभीर रूप धारण कर सकता है।
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डिप्रेशन का फेज (Depression Phase)
डिप्रेशन का पहला चरण स्ट्रेस होता है। (Stress) स्ट्रेस का कारण सामाजिक, आर्थिक या भावनात्मक कुछ भी हो सकता है। अगर व्यक्ति में स्ट्रेस को कम नहीं किया गया, तो यह समस्या एंग्जाइटी में बदल सकती है। अगर एंग्जाइटी लंबे समय तक बनीं रही और इसका इलाज समय पर नहीं किया गया, तो यह डिप्रेशन का रूप धारण कर सकती है।
डिप्रेशन के दो अलग-अलग रूप (Forms of Depression)
डिप्रेशन का पहला रूप होता है, जिसमें मरीज मरीज नकारात्मक विचारों से घिरा रहता है। ना चाहते हुए भी मरीज के दिमाग में नकारात्मक बातें आती रहती हैं। धीरे-धीरे यह विचार उनके दिमाग पर हावी होने लगता है। इसके बाद व्यक्ति का व्यवहार भी विचारों की तरह नकारात्मक होने लगता है।
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डिप्रेशन का दूसरा रूप क्रॉनिक डिप्रेशन होता। इस स्थिति में मरीज को अकेलापन, घबराहट और निराशा महसूस होती है। इससे ग्रस्त मरीज को अकेले होने का डर हमेशा लगा रहता है और किसी की सलाह पर वह विश्वास नहीं कर पाता है। डिप्रेशन के कारण मरीज को लगता है कि उसे कोई नहीं समझ सकता है, वह दुनिया में बहुत अकेला है। व्यक्ति के अंदर ये सभी विचार हॉर्मोनल डिसबैलंस के कारण आते हैं।
डिप्रेशन क्यों होता है? (Why does Depression Happen)
डॉक्टर्स के अनुसार, ब्रेन में सेरोटॉनिन हॉर्मोन की कमी के कारण डिप्रेशन होता है। सेरोटॉनिन हॉर्मोन का बनाना जब ब्रेन में कम हो जाता है, तो लोगों के मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं। इस तरह के मानसिक बीमारी से बचने के लिए सायकाइट्रिस्ट की सलाह लेनी चाहिए। साथ ही अपने खान-पान का भी ख्याल रखना चाहिए।
डिप्रेशन के प्रति जरूरी है जागरुकता (Awareness About Depression)
पागलपन और मानसिक रोगों में अंतर होता है, लोगों को इस बारे में अंतर समझने की जरूरत है। हमारे समाज में मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुकता की काफी कमी है। मेंटल हेल्थ के बारे में जानकारी कम होने की वजह से हम अपने दोस्तों और परिजनों से समय रहते सहायता नहीं ले पाते हैं, इसके कारण यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।
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लोगों को समझना होगा कि मानसिक बीमारी भी शारीरिक बीमारियों की तरह ही होता है। यह बहुत ही सामान्य होता है और इसका इलाज किया जा सकता है। अगर लोगों को इस बारे ज्ञान हो जाए, तो उन्हें अपने प्रियजनों को खोना नहीं पड़ेगा।
हैपी हॉर्मोन होता है सेरोटॉनिन (Happy Hormone is Serotonin)
सेरोटॉनिनहैपी हॉर्मोन (Serotonin Hormone) होता है। जब हम खुश और सुरक्षित महसूस करते हैं, तो इस हार्मोन का दिमाग में खुद-ब-खुद सीक्रेशन हमारे दिमाग के अंदर सही मात्रा में होता रहता है। वहीं, अगर व्यक्ति जब शारीरिक या मानसिक समस्या से गुजर रहा होता है, तो ब्रेन में इसका उत्पादन कम हो जाता है। इससे व्यक्ति डिप्रेशन की तरफ बढ़ने लगता है।